पिथौरा क्षेत्र की कई महिलाओं को विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। ग्राम पंचायत मेमरा की कई विधवा महिलाएं पेंशन के लिए आए दिन जनपद व ग्राम पंचायत का चक्कर काट रही हैं।
रूपानंद सोई 94242 - 43631
Mahasamund : पिथौरा क्षेत्र की कई महिलाओं को विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। ग्राम पंचायत मेमरा के कई विधवा महिलाएं पेंशन के लिए आए दिन जनपद कार्यालय व ग्राम पंचायत का चक्कर काट रही हैं। मेमरा गांव कि कई विधवा हैं इनके इनके छोटे छोटे बच्चों के अलावा और कोई नहीं है और ये मजदुरी करके गुजारा कर रही हैं। महिलाओं ने कहा कि कई बार सरपंच व सचिव को ग्राम पंचायत के बैठक में आवेदन देने के बाद भी आजतक कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
| ये विधवा महिलाऐं हैं जो भटक रहीं है पेंशन के लिए |
ये हैं वो विधवा महिलाऐं जो भटक रहीं है पेंशन के लिए
1. बेदमती बरिहा - बताती हैं कि उसके पति जय कुमार बरिहा का चार वर्ष पहले निधन हो चुका है लेकिन आज तक विधवा पेंशन का लाभ नहीं मिला ।
2. कमला नाग - का भी यही हाल है उसके पति विनोद नाग का निधन हुए पांच साल बित गये फिर भी शासन के विधवा पेंशन योजना का लाभ आज तक नहीं मिला ।
3. संजु भोई - पति सूरेंद्र भोई के मृत्यु के बाद ग्राम पंचायत के कई चक्कर काट चुकी है लेकिन पेंशन से आज तक वंचित है ।
4. दुरपती निषाद - ने कहा कि पेंशन के लिए आवेदन ग्राम पंचायत में कई बार जमा किए है लेकिन अब तक उन्हे पेंशन प्राप्त नहीं हुआ ।
5. मालती नाग - ने बताया कि उसके पति निशामणी नाग के दस वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है पंचायत में सरपंच सचिव को पेंशन के लिए गोहार लगाते लगाते थक चुकी है फिर भी उसे अभी आस है कि कोई न कोई तो उसकी मदद करेंगे और उसे पेंशन जरूर मिलेगा ।
6. बिन्दी - ने बताया कि उसके पति सागर का मृत्यु कोरोना काल में हो गई है अबतक उन्हें पेंशन मिल रहा है ।
आपको बता दें की ये केवल ग्राम मेमरा के एक ही मोहल्ले में जानकारी मिली है अगर पूरे पंचायत में खोजबिन करने पर दर्जन भर से अधिक लोग मिल जायेंगे जो आज भी पेंशन के लिए दर दर भटक रहे हैं ।
क्या कहते हैं पंचायत सचिव
ग्राम पंचायत मेमरा में पदस्थ सचिव राकेश पुरोहित का कहना है कि ये महिलाऐं कभी भी मुझसे नहीं मिली हैं और पेंशन हेतु इनके द्वारा आवेदन भी जमा नहीं कि गई है । आवेदन जमा करेंगे तो पात्रतानुसार पेंशन जरूर मिलेगी ।
ये है ग्रामीणों का कहना
पंचायत भवन कभी कभार खुलता है वो भी अधिक से अधिक आधा पौन घंटा के लिए , सचिव नियमित पंचायत भवन में नहीं बैठतें है । ग्रामीणों का पंचायत में कोई भी काम पडने पर कई - कई दिनों तक इंतजार करना पडता है ।
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