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महासमुंद : विधानसभा निर्वाचन 2023 : मीडिया सेंटर के माध्यम से प्रत्याशी एवं राजनीतिक दलों की होगी निगरानी



महासमुंद : कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री प्रभात मलिक के मार्गदर्शन में आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 के लिए गठित मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति का प्रशिक्षण आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न हुआ। उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री निर्भय साहू ने कहा कि मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसे पूरी सतर्कता एवं गंभीरतापूर्वक करना है। 

जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं सोशल मीडिया पर प्रकाशित व प्रसारित होने वाले राजनीतिक विज्ञापनों पर नजर रखेगी। राजनीतिक दल एवं निर्वाचन लड़ रहे अभ्यर्थियों को टेलीविजन चैनल या केबल नेटवर्क पर विज्ञापन जारी करने के पहले निर्वाचन आयोग द्वारा अधिकृत अधिकारी के समक्ष आवेदन करना होगा। 

इसके लिए राजनीतिक दलों एवं अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार के राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित करने के पूर्व जिला स्तरीय समिति से प्रमाणन कराना जरूरी होगा। एमसीएमसी की टीम पेड न्यूज की मॉनिटरिंग कर सत्यापन करते हुए व्यय लेखा के समक्ष प्रस्तुत करेंगी।

मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति के प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर्स श्री तोषण गिरी गोस्वामी द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से मीडिया प्रमाणन के संबंध में जानकारी दी गई। मास्टर ट्रेनर ने बताया कि एमसीएमसी पेड न्यूज के मामलों में अभ्यर्थी को नोटिस प्रदान किया जाएगा। उनका सही समय पर प्राप्त उत्तर संतोषजनक होने पर पेड न्यूज का प्रकरण निराकृत माना जाएगा। असंतोषजनक पाए जाने पर तथा जांच करने पर सही पाए जाने पर पेड न्यूज का खर्च उनके व्यय लेखा में जोड़ा जाएगा। 

निर्वाचन के दौरान भ्रामक एवं अनर्गल प्रचार-प्रसार तथा जाति-धर्म के आधार पर प्रकाशन नहीं होना चाहिए। कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी या अन्य संस्था, व्यक्ति, मतदान के एक दिवस पहले बिना एमसीएमसी के प्रमाणीकरण के प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित नहीं करा सकेगा। आदर्श आचार संहिता घोषणा के बाद मीडिया सेंटर सक्रियता पूर्वक कार्य करेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के संबंध में जानकारी दी। 

मास्टर ट्रेनर ने बताया कि सोशल मीडिया में संदेश, टिप्पणी, फोटो, वीडियो, ब्लॉग या सेल्फ एकाउंट, वेबसाइट पर अधिप्रमाणन की आवश्यकता नहीं होगी। सोशल मीडिया विज्ञापन पर किया गया व्यय कंटेंट, वेतन, इंटरनेट कंपनी को भुगतान चुनाव व्यय में सम्मिलित होगा। ई-पेपर पर राजनीतिक विज्ञापन का अधिप्रमाणन आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि आयोग के आदेशानुसार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन में टीवी, चैनल, केबल के साथ रेडियो, एफएम, चैनल, सिनेमाघरों में प्रसारित राजनीतिक विज्ञापनों को भी जोड़ा जाएगा। सोशल मीडिया में शांति भंग करने, सामाजिक सौहार्द्र बिगाड़ने, देश के संविधान और कानून के विपरीत, नैतिकता, सदाचार के विपरीत और किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वाला कंटेंट नहीं होना चाहिए। 

आदर्श आचार संहिता के विपरीत पाए जाने वाले किसी विज्ञापन को प्रकाशन, प्रसारण की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस दौरान मीडिया प्रमाणन के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय व निर्वाचन आयोग के निर्देश, प्रमाणन के आधार, समिति का अधिकार क्षेत्र, मीडिया प्रमाणन की आवश्यकता, टाईमलाईन, आवेदन, आवेदन पत्र प्रारूप व अनुलग्नक, विज्ञापन का प्रमाणीकरण, प्रमाणन ऑनलाइन, मीडिया निगरानी, पेड न्यूज, फेक न्यूज सहित अन्य विषय पर जानकारी दी गई। 

प्रशिक्षण में एसडीएम श्री उमेश साहू, डिप्टी कलेक्टर श्री आशीष कर्मा, जनसम्पर्क अधिकारी श्रीमती कीर्ति पाराशर, श्री पोषण साहू, श्री सुरेश शुक्ला अध्यक्ष निदान सेवा समिति सहित समिति के सदस्य एवं अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।

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