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छत्तीसगढ : BJP का दूसरी लिस्ट रक्षाबंधन पर आ सकती है , 28 से 30 सीटों पर हो सकती है उम्मीदवारों के नाम की घोषणा



News Credit By Bhaskar , Yashawant Gohil  

छत्तीसगढ़ भाजपा ने 21 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर पहले ही सबको चौंका दिया है। अब इसी महीने दूसरी सूची भी जारी कर सकती है। इसमें 28 से 30 नाम हो सकते हैं। ये सभी वो सीटें होंगी, जिनमें पिछली पार पार्टी को 20 हजार से ज्यादा वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। संभावना है कि रक्षा बंधन और उसके आसपास नामों का ऐलान किया जा सकता है।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में सोमवार को चुनाव समिति की हुई बैठक में बाकी सीटों पर नामों को लेकर मंथन किया गया था। प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने कहा था कि जल्दी ही दूसरी सूची आएगी। भाजपा ने पहले ऐसे 54 नामों को छांटा था, जहां पिछली बार बड़ी हार मिली थी। इन्हीं सीटों पर पहले प्रत्याशी घोषित किए जा रहे हैं। इसी फार्मूले के तहत पहले 21 सीटें डिक्लेयर की गई हैं।

जिन्हें भाजपा में लाए, उन्हें टिकट मिलना तय
ये तय माना जा रहा है कि जिन लोगों को भाजपा में हाल ही में शामिल कराया गया है, उन्हें टिकट मिलेगा। IAS नीलकंठ टेकाम भी उनमें शामिल हैं। पार्टी उन्हें केशकाल से चुनाव लड़ा सकती है। इसी तरह सीतापुर में सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ सदस्यता लेने वाले अनिल निराला को टिकट मिलने की पूरी संभावना है। सतनामी समाज के धर्म गुरु बालदास अपने पुत्र खुशवंत दास के लिए आरंग से टिकट मांग रहे हैं और पार्टी उन्हें टिकट दे भी सकती है।

धर्मगुरु के बेटे के भाजपा प्रवेश से कई समीकरण बदलेंगे
रायपुर उत्तर में पार्टी सिंधी समाज के सदस्य को टिकट देने के मूड में दिख रही है। इसके लिए कई नाम हैं। चैंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष अमर पारवानी का नाम प्रमुख है। हालांकि बताया जा रहा है कि वे भाजपा से चुनाव नहीं लड़ना चाहते। लिहाजा पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी फिर से कतार में हैं। इनके साथ ही भाजपा के मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी और ललित जयसिंह भी सक्रिय हैं। बावजूद इनके जो सबसे मजबूत नाम सिंधी समाज की तरफ से चर्चा में है, वो शादाणी दरबार के प्रमुख युधिष्ठिर लाल के बेटे उदय शादाणी का है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, उदय शादाणी चुनाव लड़ते हैं, तो सिंधी समाज एक होकर चुनाव लड़ेगा, नहीं तो वोट बंटेंगे। उत्तर में सिंधी समाज की दावेदारी को देखते हुए संजय श्रीवास्तव, राजीव अग्रवाल दोनों ग्रामीण की तरफ रुख कर सकते हैं। हालांकि यहां अमित साहू का नाम पहले से चर्चा में है।

रायपुर उत्तर सिंधी समाज को नहीं, तो बिलासपुर का गणित बिगड़ेगा
बिलासपुर से अमर अग्रवाल सबसे प्रबल दावेदार हैं। 15 साल के मंत्री और 20 साल के विधायक। कहा जा रहा है कि पार्टी ने उन्हें दो विकल्प दिए हैं कोटा और बिलासपुर दोनों। लेकिन ये भी रायपुर उत्तर के समीकरण पर निर्भर है। दरअसल, बिलासपुर से डॉ. ललित माखीजा भी सशक्त दावेदार हैं, जो सिंधी समाज से आते हैं। पार्टी का मानना है कि फिलहाल एक कैंडिडेट सिंधी समाज से देना है। लिहाजा अगर रायपुर उत्तर से समाज को टिकट मिलती है, तो अमर अग्रवाल बिलासपुर से ही लड़ेंगे। यदि रायपुर उत्तर से सिंधी समाज को टिकट नहीं मिलता, तो बिलासपुर में ललित माखीजा का अवसर बढ़ेगा। ऐसी स्थिति में अमर अग्रवाल से कोटा की तैयारी के लिए कहा जा सकता है।

दक्षिण में सिंगल नाम, पश्चिम में दिक्कत
कहा जा रहा है कि दक्षिण में सिंगल नाम का ही पैनल है। यहां से केवल बृजमोहन अग्रवाल हैं, जबकि पश्चिम में राजेश मूणत के साथ आशू चंद्रवंशी और मीनल चौबे का भी नाम है। हालांकि एक चर्चा यह भी है कि राजेश मूणत को ग्रामीण का विकल्प भी दिया जा सकता है।

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