शिक्षिका से आत्मानंद स्कूल में छेड़छाड़ - पुलिस कर रही है जांच, शिक्षिका की शिकायत आवेदन को लेने से प्रिंसिपल ने मना कर दिया । शिक्षिका ने अपने ही विद्यालय के एक शिक्षक पर यौन उत्पीडऩ की नीयत से छेड़छाड़ (Bed Touch) करने का गंभीर आरोप लगाया है।
दुर्ग : स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय (JRD) दुर्ग के एक शिक्षक पर विद्यालय की ही एक शिक्षिका ने यौन उत्पीडऩ की नीयत से छेड़छाड़ (Bed Touch) करने का गंभीर आरोप लगाया है।
इस घटना की शिकायत संबंधी आवेदन को लेने से प्रिंसिपल ने मना कर दिया। मजबूरन शिक्षिका ने जिला शिक्षा अधिकारी दुर्ग व कोतवाली थाना दुर्ग को लिखित में घटना की शिकायत करते हुए आरोपी शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।
शिकायत के अनुसार घटना 13 अक्टूबर को दोपहर करीब 12 बजे के आसपास की है। महिला शिक्षिका (प्रधानपाठक) स्टाफ रूम में अकेली बैठकर विभागीय कार्य कर रही थी। इसी दौरान सूनेपन का फायदा उठाते हुए बदनीयती से उसी विद्यालय के ही एक शिक्षक ने उक्त शिक्षिका से अचानक छेड़छाड़ (Bed Touch) करना शुरु कर दिया।
इसका शिक्षिका ने विरोध किया। शिकायत के अनुसार जब छेड़छाड़ की इस घटना की जानकारी शिक्षिका ने प्रिंसिपल को दी तो उन्होंने इस घटना पर संज्ञान लेने के बजाय आरोपी शिक्षक का पक्ष लेते हुए कहा कि वे ऐसा नहीं कर सकते । शिक्षिका ने प्रिंसिपल से कहा कि वे आरोप की पुष्टि के लिए CCTV का फुटेज देख लें। लेकिन उन्होंने बजाय कार्रवाई करने के इस घटना की जानकारी किसी को नहीं देने व किसी को लिखित शिकायत नहीं करने के लिए उक्त पिडित शिक्षिका पर दबाव बनाते हुए चुपचाप घर जाने के लिए बोल दिया।
शिकायत संबंधी आवेदन नहीं लिया जब शिक्षिका ने प्रिंसिपल से इस पूरी घटना की लिखित शिकायत करते हुए लिखित आवेदन देना चाहा तो उन्होंने आवेदन लेने से ही मना कर दिया। साथ ही घटना का CCTV फुटेज देने से भी मना कर दिया।
पुलिस कर रही जांच
कोतवाली थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। घटना सत्य पाए जाने पर आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस जांच में फुटेज गायब इस मामले की शिकायत पर शिक्षा विभाग विशाखा कमेटी से जांच कराएगा। दूसरी तरफ पुलिस ने जांच में CCTV की रिकार्डिंग देखा तो उसमें उक्त घटना की रिकार्डिंग नहीं मिली।
ऐसे में पुलिस यह मानकर चल रही है कि फुटेज हटाकर साक्ष्य से छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई है जो कि एक गंभीर अपराध है। ऐसे में साक्ष्य मिटाने व इसमें सहयोग करने वाले भी पुलिस की जांच के दायरे में आ जाएंगे। इधर इस पूरी घटना से विद्यालय की महिला शिक्षिकाओं का स्टाफ डरा हुआ है और खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है।
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