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पिथौरा : मॉडल स्कूल के शौचालय में इतनी गंदगी कि छात्र घुसना तक पसंद नहीं करते, स्कूल के चंद कदमों में बैठते हैं बडे अधिकारी बदहाल स्थिति को देखने की फूर्सत नहीं

  




बालिकाओं की शौचालय उपयोग करने लायक नहीं है , तीव्र दुर्गंध से छात्र एवं शिक्षक परेशान 

हाल ही में कलेक्टर ने किया था स्कूल का निरीक्षण 

स्कूल से चंद कदमों की दुरी में SDM , तहसीलदार जैसे बडे अधिकारी बैठते हैं , स्कूल की बदहाल स्थिति को देखने की फूर्सत नहीं  

रूपानंद सोई 94242 - 43631 

पिथौरा : सरकारी स्कूलों में शौचालयों की स्थिति बदतर है। जर्जर शौचालय को दुरुस्त करने में भी सरकार का ध्यान नहीं है। ऐसा स्कूल है जो सामने से एकदम चकाचक है। शहर के मॉडल स्कूलों के शौचालय में इतनी गंदगी पसरी है कि विद्यार्थी घुसना तक पसंद नहीं करते।  

विकास खण्ड मुख्यालय पिथौरा स्थित SDM एवं तहसील कार्यालय से महज चंद कदमों की दूरी पर स्थित रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं स्वामी आत्मानंद इंग्लिस मीडियम स्कूल एक ही बिल्डींग में संचालित है, उक्त दोनों स्कूल के छात्र अव्यवस्थाओं के बीच अध्यापन करने के लिए मजबूर हैं, स्कूल भवन परिसर में बच्चों के लिए शौचालय व बाथरूम में गंदगी पसरी पड़ी है।

पिथौरा के इस स्कूलों की बात की जाए तो यहां की बदहाल स्थिति को सुधारने के लिए ना तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पास फुर्सत है ना ही अधिकारी इस स्थिति को सुधारने के लिए कोई रुचि दिखाते हैं। जहां चंद कदमों में SDM, तहसीलदार, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी जैसे बड़े अधिकारियों के होने के बावजूद भी छात्रों को कक्षाओं में बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। एक बेंच में तीन छात्रों को बैठना पड़ता है। कई कक्षाओं में संख्या से ज्यादा बच्चे हैं इनको बैठने के लिए भी दिक्कत होती है, ऐसी अव्यवस्था के साथ बच्चे पढ़ने के लिए मजबूर हैं।

कक्षाओं में लगे पंखे खराब पड़े हैं। गर्मी और उमस होने की वजह से कई बार बैठने में काफी दिक्कत होती है अगर कक्षा में यह व्यवस्था दुरुस्त रहती तो अध्यापन कार्य करने में सुविधा मिलती। 


कक्षा आठवीं के एक छात्र ने बताया कि शौचालय व बाथरूम की साफ-सफाई के अभाव के कारण गंदगी का आलम है। लडकों का शौचालय कक्षा आठवीं से सटा हुआ है जिसकी वजह से तीव्र दुर्गंध कक्षा में आती है। शौचालय में लगे दरवाजे भी टूटकर उखड़ चुके हैं ऐसा सभी शौचालयों का हाल है। 



वहीं बालिका शौचालय उपयोग की स्थिति में नहीं है। लेट्रींग सीट चोक है गंदगी से पट चूका है फिर भी उपयोग करने में विवश हैं । गंदगी से अटा पडा है इस तरह के गंदगी से बच्चे संक्रमित हो सकते हैं। विकास खण्ड मुख्यालय में शासन का मॉडल स्कूल का यह हाल है तो, अंदाजा लगा सकते हैं कि अंदरूनी स्कूलों की क्या स्थिति होती होगी।



स्कूल में है कूल सात सफाई कर्मी 
स्कूल प्रबंधन के बताए अनुसार स्कूल में कूल सात सफाई कर्मी  कार्यरत हैं । तथा नियमित सफाई किये जाने की भी बात बताई गई लेकिन छात्रों ने बताया की कक्षा के अंदर नियमित सफाई नहीं होती हैं । कक्षा के अंदर भरे गंदगी में नौनीहाल अपने भविष्य गढने में मजबूर है । इतने सफाई कर्मी होते हुए भी कक्षा के अंदर बाहार, शौचालय  सभी तरफ गंदगी का अंबार है ।  

इस अव्यवस्था के चलते सभी छात्राओं को काफी पेशानी होती है। प्रबंधन को इस तरफ विशेष ध्यान देने की जरूरत है।



बंद पडा है वाटर प्यूरीफायर
स्कूल में छात्रों के लिए शुद्ध पानी पीने के लिए एक किमती RO वाटर प्यूरीफायर लगा है लेकिन बंद पडा है केवल सो पीस बनकर रह गया है । बच्चों को शुद्ध पानी पीने के लिए नहीं मिल रहा है ।

कलेक्टर प्रभात मलिक

हाल ही में कलेक्टर प्रभात मलिक ने किया था स्कूल का निरीक्षण
महासमुंद कलेक्टर प्रभात मलिक ने रणजीत कृषि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं स्वामी आत्मानंद इंग्लिस मीडियम स्कूल पिथौरा का हाल ही में निरीक्षण किया था । उक्त स्कूल का निरीक्षण के दौरान कलेक्टर के साथ स्कूल शिक्षा विभाग का अमला मौजूद रहा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के बच्चों में उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान करने सरकार द्वारा स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। योजना के तहत जिले में स्थापित किए गए स्कूलों में शासन की मंशानुरूप गुणवत्ता लाने कलेक्टर लगातार दौरा कर व्यवस्था देख रहे हैं। लेकिन उक्त स्कूल का गंदगी एवं अव्यवस्था देखकर ऐसा लगता है की स्कूल शिक्षा विभाग का अमला शासन एवं कलेक्टर के निर्देशों से कोई वास्ता नहीं रखते हैं ।

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