Credit bhaskar
गजब का फर्जीवाड़ा : जमीन की रजिस्ट्री नहीं हुई, फिर भी नामांतरण के लिए दस्तावेज सिटीजन पोर्टल में अपलोड, तहसीलदार ने कहा- एफआईआर करें, टीआई ने लौटाया
बिना रजिस्ट्री के ही कथित खरीदार ने फर्जीवाड़ा कर जमीन का फर्जी बिक्री पत्र तैयार कराया। यह नामांतरण के लिए सिटीजन पोर्टल में अपलोड हो गया। जानकारी होने पर तहसीलदार ने इस मामले में खरीदार व अन्य के खिलाफ एफआईआर के लिए सकरी थानेदार को पत्र लिखा पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। बिना एफआईआर के ही पत्र को लौटा दिया गया है। शेष कॉलोनी निवासी अन्नपूर्णा राइस मिल के पूर्व डायरेक्टर हरीश कुमार शाह पिता गौरीशंकर शाह की ग्राम सकरी में 0.54 एकड़ जमीन है।
इस जमीन को उन्होंने किसी को भी नहीं बेचा है पर रजिस्ट्री विक्रय पत्र के अनुसार, जमीन को सरकंडा चौबे कॉलोनी निवासी रामसाय पिता स्व. बितनाराज ने खरीद लिया है। इसका दस्तावेज नामांतरण के लिए सिटीजन पोर्टर में अपलोड भी हो गया। सकरी तहसीलदार शिल्पा भगत ने रजिस्ट्री ऑफिस बिलासपुर के उप पंजीयक शांति नूतन कुजूर से इसकी जानकारी मांगी तो पता चला कि उस जमीन की रजिस्ट्री ही नहीं हुई है।
उप पंजीयक ने यह भी बताया कि सिटीजन पोर्टल में अपलोड दस्तावेज में ई-पंजीयन आईडी, दस्तावेज नंबर व दिनांक सबकुछ गलत है। उस दिन ऐसा कोई दस्तावेज रजिस्ट्री के लिए पेश नहीं हुआ था। ई-पंजीयन आईडी की सीरिज भी गलत है। इस पर सकरी तहसीलदार ने जमीन की नामांतरण कार्रवाई को निरस्त कर दिया और फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने सकरी थानेदार को पत्र भेजा। इस मामले में अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है।
सत्यापन के लिए जानकारी लेने पर हुआ खुलासा
तहसीलदार ने इस मामले में सत्यापन के लिए जानकारी मांगी गई तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। उप पंजीयक कार्यालय ने 6 अक्टूबर को पत्र भेजा। पंजीकृत अभिलेखों के आधार पर जांच करने पर जमीन का रामसाय के नाम पर पंजीकृत होना नहीं पाया गया।
खरीदार रामसाय ने रजिस्ट्री फर्जी व मनगढ़ंत बनाई है। सात दिन के भीतर पालन प्रतिवेदन पेश करने कहा गया। तहसीलदार ने टीआई को भेजे पत्र में कहा है कि यह मामला अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर 7 दिन के भीतर पालन प्रतिवेदन पेश करें। इसकी प्रति कलेक्टर,एसपी व एसडीएम को भेजी गई है।
मूल दस्तावेज की मांग की गई है
इस मामले में तहसीलदार से मूल दस्तावेज की मांग की गई है। 420 के केस में मूल दस्तावेज जरूरी होता है। दस्तावेज मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
-राजेश मिश्रा, टीआई सकरी
Social Plugin