Ad Code

Responsive Advertisement

Chhattisgarh : पुलिस इंस्पेक्टर के खिलाफ चल रही विभागीय जांच पर हाईकोर्ट ने लगाया स्टे


 

News Credit By NDTV 

एक साथ नहीं चल सकते विभागीय जांच और आपराधिक मामला : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को दी राहत

दुर्ग में पुलिस इन्सपेक्टर के पद पर तैनात राजेन्द्र यादव को एक आपराधिक मामले में हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने राजेन्द्र यादव के खिलाफ चल रही विभागीय जांच कार्यवाही को गलत ठहराते हुए इसपर स्टे लगा दिया है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि आपराधिक मामला और विभागीय जांच एक साथ नहीं चल सकते. कोर्ट ने ऐसा कहते हुए एक आपराधिक मामले में बिलासपुर के रहने वाले पुलिस इन्सपेक्टर राजेन्द्र यादव की विभागीय जांच पर रोक लगाकर याचिकाकर्ता को बड़ी राहत दी है.

दरअसल, बिलासपुर के रहने वाले राजेन्द्र यादव दुर्ग में पुलिस इन्सपेक्टर के पद पर तैनात हैं उनकी पदस्थापना के दौरान दुर्ग की रहने वाली एक महिला की शिकायत पर राजेन्द्र यादव के खिलाफ पुलिस थाना अमलेश्वर जिला दुर्ग में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया जिसके तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, भिलाई-3 के न्यायालय में चालान पेश किया गया. इसके बाद पुलिस अधीक्षक, दुर्ग द्वारा समान आरोपों पर राजेन्द्र यादव के खिलाफ आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच कार्यवाही शुरू कर दी गई थी. इससे विभागीय जांच की कार्यवाही से परेशान होकर इन्सपेक्टर राजेन्द्र यादव ने हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की.

याचिकाकर्ता की ओर से यह पक्ष पेश किया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने एम.पॉल एन्थनी बनाम भारत गोल्ड माईन्स लिमिटेड और अन्य मामलों में यह सिद्धान्त दिया है कि अगर किसी शासकीय कर्मचारी के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है और संबंधित विभाग द्वारा समान आरोपों पर विभागीय जांच कार्यवाही प्रारंभ कर दी जाती है और दोनों मामलों में गवाह भी समान हैं तो ऐसी स्थिति में आपराधिक मामले में अभियोजन गवाहों का बयान सर्वप्रथम लिया जाना चाहिए. अगर विभागीय जांच कार्यवाही में सभी गवाहों का बयान ले लिया जाता है तो इससे न्यायालय में चल रहे आपराधिक मामले पर गलत प्रभाव पड़ेगा जो प्राकृतिक न्याय के पूरी तरह से खिलाफ है.

वहीं, बिलासपुर हाईकोर्ट ने रिट याचिका की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता पुलिस इंस्पेक्टर राजेन्द्र यादव के खिलाफ चल रही विभागीय जांच कार्यवाही को गलत पाते हुए इस पर स्टे लगा दिया है.

Ad code

1 / 7
2 / 7
3 / 7
4 / 7
5 / 7
6 / 7
7 / 7

Ad Code

Responsive Advertisement