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छत्तीसगढ़ में DMF के बदले नियम : वो सारे काम निरस्त, जिसमें राशि स्वीकृत थी, पर काम शुरू नहीं हुआ, नई सरकार का फैसला
छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नई पॉलिसी के तहत सरकारी खर्च पर लगाम लगानी शुरू कर दी है। इसे लेकर शासन की ओर से बुधवार को दो आदेश जारी किए गए हैं। वित्त विभाग ने बड़े प्रोजेक्ट्स के फंड पर फिर अप्रूवल लेने के लिए कहा है। वहीं DMF (डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड) पर रोक लगा दी गई है।
शासन की ओर से जारी आदेश में सभी विभागों को खर्च कम करने का निर्देश दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है DMF के पैसों से होने वाले काम जो अब तक शुरू नहीं हुए हैं, उनकी फिर से मंजूरी लेनी होगी। मंजूरी लेने के लिए DMF परिषद नए सिरे से बनाई जाएगी।
जो निर्माण कार्य शुरू नहीं हुए, उनके लिए फिर लेनी होगी अनुमति
वित्त विभाग के संयुक्त सचिव अतीश पांडे की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि राज्य शासन ने सरकारी खर्चे में मित्तव्ययता (खर्च में कमी) बरतने के संबंध में निर्देश दिए हैं। ये आदेश तमाम विभागों के प्रमुख, संभाग आयुक्त और कलेक्टर को भेजा गया है।
निर्देश में लिखा है कि राज्य बजट में वित्त पोषित ऐसे निर्माण कार्य जो शुरू नहीं हुए हैं, उनके लिए फिर से वित्त विभाग की अनुमति लेनी होगी। विभागीय गतिविधियों के संचालन के लिए सिर्फ जरूरी चीजों की ही खरीदारी होगी। यह आदेश केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए प्रोजेक्ट या केंद्र सरकार के फंड वाले कामों पर लागू नहीं होगा।
DMF की परिषद फिर से बनेगी
खनिज साधन विभाग ने छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम के क्रियान्वयन के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। कहा गया है कि जिला खनिज संस्थान न्यास से स्वीकृत कार्य जो प्रारंभ नहीं हुए हैं, उन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। जो काम शुरू नहीं हुए उनकी पुनः समीक्षा होगी। DMF परिषद के अनुमोदन के अनुसार ही आगे की कार्रवाई होगी।
DMF शासी परिषद की बिना प्रशासकीय स्वीकृति के कोई नया कार्य प्रारंभ नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। जिले के सभी नवनिर्वाचित विधानसभा सदस्य, डीएमएफ शासी परिषद के पदेन सदस्य होंगे। ये भी कहा गया है कि तीन साल तक की अवधि पूर्ण करने वाले जनप्रतिनिधियों-सदस्यों के स्थान पर नए सदस्यों के नामांकन दिए जाएंगे।
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