पिथौरा - पंचायतों में भ्रष्टाचार की शिकायत जांच में अधिकांश जांच अधिकारी गांधी जी का दर्शन जरूर कर लेते हैं , लेकिन एक पंचायत की पूर्व महिला सरपंच ने उसके खिलाफ हो रहे जांच को रोकने हेतु जांच अधिकारीयों के समक्ष उसके विरूद्ध जांच करने पर आत्महत्या करने की धमकी देकर गांधी जी के दर्शन कराये बिना जांच अधिकारीयों को उल्टे पांव लौटाने में सफल रही । जो गांव से लेकर जनपद मुख्यालय तक चर्चा का विषय बना हुआ है ।
सुत्रों से मिली जानकारी अनुसार जनपद मुख्यालय से सटे हुए एक ग्राम पंचायत में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-20 के इस अवधि में उक्त पंचायत के समुचित विकास हेतु विभिन्न योजनाओं के तहत शासन से लगभग ढाई करोड रुपये आबंटन प्राप्त हुई है जिसमें मनरेगा के सवा करोड रुपये एवं अन्य योजनाओं की राशि 1 करोड, 27 लाख, 79 हजार, 963 रूपये व्यय किये गये है । उक्त व्यय राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया । ग्रामीणों ने कई बार कलेक्टर महासमुंद से शिकायत की लेकिन कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति कर सरपंच सचिव को जांच अधिकारियों ने क्लिन चिट देते रहे हैं । उक्त पंचायत में किये गये भ्रष्टाचार को उजागर करने हेतु एक स्थानीय पत्रकार ने 2 AUG 2022 को कलेक्टर महासमुंद में शिकायत कि जिस पर कलेक्टर ने तत्काल जांच एवं कार्यवाही करने हेतु पंचायत विभाग को निर्देश दिये थे । उक्त निर्देशानुसार जनपद पंचायत पिथौरा से जांच दल पंचायत भवन पहुचा , जैसे ही जांच अधिकारियों ने पूर्व महिला सरपंच से सवाल जवाब करने लगे तभी महिला सरपंच ने कहा की मैं कुछ नहीं जानती जो भी भ्रष्टाचार किया है सब मेरे कार्यकाल में रहे उप सरपंच ने किया है सभी पंचायत का काम वही किया है, अगर जांच करोगे तो मैं जा रही हुं आत्महत्या कर लुंगी कहते हुए फफक -फफक कर रोने लगी तभी जांच अधिकारियों ने जांच किये बिना उल्टे पांव लौट गये । और आज तक जांच पेंडींग है ।
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