रूपानंद सोई 94242 - 43631
पिथौरा : प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी अग्रवाल महिला मंडल पिथौरा के द्वारा तीज पर्व धूमधाम से मनाया गया, इस दौरान श्री अग्रसेन भवन के हाल को आकर्षक ढंग से सजाया गया था सेल्फी पाइंट बनाया गया था व झूला लगाया गया था जहां पर अग्रवाल समाज की महिलाओं ने पहुँच कर झूले का आनंद लिया । साथ ही स्वादिष्ट व्यंजन भी रखा गया था । इस संबंध में अग्रवाल महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती नीलम अग्रवाल ने बताया कि सावन की तीज का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह महिलाओं के सजने संवरने और खुशियां मनाने का त्योहार है। सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हर साल हरियाली तीज के रूप में मनाया जाता है।
समाज की महिलाएं तीज के त्यौहार पर 16 श्रृंगार करती हैं। महिलाएं परम्परागत कपड़े और चूड़ियां पहनती हैं, साथ ही मेहंदी लगाती हैं। हंसी-ठिठोली करती हैं। इस दौरान महिलाएं तीज से जुड़े लोकगीत भी गाती हैं। तीज के दिन शादीशुदा बेटी व बहन के घर मायके से सिंधारा भेजा जाता है। इसे मायके का आशीर्वाद माना जाता है। इसलिए इसे सिंधारा तीज के रूप में भी जाना जाता है।
अग्रवाल समाज में खास तरीके से तीज का त्यौहार मनाया जाता है। वहां पर तीज की कोथली देने की परंपरा निभाई जाती है। इस दौरान किसी भी विवाहित स्त्री के मायके की तरफ से सावन के महीने में उसकी कोथली भेजी जाती है । इस कोथली में महिला के साथ साथ उसके ससुराल के लोगों के लिए कपड़े तथा फल तथा कुछ विशेष तरह के मिठाई भेजी जाती है । कोथली की मिष्ठान्न में विशेष तौर पर घेवर, फिरनी, आटे के बिस्कुट, बताशे, मठरी (मट्ठी) और मीठा सामान भेजा जाता है।
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