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महासमुंद : कृषि विभाग में भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों को उप संचालक एवं संयुक्त संचालक के पद पर किया गया पदोन्नत





रूपानंद सोई  94242 - 43631 

महासमुंद :  जंगल की भूमि की हेराफेरी कर शासकीय धन का दुरुपयोग करने की शिकायत पर कि गई जांच में पुष्ट एवं प्रमाणित होने के बाद दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के बजाय विभाग के द्वारा उन्हे उच्च पदों पर पदोन्नत किया गया है । पूरे मामले का कि गई उच्च स्तरीय शिकायत पर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव को निर्देशित किया गया है । 

मिली जानकारी अनुसार विकास खण्ड पिथौरा अंतर्गत  ग्राम सल्डीह स्थित भूमि खसरा नंबर 871 रकबा 2.34 हेक्टेयर बड़े झाड़ के जंगल एवं खसरा नंबर 872 रकबा 1.65 हेक्टेयर छोटे झाड़ के जंगल मद में राजस्व अभिलेखों में दर्ज है । 

उक्त भूमि में केंद्र सरकार की बिना अनुमति किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं हो सकता है । फिर भी कृषि विभाग पिथौरा के अधिकारी कर्मचारियों ने मिलीभगत कर कूट रचित खसरा पांचशाला तैयार करते हुए उपरोक्त भूमि को घास भूमि दर्शाकर लघु सिंचाई तालाब बनाने के लिए 20 लाख 54 हजार रुपए निर्माण विधि विरुद्ध ढंग से कर दिया गया है । 

जिसकी शिकायत एक सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा किए जाने पर जांच हुई है । जांच में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पिथौरा के द्वारा प्रेषित जांच प्रतिवेदन के अनुसार शिकायत को प्रमाणित पाते हुए निष्कर्ष दिया है की ग्राम सल्डीह पटवारी हल्का नंबर 43 तहसील पिथौरा स्थित भूमि खसरा नंबर 871 रकबा 2.34 हेक्टेयर राजस्व अभिलेख में बड़े झाड़ जंगल में दर्ज है । इसी प्रकार खसरा नंबर 872 रकबा 1.65 हेक्टेयर राजस्व अभिलेख में छोटे झाड़ के जंगल मद में दर्ज है। 

श्री एल सी कटरे वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एवं श्री राधेश्याम प्रधान सर्वेयर भूमि संरक्षण पिथौरा के द्वारा उक्त भूमि को घास मद की भूमि होने के संबंध में कूट रचित खसरा पांचशाला तैयार कर एवं बड़े झाड़, छोटे झाड़ जंगल की भूमि प्रस्तावित योजना में शामिल नहीं होने का प्रमाण पत्र जारी किया जाकर लघु सिंचाई तालाब निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया जाकर प्रस्तावित भूमि में श्री राधेश्याम प्रधान सर्वेयर भूमि संरक्षण पिथौरा के द्वारा व्यय प्राक्कलन तैयार किया गया। 

जिसके आधार पर 20 लाख 54 हजार की तकनीकी स्वीकृति एवं 20 लाख रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्राप्त कर लघुतम सिंचाई तालाब का निर्माण कराया जाना जांच में प्रमाणित पाया गया है ।

कृषि संचालनालय के द्वारा उपरोक्त मामले को गंभीर प्रकृति का मानते हुए श्री विनोद वर्मा तत्कालीन उप संचालक कृषि महासमुंद, श्री एफ आर कश्यप सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी, श्री एल सी कटरे कृषि विकास अधिकारी, श्री आर एस प्रधान सर्वेयर की संलिप्तता पाई है ।  

उपरोक्तानुसार शिकायत की जांच पुष्ट एवं प्रमाणित होने के बाद दोषी अधिकारीयों पर कार्यवाही करने के बजाय उच्च पदों पर पदोन्न्त किया गया है । श्री एफ आर कश्यप सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी के पद से पदोन्नत होकर वर्तमान में उप संचालक कृषि के पद पर महासमुंद में पदस्थ है तथा श्री विनोद वर्मा तत्कालीन उप संचालक कृषि महासमुंद को संयुक्त संचालक कृषि के पद पर पदोन्नत किया गया है । पूरे मामले में शिकायत की जांच पुष्ट एवं प्रमाणित होने के बाद भी किसी प्रकार की कोई कार्यावाही न कर दोषी अधिकारियों को उच्च पदों पर पदस्थ किया गया है । 

उक्त मामले में दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही नहीं होने पर रूपानंंद सोई के द्वारा श्रीमान सचिव , पर्यावरण तथा वन मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली के समक्ष शिकायत कि गई है जिसमें कार्यवाही हेतु प्रमुख सचिव (वन) छत्तीसगढ सरकार को निर्देशित किया गया है । 

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