1 दिसंबर को बडी धूमधाम से मनाया जाएगा प्रकाश पर्व , नगर कीर्तन में दुर्ग के गतका टीम करेगी प्रदर्शन
महासमुंद : बसना विकास खण्ड अंतर्गत स्थित ग्राम नानक सागर में 1 दिसंबर को प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। यह गांव अपने नाम के कारण सिखों का प्रिय बन गया है। यहां के ग्रामीण इस बात को अपने पूर्वजों से सुनते आ रहे हैं कि गुरुनानक देव जी अपनी यात्रा के दौरान नानक सागर में दो दिन रुके थे।
जहां गढ़फुलझर व रानीसागर (अब नानक सागर) में प्रतिदिन भजन-कीर्तन के साथ उपदेश दिया करते थे। उनकी मधुर वाणी, उनके सहयोगी बालाजी व मर्दाना जी का सुमधुर संगीत ग्रामीणों को इतना भा गया कि वे गुरू को कुछ दिन और रोकने की मिन्नतें करते रहे, लेकिन मात्र विश्राम के लिए रुके गुरुनानक देव जी अपने निर्धारित समय अनुसार ही आगे बढ़ गए। सिख समाज के जानकारों ने बताया कि सिख धर्म के प्रथम गुरू गुरुनानक देव 1506 ई. में अमरकंटक से जगन्नाथ पुरी यात्रा के दौरान छत्तीसगढ़ के जिला महासमुंद अंतर्गत बसना के समीप गढ़फुलझर में दो दिन अपनी थकान मिटाने के लिए रुके थे।
गढ़फुलझर निवासी व वहां के गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह हरजू ने बताया कि करीब 3 साल पहले नानक सागर गांव का नाम सुनकर रायपुर के एक सिख युवक रिंकू ओबेरॉय और दिल्ली से देवेंद्र सिंह आनंद नानक सागर पहुंचे थे। वहां वे ग्राम प्रमुखों से मिले। उन्होने ने बताया कि तत्कालीन भैना राजा ने गुरुनानक देवजी के यहां आगमन के बाद उनकी याद में इस गांव का नाम नानकसागर रखा था। गुरुनानक देवजी के नाम से करीब दो हेक्टेयर भूमि ग्राम नानकसागर में है।
इसका प्रमाण जुटाने में लगे रिंकू व आनंद ने जिला मुख्यालय से जब मिशल रिकॉर्ड निकलवाया तब वे भी चौंक गए। करीब 100 साल पुराने मिशल रिकॉर्ड में खसरा नं. 267 व 688 में क्रमशः 2.26 व 1.99 हेक्टेयर भूमि गुरुनानक देव जी के नाम से दर्ज है। दस्तावेज मिलने के बाद रिसर्च आगे बढ़ी और धीरे-धीरे ऐसे सभी प्रमाण मिलते गए, जिससे यह पता चला कि गुरुनानक देव जी करीब 519 साल पहले छत्तीसगढ के महासमुंद जिला के बसना क्षेत्र के ग्राम गढ़फुलझर के पास नानक सागर आए थे। नानक सागर में गुरू के आगमन प्रमाणित होते ही यहां होली के समय होला-महल्ला कार्यक्रम और अन्य पर्वों पर श्री अखंड पाठ रखा जाता है। समाप्ति पर कीर्तन समागम के साथ लंगर का आयोजन लगातार किया जा रहा है। कार्यक्रमों में सिखों के अलावा बंजारा समाज व रविदासिया समाज भी नानक सागर के प्रति आस्था से जुड़ जाने से यहां के कार्यक्रमों में श्रद्धालु जुटने लगे हैं।
1 दिसंबर को बडी धूमधाम से मनाया जाएगा प्रकाश पर्व
कल मनेगा प्रकाश पर्व गुरुनानक जयंती के उपलक्ष्य में आगामी 1 दिसंबर को नानक सागर में प्रकाश पर्व मनाया जाएगा। इस दिन सुबह से श्री अखंड पाठ की समाप्ति के साथ अमृतसर से पहुंचे कीर्तन जत्थे द्वारा शबद कीर्तन किया जाएगा। इसके बाद लंगर व नगर कीर्तन का आयोजन भी किया गया है। नगर कीर्तन में प्रदर्शन के लिए दुर्ग से गतका टीम भी नानक सागर पहुंचेगी।
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