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महासमुंद : अधिकारी, सरकारी शिक्षक मिलकर चला रहे हैं निजी स्कूल , विभाग से नहीं ली अनुमति

 




अधिकारी, सरकारी शिक्षक मिलकर चला रहे हैं निजी स्कूल , विभाग से नहीं ली अनुमति 

महासमुंद : एक तरफ जहां बच्चों की भविष्य को संवारने के लिए राज्य सरकार व केंद्र सरकार मिलकर कई तरह की योजनाएं चला रही है जिसके अंतर्गत सरकारी स्कूलों में बच्चों को गणवेश पुस्तक स्कॉलरशिप दिया जाता है । जिससे बच्चों की पढ़ाई की स्तर ऊपर उठ सके वहीं दूसरी तरफ सरकारी शिक्षक, अधिकारी एवं जनपद पंचायत के कर्मचारी मिलकर एक समिति बनाकर निजी स्कूल संचालन कर बच्चों से मोटी फिस वसुली कर कमाई किया जा रहा है । यह मामला पिथौरा विकासखंड केे ग्राम बुंदेली का है ।

सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी अनुसार ग्राम बुंदेली में गंगा इंग्लिश स्कूल के नाम से एक निजी स्कूल संचालित है । उक्त स्कूल को भन्नूराम शिक्षण समिति के द्वारा विगत पांच सालों से संचालित किया जा रहा है । उक्त समिति को  प्रेमलाल नायक , कुशुमलता नायक, चुन कुमार जगत, नरेश कुमार भोई, रोशनी लता , मनीराम भोई, जनकराम प्रभाकर ये सात सद्स्य मिलकर संचालित करते हैं

उक्त समिति वर्ष 2019 से पंजीकृत है । समिति प्रमुख प्रेमलाल नायक स्वयं स्कूल का प्रिंसपल भी है , चुन कुमार जगत एवं रोशनी लता दोनों बलौदाबाजार जिला में सरकारी शिक्षक हैं , मनीराम भोई पिथौरा जनपद में कर्मचारी है , नरेश कुमार भोई जो की महिला बाल विकास विभाग में अधिकारी है तथा जनक राम प्रभाकर एक कृषक है ।

इसी तरह स्कूल संचालन समिति में कूल 07 सद्स्य है । जिसमें उक्त समिति के मालिक स्वयं स्कूल का प्रिंसपल बन गया और उक्त प्रिंसपल का कहना है हमारी संस्था के द्वारा नियमानुसार स्कूल संचालन किया जा रहा है । दुसरी तरफ उसी समिति के सद्स्य पिथौरा जनपद में पद्स्थ कर्मचारी मनीराम भोई एवं कृषक जनकराम प्रभाकर का कहना है उन्हे स्कूल संचालन समिति के बारे में कुछ नहीं पता , स्कूल में कितने बच्चे पढते हैं , बच्चों से कितनी फिस लि जाती है, स्कूल में कितने शिक्षक हैं, समिति के आय-व्यय के संबंध ये सब इन दोनों सदस्य को जानकारी ही नहीं हैं ।

समिति प्रमुख प्रेमलाल नायक ने झोल्टूराम डॉट कॉम को बताया की समिति का मोबाइल से वर्चुवल बैठक नियमित होती है जिसमें सभी सदस्य भाग लेते हैं । तथा स्कूल संचालन समिति में जो दो सरकारी शिक्षक एवं महिला बाल विकास अधिकारी एवं जनपद कर्मचारी हैं उनके द्वारा अपने विभाग से स्कूल संचालन हेतु अनुमति नहीं ली गई है ।

आपको बता दें कोई भी शासकीय कर्मचारी या अधिकारी अपने पद में रहते हुए अपने विभाग से बिना अनुमति के उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकता लेकिन ग्राम बुंदेली में इन दो सरकारी शिक्षक एवं महिला बाल विकास अधिकारी के द्वारा निजी स्कूल संचालित कर महिने में लाखों रूपये आमदानी अर्जित की जा रही है ।


क्या कहता है नियम
छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम (Chhattisgarh Civil Services Conduct Rules) के अनुसार, कोई भी सरकारी कर्मचारी व्यवसायिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता, जिसमें निजी स्कूल का संचालन भी शामिल है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी कर्मचारी अपने काम के प्रति समर्पित रहें और किसी भी तरह के हितों के टकराव से बचें।

नियमों के अनुसार, सरकारी कर्मचारी को कोई भी व्यापार या व्यवसाय करने या किसी भी प्रकार के व्यवसाय में संलग्न होने की अनुमति नहीं है। यदि कोई सरकारी कर्मचारी निजी स्कूल का संचालन करना चाहता है, तो उसे पहले अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा देना होगा।

उक्त पूरे मामले में RTI कार्यकर्ता रूपानंद सोई ने बताया की वे उच्च स्तरीय शिकायत करने की तैयारी में हैं ।


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