दो शिक्षक के भरोसे हाई स्कूल संचालित : शिक्षकों की कमी से प्रभावित हो रही छात्रों की पढ़ाई को लेकर अभिभावक चिंतित ।
रूपानंद सोई 94242 - 43631
पिथौरा : राज्य सरकार और शिक्षा विभाग शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने एवं स्कूलों में शिक्षक सहित अन्य व्यवस्थाएं बेहतर करने के लाख दावे कर रहा हो, लेकिन धरातल में शिक्षा का निम्न स्तर और स्कूलों में शिक्षकों की कमी बनी हुई है।
पिथौरा विकासखंड के ग्राम ढोढरकसा में वर्ष 2011 से हाईस्कूल संचालित है, जहां लगातार 13 वर्षों से शिक्षकों की कमी बनी हुई है। लेकिन ध्यान देने वाला कोई नहीं हैं। इससे पालकों में काफी नाराजगी है।
वर्तमान शिक्षासत्र में उक्त स्कूल में दो ही शिक्षक हैं । सरपंच महावीर सिदार के बताए अनुसार उक्त स्कूल के प्रिंसिपल कभी स्कूल नहीं आते हैं प्रभारी प्रिंसिपल बलधर सिदार एवं एक अन्य शिक्षक के सहारे हाईस्कूल संचालित है । प्रभारी प्रिंसिपल बलधर सिदार ने बताया कि वर्तमान शिक्षासत्र के प्रारंभ में स्कूल में लगभग 80 छात्र थे । विषयवार शिक्षक नहीं होने के कारण आधे से ज्यादा छात्र TC लेकर अन्यत्र स्कूलों में अध्ययन करने हेतु चले गये । वर्तमान में कूल 36 छात्र - छात्राऐं अध्ययनरत हैं ।
सरपंच महावीर सिदार के द्वारा शिक्षक की व्यवस्था तत्काल नहीं किये जाने पर स्कूल में तालाबंदी किये जाने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन दिया गया था ।
उक्त मांग पर जिला शिक्षा अधिकारी ने दिनांक 08/08/2023 को आदेश जारी कर शासकीय रण.कृ.उ.मा.शा.पिथौरा में पदस्थ शिक्षक नंद कुमार मरकाम एवं भुपेंद्र कुमार साहू को तत्काल हाई स्कूल ढोढरकसा में अपनी उपस्थिति देकर अध्यापन कार्य करने हेतु कहा गया था ।
रण.कृ.उ.मा.शा.पिथौरा SAGES के प्रिंसिपल एम.डी.प्रधान ने बताया की जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश प्राप्त होते ही शिक्षक नंद कुमार मरकाम एवं भुपेंद्र कुमार साहू को उक्त स्कूल से तत्काल भारमुक्त कर दिया गया है ।
लेकिन आज 19 दिन बितने के बाद भी शिक्षक नंद कुमार मरकाम एवं भुपेंद्र कुमार साहू ने जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा जारी आदेश का अबतक पालन नहीं किया गया और हाई स्कूल ढोढरकसा में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं की है । जिससे छात्रों की पढ़ाई को लेकर अभिभावक काफी चिंतित हैं।
ग्रामीणों ने बताया की गांव में हाई स्कूल होते हुए भी शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों को अन्य स्कूलों में भेजने के लिए मजबुर हैं इससे ग्रामीण आर्थिक एवं मानसिक रूप से परेशान हैं । सरपंच महावीर सिदार का कहना है कि शासन शिक्षक का अगर व्यवस्था नहीं कर सकती तो हाई स्कूल को बंद कर दिया जाए क्योंकि बच्चों का भविष्य के साथ खिलवाड हो रहा है ।
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