रायपुर : बारनवापारा अभयारण्य के प्रशासनिक नियंत्रण में अहम बदलाव किया गया है। अब यह अभयारण्य का संचालक जंगल सफारी रायपुर के अधीनस्थ होगा। जिला वन मंडलाधिकारी (DFO) का नियंत्रण नहीं होगा। दरअसल बारनवापारा अभ्यारण में वाइल्ड लाइफ पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। विकास की कमी नजर आ रही थी। इसका आदेश 15 सितंबर को शासन ने जारी कर दिया है। अब माना जा रहा है कि अभ्यारण्य के लिए अलग से बजट मिलेगा, जिसे सामान्य वन मंडल की तरह किसी भी परिक्षेत्र में खर्च नहीं किया जा सकेगा। वर्षों से अनदेखी झेल रहे बार अभ्यारण्य को अब अपना एक पृथक वन मंडल मिल गया है।
ज्ञात हो कि पूर्व में भी बार अभ्यारण्य एक पृथक वन मंडल ही हुआ करता था. उस दौरान अभ्यारण क्षेत्र में प्रशासनिक कसावट भी उच्च स्तर की थी, परंतु इसके बाद सन 2000 में छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद बहुत से वन मंडल जैसे उत्पादन अभ्यारण सामाजिक वानिकी जैसे पृथक वन मंडल समाप्त कर सामान्य वन मंडल के अंतर्गत विलीन कर दिए गए। इसमें सबसे ज्यादा असर कार्य योजना वन मंडल (वर्किंग प्लान) को समाप्त करने का हुआ, जो आज तक अपना प्रभाव दिखा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप आज तक कई वन मंडल की कार्य योजना लंबित पड़े हुए हैं।
इससे वनमंत्री भी असंतुष्ट थे। इसलिए प्रशासनिक नियंत्रण में बदलाव किया गया है। बताया जा रहा है कि अब रायपुर के अधीन किए जाने से बारनवापारा अभयारण्य के विकास पर सीधे राजधानी की नजर रहेगी।
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