पिथौरा(झोल्टुराम) । छत्तीसगढ़ राज्य में ग्रामीण आबादी का एक बड़ा हिस्सा कृषि मजदूरी पर निर्भर है। छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ सत्र में ही कृषि मजदूरी के लिए पर्याप्त अवसर रहता है। रबी सत्र में फसल क्षेत्राच्छादन कम होने के कारण कृषि मजदूरी के लिए अवसर भी कम हो जाता है।
कृषि मजदूरी कार्य में संलग्न ग्रामीणों में अधिकतर लघु-सीमांत अथवा भूमिहीन कृषक हैं। इसमें से भूमिहीन कृषि मजदूर को अन्य की अपेक्षा रोजगार के कम अवसर ग्राम स्तर पर उपलब्ध होते हैं।
राज्य शासन द्वारा ऐसे वर्ग को संबल प्रदाय करने की दृष्टि से “राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना“ प्रारंभ किया गया है।
हितग्राही परिवारों की ग्राम पंचायतवार, ग्रामवार सूची मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत द्वारा तैयार कर तथा राजस्व अधिकारीयों द्वारा भूमिधारिता के संबंध में भुईयां रिकॉर्ड से परीक्षण किया जा कर। इस तथ्य का विशेष परीक्षण किया गया है कि कृषि भूमिहीन परिवारों की सूची में से परिवार के मुखिया के माता या पिता के नाम से पृथक से कृषि भूमि धारित तो नहीं है ?
क्योंकि ऐसी स्थिति में उस परिवार को उत्तराधिकार में कृषि भूमि प्राप्त होगी। राजस्व अधिकारियों से सत्यापन पश्चात् उत्तराधिकार में कृषि भूमि प्राप्त करने वाले संभावित परिवारों को सूची से पृथक् किया गया है ।
इस प्रकार तैयार की गई अद्यतन सूची संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम सभा के समक्ष दावा आपत्ति के लिए प्रस्तुत कर निराकरण के पश्चात् पात्र परिवारों को जोड़ा गया है तथा अपात्र परिवारों को पृथक किया गया है ।
इस प्रकार यथा संशोधित सूची “राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना” के लिए अंतिम रूप से तैयार कर पोर्टल पर अपलोड किया गया है। जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारीयों द्वारा यह सुनिश्चित किया गया है कि अंतिम रूप से चिन्हांकित सूची में कृषि भूमि धारित करने वाले परिवार नहीं हैं।
पिथौरा विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत माटीदरहा में उक्त योजना के तहत हितग्राही चयन की अपनायी गई उपरोक्त सारे प्रक्रिया के वावजूद कैसे अपात्र लोगों को “राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना” का लाभ मिल रहा है । ऐसा लगता है कि शासन द्वारा उपरोक्त हितग्राही चयन प्रक्रिया को केवल ग्राम पंचायत माटीदरहा के लिए शिथिल कर दिया गया हो । तभी यहां के अपात्र लोगों को जिनके माता पिता या स्वयं के नाम से राजस्व रिकार्ड में कृषि भूमि दर्ज है ऐसे किसानो को इस योजना का लाभ मिल रहा है ।
अपात्र हितग्राहीयों की सूची जिन्हे योजना का मिल रहा है लाभ -
क्र. |
हितग्राही का नाम |
पिता का नाम |
हितग्राही के माता-पिता या स्वयं के
नाम से राजस्व रिकार्ड में दर्ज भूमि का विवरण |
1. |
गनपत |
मानू |
ख.न. 349 र.0.1000 हे., ख.न.372 र. 0.1000 हे., ख.न. 374 र. 0.1700
हे., ख.न. 377 र. 0.700
हे. ख.न.500 र. 0.900 हे. ख.न. 674 र. 0.2000 हे. |
2. |
शिव कुमार |
सुजन |
ख.न.186 र.0.500 हे., ख.न. 679/1 र. 0.3400 हे. ख.न. 708/1 र. 0.4100 हे. |
3. |
उपेंद्र |
|
ख.न. 304/2 र. 0.0220 हे. |
4. |
कुशो |
पेनका |
ख.न.177 र. 0.0800 हे. ख.न. 524/1 र.0.1200
हे. ख.न. 528/1 र. 0.5300 हे. |
5. |
उत्तम |
कुशो |
ख.न.177 र. 0.0800 हे. ख.न. 524/1 र.0.1200
हे. ख.न. 528/1 र. 0.5300 हे. |
6. |
नरोत्तम |
कुशो |
ख.न.177 र. 0.0800 हे. ख.न. 524/1 र.0.1200
हे. ख.न. 528/1 र. 0.5300 हे. |
क्या कहते हैं ग्रामीण
इस मामले में ग्राम पंचायत माटीदरहा के ग्रामीणों का कहना है कि इन अपात्र लोगों को सरपंच सचिव के द्वारा पात्र बनाकर इस योजना का लाभ दिया गया है । जो कि नियम विरुद्ध है इनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए । अगर इनके खिलाफ शासन कार्यवाही नहीं करती है तो गांव के सभी किसानों को इस योजना का लाभ मिलना चाहिए।
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