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छत्तीसगढ़ में भूकंप के झटके , कई घर की दीवारों पर पड़ी दरारें



News Credit By Bhaskar 

छत्तीसगढ़ में भूकंप के झटके, हिलने लगी कार :रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.6, कई घर की दीवारों पर पड़ी दरारें


गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) और कोरबा जिले में रविवार सुबह 9 बजकर 9 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई। भूकंप का केंद्र कोरबा पश्चिम के जमीन के नीचे 5 किलोमीटर अंदर रिकॉर्ड किया गया है। भकेंप के झटके इतने तेज थे कि कोरबा में एक कार ही हिलने लग गई। जिसका वीडियो भी सामने आया है।

कोरबा के आसपास लोगों ने जमीन हिलते हुए महसूस किया। भूकंप से पसान क्षेत्र के कच्चे पक्के मकान में दरार पड़ी हैं। दोनों जिलों में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग घर से बाहर निकल आए। यहां करीब 3 से 4 सेकेंड तक झटके महसूस किए गए। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।

अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है। मौसम विभाग का कहना है कि धरती के अंदर कुल 7 प्लेट्स हैं और ये प्लेट्स चलायमान रहती हैं। जहां प्लेट आपस में टकराती हैं, उन्हें फॉल्ट जोन कहते हैं। जब प्लेट टकराती हैं, तो ऊर्जा बाहर निकलने की कोशिश करती है। इससे जो हलचल होती है, वही भूकंप है।

भूकंप आने पर क्या करें
अगर आप घर के अंदर हों, तो जमीन पर झुक जाएं। किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के किसी हिस्से के नीचे बैठ जाएं। इसे तब तक मजबूती से पकड़कर बैठे रहें, जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं।

अगर कोई मेज या डेस्क न हो, तो अपने चेहरे और सिर को अपने बाजुओं से ढंक लें और बिल्डिंग के किसी कोने में झुककर बैठ जाएं। पलंग के नीचे भी बैठ सकते हैं।
खिड़कियों, दरवाजे, शीशे, दीवारों या फिर ऐसी कोई भी चीज जो गिर सकती हो, उससे दूर रहें।

आप भूकंप आने पर अगर घर में हैं, तो घर में ही रहें, क्योंकि अधिकतर हादसे घर से निकलने के दौरान किसी चीज के गिरने से होते हैं।

किताबों की शेल्फ या अन्य गिरने वाली चीजों से दूर रहें। किचन में नहीं रुकें।

अगर आप घर के बाहर हों, तो जहां हों वहीं पर रहें। बिल्डिंग, पेड़ों, स्ट्रीट लाइट और बिजली/टेलीफोन के तारों व खंभों से दूर रहें।

यदि आप किसी खुली जगह पर हों, तो वहां तब तक रुके रहें जब तक कि भूकंप के झटके न रुक जाएं। भूकंप से संबंधित अधिकतर हादसे दीवारों के गिरने, टूटकर गिरने वाले कांच या गिरने वाले सामान के कारण होता है।

अगर आप गाड़ी के अंदर हों, तो जितनी जल्दी संभव हो सुरक्षा के साथ गाड़ी रोकें और गाड़ी में ही बैठे रहें। बिल्डिंग, पेड़ों, ओवरपास, बिजली, टेलीफोन के तारों के पास या नीचे रुकने से बचें।

सावधानी से भूकंप के रुकने के बाद आगे बढ़ें और सड़कों, पुलों, रैम्प से बचें, क्योंकि ये भूकंप से क्षतिग्रस्त हुए हो सकते हैं।

अगर आप भूकंप आने के बाद मलबे में दब जाते हैं, तो रोशनी के लिए माचिस नहीं जलाएं, क्योंकि हो सकता है वहां गैस पाइप या सिलेंडर भी क्षतिग्रस्त हुए हों। माचिस जलाने से उसमें आग लग सकती है।

भूकंप आने पर लिफ्ट का इस्तेमाल न करें
भूकंप के दौरान कभी भी लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दरअसल भूकंप आने पर बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है, ऐसे में लिफ्ट रुक भी सकती है। अगर भूकंप अधिक तीव्रता वाला है, तो इससे लिफ्ट के नीचे गिरने की आशंका भी रहती है।

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