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राहुल गांधी को मिली दो साल की सज़ा और ज़मानत, अब लोकसभा सदस्यता का क्या होगा?

 


News Credit by BBC

राहुल गांधी को मिली 'मोदी सरनेम' मामले में सज़ा और ज़मानत, अब लोकसभा सदस्यता का क्या होगा?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की अदालत ने चार साल पुराने आपराधिक मानहानि केस में दो साल की सज़ा सुनाई है. हालांकि, उन्हें तुरंत बेल भी मिल गई है.

कोर्ट ने राहुल गांधी को सज़ा के ख़िलाफ़ ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए 30 दिनों का समय दिया है.

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में राहुल गांधी को अधिक से अधिक सज़ा दिए जाने की मांग की थी.

साल 2019 का ये मामला 'मोदी सरनेम' को लेकर उनकी एक टिप्पणी से जुड़ा हुआ है.

राहुल गांधी मामले की सुनवाई के वक़्त गुरुवार को सूरत कोर्ट में मौजूद थे.

राहुल गांधी की वकीलों की टीम ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि वो किसी समुदाय को अपने बयान से ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे.

राहुल गांधी ने कथित तौर पर ये बयान दिया था, "कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?"

सज़ा के एलान के बाद राहुल ने क्या कहा
सज़ा के एलान के बाद राहुल गांधी ने महात्मा गांधी के एक कथन को ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, "मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन."

वहीं कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी तानाशाह के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद कर रहे हैं और उन्हें ईडी, पुलिस, केस, सज़ा से डराने की कोशिश हो रही है.

अब इस मामले में राहुल गांधी आगे अपील करेंगे.

क्या है पूरा मामला
वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कथित तौर पर ये बयान 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान कर्नाटक के कोलार में दिया था.

उन्होंने कथित तौर पर ये कहा था कि "सभी चोरों का उपनाम (सरनेम) मोदी क्यों है?"

राहुल गांधी के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज किया गया था. भारतीय दंड विधान की धारा 499 में आपराधिक मानहानि के मामलों में अधिकतम दो साल की सज़ा का प्रावधान है.


सज़ा के एलान के बाद याचिकाकर्ता पुर्णेश मोदी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हम इस फ़ैसले का दिल से स्वागत करते हैं. दो साल की सज़ा के एलान से खुश है या नहीं सवाल ये नहीं है. ये सामाजिक आंदोलन की बात है. किसी भी समाज, जाति के ख़िलाफ़ बयान नहीं दिया जाना चाहिए. और कुछ नहीं. बाकी हम अपने समाज में बैठकर आगे चर्चा करेंगे. "

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी को 10 हज़ार रुपये के मुचलके पर ज़मानत मिली.

मौजूदा सांसद होने की वजह से राहुल गांधी की सांसदी फिलहाल ख़तरे में नहीं है. उनके पास इस फ़ैसले को चुनौती देने के लिए 30 दिन का समय है.

राहुल गांधी की वकीलों की टीम ने मीडिया से बातचीत में बताया कि सुनवाई के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि वो किसी समुदाय को अपने बयान से ठेस नहीं पहुंचाना चाहते थे.

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता का क्या होगा?

कानून के जानकार सिद्धार्थ लूथरा ने बीबीसी के सहयोगी पत्रकार सुचित्र मोहंती से बात करते हुए कहा कि सिर्फ़ दोषी साबित होने से सदन का कोई सदस्य अयोग्य नहीं हो जाता.

राहुल को तुरंत हाईकोर्ट यानी गुजरात हाई कोर्ट में अपील करनी होगी और फ़ैसले पर स्टे लेना होगा.

लूथरा के मुताबिक, "1951 के जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत किसी सदस्य को सदन से अयोग्य साबित करने के कई मानदंड हैं. जैसे कि अगर किसी भी सदन के सांसद को किसी अपराध के लिए छह साल से अधिक की सज़ा हो, या फिर उन्हें कुछ दूसरी धाराएं जैसे सेक्शन 153A ( धर्म आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने का अपराध, और सद्भाव कायम रखने के विरुद्ध काम करना) या फिर सेक्शन 171एफ़ ( चुनाव में अनुचित प्रभाव डालने से जुड़ा अपराध)."

उन्होंने बताया कि 1951 के जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत जिन अपराधों का ज़िक्र नहीं है, वैसे किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति, जिसे दो साल के ज़्यादा कि सज़ा हुई है, उसे उसी दिन से अयोग्य घोषित किया जाएगा और बाहर आने से छह साल बाद तक वो अयोग्य ही रहेगा."



क्या कह रही कांग्रेस और बीजेपी?
पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "इसका हमको अंदाज़ा लग रहा था. राहुल को बेल भी मिली है. आगे की रणनीति हम संविधान के अनुसार तय करेंगे. बीजेपी ख़ुद को छोड़कर बाकी सबपर उंगली उठाती है."

कांग्रेस चीफ़ ने बीजेपी सरकार को तानाशाह बताते हुए ये दावा किया कि राहुल गांधी सरकार के काले कारनामों को उजागर कर रहे हैं, इसलिए सरकार उनसे तिलमिलाई हुई है.




वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार की पूरी मशीनरी साम, दाम दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी की आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है. प्रियंका ने कहा कि उनके भाई कभी न डरे हैं और न कभी डरेंगे.

राहुल को हुई सज़ा पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने प्रतिक्रिया में कहा, "अब मोदी नाम लेने पर ही सज़ा हो जाती है. राहुल गांधी ऐसे व्यक्ति हैं जो पीछे हटने वाले नहीं हैं. उन्होंने किस संदर्भ में कहा वो भी तो देखिए. नीरव मोदी, ललित मोदी..और भी मोदी हैं जो देश का पैसा लेकर भाग गए, उनके बारे में बात कही."

वहीं, गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कहा, "राहुल गांधी को अपनी भाषा पर कंट्रोल नहीं है. वो किसी को भी कुछ भी बोल देते हैं. इसका परिणाम है कि उन पर केस हुआ और आज सज़ा भी हुई."

केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने इस पूरे घटनाक्रम पर कहा, "राहुल गांधी जो भी बोलते हैं, वो ऐसा हो गया है जिससे सिर्फ़ नुक़सान ही होता है. उनकी पार्टी को नुक़सान तो होता ही है लेकिन ये देश के लिए भी अच्छा नहीं है. कांग्रेस के ही कुछ नेताओं ने मुझे बताया कि राहुल गांधी का जो रवैया है उसकी वजह से सब खराब हो गया, उनकी पार्टी डूब रही है."

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी के ख़िलाफ़ हुई कार्रवाई को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि ग़ैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुक़दमे करके उन्हें ख़त्म करने की साज़िश हो रही है.

बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी को हुई सज़ा के एलान के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर हमला किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पर केस हुआ. कोर्ट उनकी दलील से संतुष्ट नहीं हुआ तो उन्हें सज़ा मिली.

उन्होंने कहा कि देश को बदनाम करना, नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ भद्दी से भद्दी गाली देना राहुल गांधी की आदत हो गई है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अगर आलोचना करें तो ठीक है. लेकिन गालियां देंगे तो कानून तो काम करेगा ही.

उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि वो ये जाकर पता कर लें कि पूरे देश में राहुल गांधी के ख़िलाफ़ कितने मानहानि केस चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र लोकलाज से चल रहा है.

बीजेपी सांसद ने कहा, "अब उन्हें वोट नहीं मिलता, तो देश के लोकतंत्र में गड़बड़ है.देश की बदनामी बर्दाश्त नहीं की जाएगी."

राहुल गांधी सांसदी पर रविशंकर प्रसाद ने कहा, "कुछ मामलों में सदस्यता जा सकती है. ये निर्णय स्पीकर का है. मैं इसमें कुछ नहीं कह सकते."

राहुल गांधी का पूरा बयान क्या था?

राहुल गांधी ने 2019 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभी में मोदी उपनाम वालों को लेकर ये बयान दिया था.

उस समय कांग्रेस अध्यक्ष रहे राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, "चौकीदार 100 फ़ीसदी चोर है."

नरेंद्र मोदी ने बीते लोकसभा चुनावों में खुद को देश-जनता का "चौकीदार" बताकर प्रचार किया था.

बात राफ़ेल विमान से जुड़े सौदे की थी. राहुल ने रैली में कहा था, "आपने 30,000 करोड़ रुपये चोरी किए और अपने दोस्त अनिल अंबानी को दे दिए. आपने 100 फ़ीसदी पैसे चुराए. चौकीदार चोर है. नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, ललित मोदी, माल्या, अनिल अंबानी और नरेंद्र मोदी- चोरों का एक समूह है."
इसके बाद राहुल ने तंज़ भरे अंदाज़ में कहा, "मेरा एक सवाल है. ये सारे चोरों के नामों में मोदी क्यों होता है, नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी? हम नहीं जानते ऐसे और कितने मोदी आएंगे?"

राहुल गांधी ने कोर्ट में क्या-क्या कहा?

याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के बाद मीडिया को बताया कि राहुल गांधी ने कोर्ट में क्या दलीलें दीं.
राहुल गांधी से जज ने पूछा कि क्या वो अपनी गलती मानते हैं. हालांकि, इसपर राहुल ने कहा कि उन्होंने कुछ भी जानबूझकर नहीं कहा और उनके बयान से याचिकाकर्ता को कोई नुक़सान नहीं हुआ है.

इस पर याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि राहुल गांधी एक संसद के सदस्य हैं, जहां देशभर के लिए कानून बनते हैं. ऐसे में अगर राहुल गांधी को कम सज़ा सुनाई जाएगी तो समाज में गलत संदेश जाएगा, कि जो लोग कानून बना रहे हैं उन्हें क्या कम सज़ा होती है.

राहुल गांधी के वकील किरीट पानवाला के हवाले से समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि चीफ़ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (सीजेएम) एचएच वर्मा की अदालत ने बीते सप्ताह इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुन ली थीं और 23 मार्च को फ़ैसला सुनाने की तारीख़ दी थी.

राहुल गांधी अक्टूबर 2021 में अपना बयान दर्ज कराने के लिए सूरत कोर्ट में पेश हो चुके हैं.

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