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Mahasamund : निजी दुकानों में खाद के अवैध भण्डारण पर होगी कार्रवाई, जिले की सहकारी समितियों में खाद-बीज का पर्याप्त भंडारण




जिले की सहकारी समितियों में खाद-बीज का पर्याप्त भंडारण

कलेक्टर ने किसानों को समय पर धान-बीज उपलब्ध कराने के दिए निर्देश

निजी दुकानों में खाद के अवैध भण्डारण पर होगी कार्रवाई

महासमुन्द : जिले के किसानों को खरीफ मौसम की तैयारी में किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार जिले के प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में पर्याप्त मात्रा में खाद एवं बीज का भंडारण कर लिया गया है। 

उप संचालक कृषि  एफ.आर. कश्यप ने जानकारी दी कि जिले की सभी कृषक सहकारी समितियों से किसान खाद और बीज प्राप्त कर सकते हैं।अब तक जिले में कुल 41,238 टन खाद का भंडारण किया गया है, जिसमें से 18,432 टन खाद का वितरण किया जा चुका है। जो कि भण्डारण के विरूद्ध 44.70 प्रतिशत है। खाद की उपलब्धता में सहकारी एवं निजी समितियों में यूरिया 22 हजार 66, सुपर फॉस्फेट 09 हजार 67, पोटाश 02 हजार 718, डी.ए.पी. 04 हजार 861, उर्वरक 12ः32ः16 एक हजार 80 तथा उर्वरक 20ः20ः0ः13 एक हजार 446 टन भण्डारित किया गया है। वर्तमान में 22 हजार 806 टन खाद विक्रय हेतु शेष है।

वहीं बीज का भंडारण 26,859 क्विंटल किया गया है, जिसमें से 12,704 क्विंटल बीज का वितरण हुआ है। जो कि भण्डारण के विरूद्ध 47.30 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि अनाज अंतर्गत धान सामान्य, शंकर धान, मक्का, कोदो, कुटकी एवं रागी, दलहन अंतर्गत अड़हर, उड़द एवं मूंग, तिलहन फसल अंतर्गत सोयाबीन, मूंगफली एवं तिल बीजों का भण्डारण किया गया है। किसानों द्वारा उठाव के पश्चात 14 हजार 155 क्विंटल बीज वर्तमान में शेष है। जिसका वितरण किया जा रहा है। कलेक्टर ने सभी सहकारी समितियों एवं निजी दुकानों में पॉस मशीन के माध्यम से विक्रय करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही निजी दुकानों में अवैध भण्डारण पाए जाने पर जब्ती की कार्रवाई करने सख्त निर्देश दिए है। अधिकारियों द्वारा लगातार खाद-बीज की उपलब्धता एवं वितरण पर निगरानी रखी जा रही है।

डीएपी के विकल्प के तौर पर सुपर फॉस्फेट और यूरिया का उपयोग करें - कृषि उप संचालक

जिले में यूरिया एवं सुपर फॉस्फेट खाद का भण्डारण पर्याप्त मात्रा में किया गया है। यूरिया खाद 22 हजार 66 टन तथा सुपर फॉस्फेट 09 हजार 67 टन भण्डारण किया गया है। कृषि उप संचालक श्री एफ.आर. कश्यप ने बताया कि डीएपी 18ः46 खाद के विकल्प के तौर पर सुपर फॉस्फेट एवं यूरिया का आनुपातिक मात्रा उपयोग किया जा सकता है। इस संबंध में सभी सहकारी समिति और निजी दुकानों को निर्देश दिए गए हैं। जल्दी पकने वाली धान की किस्मों के लिए प्रति एकड़ पोषक तत्व का अनुपात नत्रजन 24 किलो, स्फूर 16 किलो एवं पोटाश 08 किलो उपयोग करने की सलाह दी गई है। इसी तरह 141 दिन से अधिक दिन में पकने वाली धान के लिए यह अनुपात 32ः20ः12 है। 126 से 140 दिन की अवधि में पकने वाली धान के लिए 40ः24ः16 के अनुपात में खाद उपयोग करने की सलाह वैज्ञानिकों द्वारा दी गई है। धान की संकर किस्मों के लिए 52ः32ः24 किलो के अनुपात में खाद उपयोग करने की सिफारिश की गई है।

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