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Chhattisgarh : दो हजार करोड़ का शराब घोटाला ! एक IAS और मेयर के भाई 'मास्टरमाइंड', चुनाव प्रचार के लिए पैसे भेजने के आरोप

 

News Credit By NBT 

ईडी का दावा है कि राज्य में 2 हजार करोड़ का घोटाला किया गया है। कोल घोटाले के बाद छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला समाने आया है। ईडी ने बताया कि इस मामले में दो लोग मास्टर माइंड हैं। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। ईडी ने बताया पैसे का उपयोग चुनाव के लिए हुआ है।

हाइलाइट्स
छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ का शराब घोटाला
राज्य में 40 फीसदी बेची गई अवैध शराब
ईडी ने अनवर ढेबर को किया है अरेस्ट
रायपुर के मेयर के भाई हैं अनवर ढेबर

रायपुर: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ का घोटाला हुआ है। ईडी ने आरोप लगाया है कि आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, शराब कारोबारी अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ में अवैध शराब सिंडिकेट के 'सरगना' हैं। भ्रष्टाचार से अर्जित रकम का इस्तेमाल चुनाव प्रचार में भी किया गया। ईडी ने कहा कि उसकी जांच में यह भी सामने आया है कि 2019 से 2022 के बीच राज्य में बिकी कुल शराब में से 30 से 40 फीसदी शराब ‘अवैध’ थी। शराब कारोबारी अनवर ढेबर की हिरासत के लिए शनिवार को रायपुर की विशेष पीएमएलए अदालत में दायर किए गए अपने आवेदन में ईडी ने दावा किया कि एक सिंडिकेट छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला किया गया। जिसमें राज्य के उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारी, निजी व्यक्ति और राजनीतिक हस्तियां भी शामिल हैं।

जांच एजेंसी ने दावा किया कि अवैध शराब की बिक्री से दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की काली कमाई की गई। अनवर कांग्रेस नेता और रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के बड़े भाई हैं। वहीं, 2003 बैच के आईएएस अधिकारी टुटेजा वर्तमान में राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात हैं।

अनवर ढेबर गिरफ्तार
ईडी ने शनिवार को अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। विशेष पीएमएलए अदालत ने बाद में उन्हें चार दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने आयकर विभाग की ओर से टुटेजा और अन्य के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में दायर आरोप पत्र के आधार पर धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएएल) के तहत मामले की जांच के लिए पिछले साल एक मामला दर्ज किया था।

चुनाव प्रचार के लिए उपयोग हुई राशि
ईडी ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में एक आपराधिक सिंडिकेट का संचालन किया जा रहा है। जो राज्य के आबकारी विभाग समेत अहम महकमों और सरकारी कंपनियों के उच्च स्तरीय प्रबंधन को नियंत्रित कर रिश्वत ले रह था। जांच एजेंसी ने कहा कि टुटेजा रिश्वत की रकम इकट्ठी करते थे और वह अनवर के साथ इस अवैध सिंडिकेट के ‘सरगना’ हैं। ईडी ने यह भी दावा किया कि सिंडिकेट रिश्वत की रकम में से अपना हिस्सा निकालकर बाकी राशि राजनीतिक हस्तियों के प्रचार के लिए भेज देता था।

तीन तरीके से हुआ घोटाला
ईडी ने आरोप लगाया कि अनवर इस सिंडिकेट के मुख्य संग्रह एजेंट हैं। उसने कहा कि अनवर की ओर से टुटेजा को 14.41 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए जाने के डिजिटल साक्ष्य उपलब्ध हैं। एजेंसी के आवेदन में कहा गया है कि सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री से तीन अलग-अलग तरीके से अवैध धन एकत्र किया। वहीं, अनवर के वकील राहुल त्यागी ने शनिवार को आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कार्रवाई राजनीति से प्रेरित प्रतीत होती है।

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