Ad Code

Responsive Advertisement

छोटे बच्‍चों में मलेरिया के इन लक्षणों को अनदेखा न करें , समय रहते ध्यान दें !

 


News Credit By NBT

बच्‍चों में मलेरिया एक आम बीमारी है लेकिन इसकी वजह से बच्‍चों को कई तरह के लक्षण सहने पड़ते हैं।

मलेरिया गर्म, उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में एक आम संक्रमण है। kidshealth.org के अनुसार मलेरिया कुछ लोगों में हल्की बीमारी जबकि कुछ लोगों में जानलेवा बीमारी का कारण बन सकता है। यह बीमारी बच्‍चों को भी अपनी चपेट में लेती है। मलेरिया मच्छरों द्वारा ले जाने वाले परजीवियों के कारण होता है। कीड़े किसी ऐसे व्यक्ति को काटकर परजीवी को उठा लेते हैं जिसे पहले से ही यह बीमारी है। उसी मच्‍छर के किसी और को काटने पर वह व्‍यक्‍ति भी मलेरिया की चपेट में आ जाता है। दुर्लभ रूप से, मलेरिया एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में - मां से बच्चे में "जन्मजात मलेरिया" में या खून चढ़ाने, अंग दान, या एक ही सुई के माध्यम से पारित हो सकता है। यहां हम आपको छोटे बच्‍चों में मलेरिया के कुछ लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।

मलेरिया के लक्षण बच्चों में
तेज ठंड और पसीने के साथ शिशुओं को तेज बुखार हो सकता है। कुछ शिशुओं में बुखार के कारण फेब्राइल कंवल्‍जन हो सकता है। इसके अलावा खांसी अक्सर मलेरिया का शुरुआती लक्षण होता है।

जन्‍मजात मलेरिया के लक्षण क्या है
मलेरिया जरनल के अनुसार जन्मजात मलेरिया के संकेतों और लक्षणों में बुखार, एनीमिया, स्प्लेनोमेगाली, हेपेटोमेगाली, पीलिया, उल्टी, दस्त, खराब भोजन, बेचैनी, उनींदापन, पीलापन, सांस लेने में तकलीफ, सायनोसिस और संभवतः दौरे पड़ना शामिल हैं।

मलेरिया के लक्षण क्या होते हैं
इसके लक्षणों में मतली, पेट दर्द, उल्टी और तेज दस्त शामिल हैं। इसके अलावा बच्‍चे को मांसपेशियों में दर्द और सिरदर्द भी हो सकता ह। छोटे बच्चों को शरीर के विशिष्ट अंगों, जैसे पीठ में दर्द की भी शिकायत हो सकती है। मलेरिया से पीड़ित बच्चे थका हुआ, कमजोर और उनींदापन महसूस कर सकते हैं। उन्‍हें कम भूख लग सकती है और नींद आने में समस्या हो सकती है।

पीलिया होने पर क्या होता है
मलेरिया लाल रक्त कोशिकाओं के लगातार टूटने की ओर जाता है, जिससे बिलीरुबिन का अधिक संचय होता है, जो लाल रक्त कोशिका के टूटने का एक उपोत्पाद है। इससे शरीर में बिलीरुबिन का संचय हो सकता है, जिससे कुछ शिशुओं में पीलिया हो सकता है। छोटे बच्चों में बुखार के बजाय लो बॉडी टेंपरेचर (हाइपोथर्मिया) हो सकता है।

बच्‍चों में मलेरिया का इलाज
विश्व स्वास्थ्य संगठन शिशुओं में मलेरिया के सामान्‍य मामलों के इलाज के लिए आर्टेमिसिनिन के उपयोग का सुझाव देता है। इसकी ट्रीटमेंट में प्लाज्मोडियम प्रतिरोध को रोकने पर काम किया जाता है। आर्टेमिसिनिन और अन्य दवाओं की खुराक कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि बच्चे का वजन और लक्षणों की गंभीरता। इसमें बच्‍चे को खाने के लिए दवा दी जाती है।

मलेरिया के गंभीर मामलों में रेक्टल आर्टेसुनेट के साथ उपचार दिया जा सकता है। मलेरिया के जटिल मामलों में अंतःशिरा आर्टेसुनेट के साथ उपचार किया जा सकता है। उपचार की अवधि बच्चे के स्वास्थ्य और लक्षणों की गंभीरता के अनुसार भिन्न हो सकती है।

Ad code

1 / 7
2 / 7
3 / 7
4 / 7
5 / 7
6 / 7
7 / 7

Ad Code

Responsive Advertisement