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महासमुंद : कलेक्टर की अनुमति के बगैर शासकीय भूमि की हो रही है रजिस्ट्री



महासमुंद : जिले में कलेक्टर की अनुमति के बगैर भू-माफियाओं, भू-स्वामी एवं स्थानीय ऊंची राजनीतिक पहुच रखने वालों की मदद से भूमि रजिस्ट्री का कार्य धड़ल्ले से किया जा रहा है।  अब तक कई  शासकीय भूमि की रजिस्ट्री पिथौरा में की जा चुकी है जो छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों का खुला उल्लंघन है।

गौरतलब है कि किसी भी शासकीय भूमि के क्रय-विक्रय के पूर्व छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता के प्रावधानों के अनुसार कलेक्टर की अनुमति के बिना राजिस्ट्री की प्रक्रिया गैरकानूनी है एवं असंवैधानिक मानी जाएगी, किंतु पिथौरा  उपपंजीयक कार्यालय में धड़ल्ले से रजिस्ट्री की जा रही है। 16 बिंदू, 22 बिंदू की अनिवार्यता समाप्त कर दिए जाने से भू-राजस्व आचार संहिता का उल्लंघन तो हो ही रहा है। इन शासकीय भूमि को कूटरचना करके रजिस्ट्री के कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार पिथौरा क्षेत्र के एक किसान को 4 एकड भूमि शासन से प्राप्त हुई थी । उक्त भूमि को कलेक्टर से बिक्री मंजूरी प्राप्त किये बिना ऊंची राजनीतिक पहूंच रखने वाले  ग्राम बगारपाली निवासी हेमसिंग के पास अवैधरुप से रजिस्ट्री कराकर विक्रय कर दिया गया है । कानून के मुताबिक शासकीय पट्टे की जमीन को  कलेक्टर के मंजूरी के बिना विक्रय नहीं किया जा सकता है फिर भी उक्त भूमि को हेमसिंग के द्वारा जानबूझकर कूटरचित दस्तावेज तैयार करते हुए अवैध रुप से अपने नाम पर रजिस्ट्री करा लिया है । राजस्व के उच्चाधिकारियों के नाक के नीचे खेले जा रहे इस खेल से भू-राजस्व संहिता का उल्लंघन तो हो ही रहा है।  उप पंजीयक कार्यालय भी संदेह के दायरे में है । क्योंकि इस कार्यालय में  कलेक्टर के अनुमति के बगैर भूमि की रजिस्ट्रियां हो रही हैं। पूरे मामले की  ग्राम बगारपाली के ग्रामीण उच्चस्तरिय शिकायत करने की तैयारी में हैं ।


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