चौथी लहर की आशंकाओं के बीच भारत समेत दुनियाभर में कोरोना के मामलों में तेजी आई है. कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के साथ ही पाबंदियां भी वापस आने लगी है. इन सबके बीच नए अध्ययन ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है. दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन (Fourth Covid Wave Latest Update) में पाया है कि कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो नए सब-वेरिएंट मानव शरीर में मौजूद एंटीबॉडीज को भी चकमा दे सकती हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक कई संस्थानों के वैज्ञानिकों ने मिलकर Omicron के बीए.4 और बीए.5 वेरिएंट (BA.4 or BA.5 Variant) का अध्ययन किया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अध्ययन को अपनी निगरानी सूची में भी जोड़ा था. अध्ययन में कहा गया कि जिन लोगों को वैक्सीन लगी है उनमें पांच गुना ज्यादा प्रतिरोधक क्षमता है और वे ज्यादा सुरक्षित हैं. वहीं, जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी थी उनमें एंटीबॉडीज की संख्या भी 8 गुना कम थी.
उधर, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अतिरिक्त महानिदेशक समीरन पांडा ने कहा कि भारत में रोजाना सामने आ रहे कोविड-19 के मामलों को कोरोना की चौथी लहर नहीं कहा जा सकता. न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए समीरन पांडा ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामले जिले स्तर पर देखे जा रहे है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि देश चौथी लहर की ओर बढ़ रहा है.
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