आलेख : शशिरत्न पाराशर
महासमुंद : छत्तीसगढ राज्य सरकार ग्रामीण गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए नई-नई योजनाएं बनाती है। ताकि ग्रामीण गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से मज़बूती मिल सके। अब इसी योजनाओं में एक और योजना शामिल हुई है। जिसका नाम महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना (रिपा) है।
इस योजना के तहत महासमुंद जिले के पांचों विकासखण्ड के दो-दो गौठानों का रिपा के लिए चयन किया गया है। इनमें महासमुंद विकासखण्ड के बिरकोनी एवं कांपा, बागबाहरा के एम.के. बाहरा एवं तिलाईदादर, पिथौरा के बगारपाली एवं गोड़बहाल, बसना के नवागांव एवं चिमरकेल तथा सरायपाली के चिरको एवं भुथिया शामिल है। इन चयनित गौठानों को रिपा अंतर्गत राशि स्वीकृत की गयी है। जिससे वे आजीविका संबंधित गतिविधियों का संचालन कर सकेंगे। प्रथम चरण में प्रत्येक विकासखण्ड में दो गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य सरकार के बजट में इस योजना के लिए राशि का प्रावधान किया गया है।
इससे पहले 2 अक्टूबर 2022 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न गौठानों को आजीविका के केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए महात्मा गाँधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रिपा) का शिलान्यास किया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए गांव के गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिए यहां और विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियां संचालित की जायेंगी।
इंडस्ट्रियल पार्क ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए आजीविका का अतिरिक्त आय का साधन बनेगा। इस योजना के तहत प्रथम चरण में प्रत्येक विकासखण्ड में दो गौठानों का चयन किया गया है। ग्रामीण आजीविका पार्क में ग्रामीणों को आजीविका संवर्धन के लिए शासन की ओर से मूलभूत सुविधाएं, आधारभूत संचरना जैसे आंतरिक सड़क, विद्युत, जल एवं नाली व्यवस्था, वर्कशेड, भण्डारण, प्रशिक्षण, मार्केटिंग सपोर्ट, तकनीकी मार्गदर्शन इत्यादि उपलब्ध कराए जायेंगे। इस योजना में इच्छुक स्थानीय युवाओं, स्व-सहायता समूहों का चिन्हांकन कर उद्यमियों को बिजनेस प्लान के आधार पर मशीनरी तथा बैंक से ऋण विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत पात्रतानुसार अनुदान, सब्सिडी अथवा शून्य ब्याज दर पर ऋण लेने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में स्थापित ग्रामीण औद्योगिक केन्द्रों में काम करने वाले ग्रामीण युवा उद्यमियों के सपनों को एक नया आयाम मिलने वाला है। ग्रामीण औद्योगिक केन्द्रों यानि रीपा में अब भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) मुम्बई के सहयोग से छत्तीसगढ़ के सभी रीपा सेंटरों में ग्रामीण तकनीक का प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण देने के लिए ग्रामीण तकनीकी केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इन केन्द्रों में 72 से ज्यादा ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर आधारित उद्यम तकनीक का प्रशिक्षण युवाओं को दिया जाएगा। बार्क द्वारा यहां मास्टर ट्रेनर भी तैयार किए जाएंगे। बार्क के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और रीपा में ग्रामीण तकनीकी केन्द्रों की स्थापना में सहयोग दिए जाने की सहमति दी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल की मंशा के अनुरूप पूरे छत्तीसगढ़ में 300 गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए राज्य शासन द्वारा 300 करोड़ रूपए की मंजूरी दी गई है। कई रीपा का निर्माण पूरा हो चुका है और वहां विभिन्न ग्रामीण उद्यम संचालित किए जा रहे हैं। ग्रामीण तकनीकी केन्द्रों में युवाओं को विभिन्न रोजगार-व्यवसाय का प्रशिक्षण, फल सब्ज़ी और लघु वनोपजों के विभिन्न उत्पाद तैयार करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क) के द्वारा ग्रामीण तकनीकी केंद्र में युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जुड़ने का प्रोत्साहन दिया जाएगा। इन केन्द्रों में फल-सब्जी और वनोपजों से विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्री बनाने की विधि एवं अन्य विधाओं के संबंध में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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