प्रतिकात्मक तस्वीर |
महासमुंद : सरकार भले ही हर गरीब को राशन मिलने कि दावा कर रही है, लेकिन महासमुंद जिले में खाद्य विभाग की लापरवाही से दबंग राशन डीलर गरीबों के हक पर डाका डाल रहे हैं। उन्हें किसी का डर नहीं है। राशन विक्रेता इतने बेफिक्र हैं कि किसी से भी शिकायत करने की बात खुद कहते हैं। महासमुंद जिले में राशन हेराफेरी की आंशका को देखते हुए सितंबर 2022 में जिला खाद्य अधिकारी को जांच के लिए शासन ने निर्देशित किया था ।
शासन के आदेशानुसार राशन दुकानों की जांच की गई। जांच में पाया गया कि जिले के 591 शासकीय उचित मूल्य की दुकानों में से 12 (बागबाहरा में कसीबाहरा, पिथौरा मे सागुनडाप, बसना के सूखापाली, बिरसींगपाली, बसना, कुडेकेल, सरायपाली के पसरापाली, केना, कोदोकुडा, खैरझिटी, सल्डीह , अंतरला) शासकीय उचित मूल्य की दुकानो से चावल 1946.04 क्विंटल, शक्कर 45.35 क्विंटल, नमक 69.5 क्विंटल, चना 4.56 क्विंटल का गबन किया जाना पाया गया।
उसके बाद खाद्य विभाग के आला अधिकारी ने सभी दुकान संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है पर विडंबना देखिये कि 14-15 महीने बीत जाने के बाद भी आज तक राशन गबन करने वालों से सौ फीसदी न तो चावल वसूला गया और न ही किसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया।
इन 12 दुकान संचालकों में 9 दुकान संचालकों से 772.92 क्विंटल चावल वसुली किया गया। लेकिन 3 दुकान संचालकों से आज तक 1173.12 क्विंटल चावल वसूली करना बाकी है। इस पूरे मामले में खाद्य अधिकारी का कहना है कि 12 में से 05 दुकान संचालकों के खिलाफ एसडीएम के द्वारा कार्यवाही किया गया है।
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