रिक्शा चालक को हाईकोर्ट से मिली राहत, FIR रद्द
बिलासपुर : एक गरीब रिक्शा चालक को बिना किसी अपराध के आरोपी बनाकर उससे 17 हजार वसूल लिया गया. पौने तीन साल के संघर्ष के बाद आखिरकार उसे हाईकोर्ट से इंसाफ मिल ही गया, जब कोर्ट ने झूठी एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया. याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि जयप्रकाश रात्रे रिक्शा चालक है. दो नवंबर 2022 को वह अपने घर पर 150 मिलीग्राम शराब पी रहा था, उसी समय एक पुलिस कांस्टेबल किशोर साहू (685) और सिविल ड्रेस में तीन अन्य कांस्टेबल उसके घर आए और याचिकाकर्ता को शराब के साथ पुलिस स्टेशन, सक्ती ले गए. किशोर ने उससे 17 हजार रुपए ले लिया. उक्त रकम जयप्रकाश की पत्नी ने झोपड़ी की छत ढलाई के लिए कर्ज पर लिया था.
जय को पुलिस स्टेशन में तब तक रखा जब तक कि उक्त कांस्टेबल को राशि का भुगतान नहीं किया गया. याचिकाकर्ता के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत झूठा मामला दर्ज कर दिया गया. यह भी बताया कि 2 वर्ष और 9 महीने बाद भी आरोप-पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया है. याचिकाकर्ता ने इस न्यायालय के समक्ष एक याचिका (सीआर) भी दायर की है, जिसमें प्रतिवादी अधिकारियों को किशोर के खिलाफ आपराधिक और विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. हाईकोर्ट ने यह कहते हुए कि याचिकाकर्ता गरीब है, और प्राथमिकी के अवलोकन से, प्रथम दृष्टया, याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है. इसलिए याचिकाकर्ता के खिलाफ पुलिस स्टेशन सक्ती, में आबकारी अधिनियम के तहत एफआईआर रद्द की जाती है.
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