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महासमुंद : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता काली पट्टी लगाकर कल से करेंगे विरोध प्रदर्शन



घोषणापत्र में किए गए वादे और 7 सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता करेंगे अनिश्चित कालीन हड़ताल

महासमुंद:  संयुक्त मंच आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता संघ 23 जनवरी से 7 सुत्रीय मांगों को लेकर करेंगे हड़ताल। कल 3 जनवरी से 22 जनवरी तक कार्य के दौरान काली पट्टी लगाकर करेंगी विरोध प्रदर्शन। 

छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शासन के संयुक्त मोर्चा आज सैकड़ों की तादाद में महिला बाल विकास विभाग पहुंच कर, जिला परियोजना अधिकारी और शहर परियोजना अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर 7 सूत्री मांगों का ज्ञापन सोपा है। ज्ञापन में जानकारी देते हुए बताया है कि  छत्तीसगढ़ राज्य सरकार सरकार ने अपने घोषणापत्र में किए गए वादे और 7 सूत्री मांगों को 23 तारीख से पूर्व पूरी नहीं करती है, तो छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ संयुक्त मोर्चा के बैनर तले 23 तारीख से रायपुर राजधानी में 5 दिन का महापड़ाव करेंगे। महापड़ाव में भी अगर राज्य सरकार ने मांगे पूरी नहीं की, तो पूरे प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगे।

आंगनवाड़ी पूरी तरह बंद हो जाएगी, योजनाएं हो जाएगी ढप

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के हड़ताल पर चले जाने से जिल के 1681 आंगनवाड़ी केन्द्र पूरी तरह बंद हो जाएगी और राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जानी वाली सारी योजनाएं ढप हो जाएगी। महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है कि आंगनबाड़ी बंद होने से सारे काम बंद होंगे और विभिन्न तरह की परेशानियां भी सामने आएगी। हड़ताल की सूचना राज्य सरकार को भेजी जाएगी। राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ज्ञापन सौंपने जाते हुए जिले के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 

ज्ञापन सौंपने में मुख्य रूप से प्रदेश उपाध्यक्ष सुधा रात्रे, जिलाध्यक्ष सुलेखा शर्मा,  द्रोपती साहू, किरण साहू, भुनेश्वरी ध्रुए, शायरा कुरैशी, दमयंती  शर्मा,  अहिमन नारंग,  सीमा बांधे, रागिनी चंद्राक,र  अंजू चंद्राकर,  मिनाक्षी शर्मा, अंजू प्रजापति, रूपा भारती, लल्ली आर्य, सुल्ताना खान, ललिता रात्रे, शांति  बघेल एवं बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

शासकीय कर्मचारी घोषित करें- सुधा रात्रे  
प्रदेश उपाध्यक्ष सुधा रात्रे ने बताया कि  हमारी मांग जायज है। यह मांग अभी की नहीं बल्कि इससे पहले भी कर चुके हैं। फिर भी सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। आंगनबाड़ी कार्यकताओं व सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित करें। ऐसा होने तक भारत सरकार से निर्धारित न्यूनतम वेतन कार्यकर्ताओं को 18 हजार व सहायिका को 9 हजार प्रतिमाह दिया जाए। आंगनबाड़ी केंद्र में कार्यरत कर्मियों को भविष्य निधि जीवन निर्वाह भत्ता, सेवानिवृत्त भत्ता, उनके एवं उन पर आश्रितों को चिकित्सा सुविधा, बच्चों के लिए शिक्षा की सुविधा लागू की जाए।

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