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Chhattisgarh : 500 से ज्यादा अवैध पानी कंपनियों का रोज करोड़ों का कारोबार



BIS मार्क के बिना हो रही संचालित, FSSAI के बाद भी कार्रवाई नहीं

(News Credit by Patrika)

Chhattisgarh : रायपुर बोतलबंद पानी बेचने वाली कंपनियों के लिए खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने बीआईएस मार्क लेना अनिवार्य कर दिया है। इसके मुताबिक मार्केट में अब ऐसी पानी की बोतलें नहीं बेची जा सकेंगी, जिन पर बीआईएस मार्क नहीं हो। जनवरी में एफएसएसएआई ने राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन को पत्र लिखकर ऐसी कंपनियों पर कार्रवाई करने को कहा था।

एफएसएसएआई ने राज्य खाद्य औषधि प्रशासन विभाग को 150 पानी कंपनियों की सूची भेजी थी। जिन्होंने बीआईएस पंजीयन कराया है। इससे अलावा जितनी भी कंपनियां हैं, उन्होंने बीआईएस पंजीयन नहीं करवाया है। उनपर कार्रवाई करने के लिए कहा गया था।
यह थी वजह
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को शिकायत मिली थी कि गुढिय़ारी थाने के बगल में डेल ब्रांड का पानी बिना बीआईएस मार्क के सप्लाई बड़े पैमाने पर की जा रही है। इस शिकायत के आधार पर बिना बीआईए पंजीयन के पानी बेचने वालों पर एफएसएसएआई ने कार्रवाई करने को कहा था।


500 कंपनियां अवैध रूप से कर रही कारोबार
एफएसएसएआई के इस कदम से बोतलबंद पानी की गुणवत्ता तय होनी है। प्रदेश में तकरीबन 500 कंपनियां ऐसी हैं, जो बोतलबंद पानी बेचती हैं। लेकिन उनकी गुणवत्ता की गारंटी नहीं होती है। इससे लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचने का भी खतरा होता है।


लाइसेंस रीन्यूअल के लिए भी बीआईएस जरूरी
एफएसएसएआई ने अपने पत्र में कहा है कि पैकेटबंद पानी और मिनरल वाटर निर्माताओं के अब लाइसेंस भी रिनिवल तब तक नहीं किया जाएगा जब तक उनके द्वारा बीआईएस पंजीयन नहीं कराया जाता। कंपनियों को लाइसेंस हासिल करने या रजिस्ट्रेशन के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का प्रमाणन अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत बीते साल 1 अप्रैल से मिनरल वाटर (बोतलबंद पानी) बेचने वाली कंपनियों के लिए बीआईएस सर्टिफिकेट अनिवार्य किया गया है।


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