छत्तीसगढ राज्य सूचना आयोग ने दो मामले में जन सूचना अधिकारी द्वारा आरटीआई के तहत विलंब से जानकारी देने पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है , वेतन से कटेगी जुर्माने की राशि ।
पिथौरा : मिली जानकारी अनुसार आरटीआई कार्यकर्ता रूपानंद सोई के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत पिथौरा विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत अनसुला एवं ग्राम पंचायत परसापाली में 4 मई 2022 को जनसूचना अधिकारी से विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई थी ।
समय सीमा निकलने के बाद भी जानकारी नहीं मिलने पर रूपानंद सोई के द्वारा 11 जुलाई 2022 को सीईओ जनपद पंचायत पिथौरा के समक्ष प्रथम अपील दायर की गई । उसके बाद भी जब जानकारी प्राप्त नहीं हुई तो आरटीआई कार्यकर्ता रूपानंद सोई ने छत्तीसगढ राज्य सूचना आयोग रायपुर में द्वितीय अपील की ।
द्वितीय अपील की सुनवाई में जनसूचना अधिकारी द्वारा अपीलकर्ता को जानबुझकर वांछित जानकारी से दो साल तक वंचित रखे जाने, प्रथम अपील अधिकारी के आदेशों की अवहेलना किये जाने, प्रकरण में घोर उदासिनता बरते जाने का दोषी मानते हुए राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र कुमार शुक्ल के द्वारा 29 नवंबर 2024 को आदेश पारित कर जनसूचना अधिकारी सुश्री सरिता सिन्हा, ग्राम पंचायत अनसुला एवं जनसूचना अधिकारी श्री हरीहर यदु , ग्राम पंचायत परसापाली के विरूद्ध सूचना के अधिकार अधिनियम -2005 की धारा 20 (1) के तहत 25-25 हजार रूपया का अर्थदण्ड लगाया है । जिसकी वसुली इनके वेतन से की जायेगी ।
दोषी जनसूचना अधिकारी पुनर्विचार हेतु दाखिल करेंगे याचिका
उक्त मामले में पंचायत सचिव सुश्री सरिता सिन्हा एवं श्री हरिहर यदु के द्वारा पंचायती कार्य की व्यस्तता के कारण आरटीआई कार्यकर्ता रूपानंद सोई को जानकारी देने में विलंब हूई थी । लेकिन छत्तीसगढ राज्य सूचना आयोग में इसी तरह के अन्य कई मामले में जनसूचना अधिकारियों को चेतावनी देकर दोष मुक्त किया गया है उसी आधार पर वे भी अर्थदण्ड से दोषमुक्त करने हेतु छत्तीसगढ राज्य सूचना आयोग में पुनर्विचार हेतु याचिका दाखिल करने की बात कही है ।
Social Plugin