छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। आइए आपको बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में आम आदमी के लिए आबकारी नियम क्या हैं। साथ ही सरकार कैसे आबकारी पॉलिसी बनाती है।
News Credit By NBT
रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh News) की आबकारी नीति इन दिनों बड़ी ही चर्चा में है। यह नीति छत्तीसगढ़ राज्य गठन के समय मध्यप्रदेश की शराब नीति की तरह तैयार की गई थी, जिसे समय-समय पर बदला गया। इस शराब नीति को छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 नाम दिया गया। साल 2017 में बीजेपी शासनकाल के दौरन इस नीति में परिवर्तन करते हुए ठेका सिस्टम को खत्म कर दिया गया। सरकार ने खरीद-बिक्री,आयात-निर्यात जैसे सभी कार्य को अपने आधीन कर लिया। समस्त निर्णय सरकार के हाथ में थे। सरकार के आदेश पर जिला कलेक्टर द्वारा वहीं, जब कभी आबकारी की नई पॉलिसी बनाई जाती है, तब उसे नियमानुसार बनाने का काम आबकारी विभाग करता है। पॉलसी तैयार हो जाने के बाद उसे सरकार के मंत्री के माध्यम से कैबिनेट में रखने का काम किया जाता है। किसी भी तरह की पॉलिसी को अंतिम मंजूरी देने का काम सरकार कैबिनेट के जरिए करती है। वहीं वर्तमान में छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा है। बता दें कि कवासी लखमा निरक्षर है, वे इकलौते ऐसे मंत्री है, जिन्होंने मंत्री पद की शपथ सुनकर ली थी न कि पढ़ कर।
क्या है छत्तीसगढ़ का आबकारी अधिनियम?
छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनयम जिसे अधिनियम 1915 के तहत रखा गया है। दिसंबर 2000 में मध्यप्रदेश के अधिनियम जैसे ही छत्तीसगढ़ का अधिनियम तैयार किया गया था।16 साल बाद पुराने अधिनियम में संशोधन करते हुए छत्तीसगढ़ की शराब नीति राज्य सरकार के अधीन हो गई। इसमें शराब की खरीद बिक्री, ट्रांसपोर्टेशन, जैसे सभी कार्य सरकार के अधीन किया गया है। इसके साथ ही शराब की दर तय करने का काम भी सरकार के पास है, बिक्री में ठेका सिस्टम को निरस्त कर दिया गया है।निर्देशित करने का नियम बना दिया गया है।
देसी-विदेशी मदिरा पर किस तरह का लगता है शुल्क?
नए अधियम के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार देसी-विदेशी और बीयर पर अलग-अलग तरह का टैक्स चार्ज करती है। जिसमें पेटी में प्रति प्रुफ लीटर और बल्क लीटर में ड्यूटी दर निर्धारित किया गया है। देसी शराबों से जिसमें मसाला प्लेन और रासी पर 68 रुपए प्रति प्रुफलीटर का चार्ज लिया जाता है। विदेशी शराब पर 700/ पर 85 रुपए प्रुफ लीटर , 701/- से 1000/ तक 100 रुपए प्रति प्रुफलीटर, 1001/ से 1500 तक 115 रुपए प्रति प्रुफ लीटर, 1501 से 2000 तक 130 रुपए प्रति प्रुफलीटर, 2001/ से और उससे अधिक में 150 रुपए प्रति प्रुफलीटर ड्यूटी चार्ज किया जाता है। वहीं, विदेशी मदिरा, माल्ट बियर पर 22 रुपए प्रति बल्क लीटर ड्यूटी चार्ज किया जाता है।
छत्तीसगढ़ में आम आदमी के लिए क्या है नियम
छत्तीसगढ़ में अधिनियम के अनुसार शराब में आयात निर्यात करने के अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। अगर कोई वाहन सरकारी शराब को इधर से उधर लेकर जाता है तो उसे आबकारी विभाग से जारी पास का उपयोग किया जाना जरूरी है। बिना पास के वाहन शराब की ट्रांसपोर्टिंग करता है तो उसे अवैध माना जाएगा।
इसके साथ ही प्रति व्यक्ति को (जो बालिग हो ) छत्तीसगढ़ में उसे पांच लीटर तक शराब नियमानुसार रख सकता है। इसके ऊपर एक पॉव भी शराब पाए जाने पर उसके ऊपर आबकारी की अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी बनाया जा सकता है। जिसमें उस व्यक्ति को एक साल तक सजा और 2500 से एक लाख तक जुर्माना का प्रावधान है।
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