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पिथौरा : डस्टबिन खरीद में घोटाला, चार गुना अधिक रेट में खरीदी गई 1 करोड रूपये का डस्टबिन, डस्टबिन का अता-पता नहीं सभी जगह फैला है कचरा


डस्टबिन खरीद में घोटाला- चार गुना अधिक रेट में खरीदी गई 1 करोड रूपये का डस्टबिन 
डस्टबिन का अता-पता नहीं सभी जगह फैला है कचरा  

पिथौरा : 15वें वित्त योजना के तहत भारी भरकम दर पर ड्स्टबिन की खरीदी करके करोंडों रुपए का बंदरबांट करने का खेल चला है। जनपद पंचायत पिथौरा द्वारा ब्लॉक के अनेक पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए दिए गये करीब 1 करोड़ रुपए से अधिक की डस्टबिन खरीदी में भारी गड़बड़ी पाए जाने का मामला सामने में आया है।

छत्तीसगढ भण्डार क्रय नियम का पालन किये बिना करोंडों रूपये का डस्टबिन क्रय किया गया है । कोटेशन मंगाने की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है। जीएसटी सहित लगभग 2 से 3 हजार रुपए प्रति नग में खुले बाजार में मिलने वाले स्टैंण्ड के साथ 1 हरा और 1 नीला रंग के डस्टबिन को 10 हजार रुपए में ग्राम पंचायतों के द्वारा खरीदी गई है। लोगों ने कहा कि इस तरह के डस्टबिन जीएसटी सहित 2 से 3 हजार रुपए में प्रति नग के हिसाब पर खुले बाजार में उपलब्ध है।गडबड़ी तब उजागर हुई जब सूचना के अधिकार के तहत RTI कार्यकर्ता रूपानंद सोई के द्वारा जनपद पंचायत पिथौरा से जानकारी मांगी गई।

मिली जानकारी अनुसार 15वें वित्त योजना के तहत डस्टबिन क्रय हेतु स्वीकृत राशि 
दिनांक 18/01/2022 को 1 लाख 87 हजार रूपये
दिनांक 12/12/2022 को 23 लाख 90 हजार रूपये
दिनांक 06/10/2023 को 26 लाख 50 हजार रूपये
दिनांक 12/01/2024 को 60 हजार रूपये
दिनांक 15/03/2024 को 1 लाख 25 हजार रूपये
दिनांक 23/10/2024 को 32 लाख रूपये
दिनांक 20/11/2024 को 12 लाख रूपये

इसी तरह कूल 1 करोड 3 लाख 52 हजार रूपये जनपद पंचायत पिथौरा के द्वारा दी गई स्वीकृति के आधार पर ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए ग्राम पंचायत को एजेंसी नियुक्त किया गया। जिसकी अधिकांश आपूर्ति ग्राम चानाट (बसना) की एक फर्म से की गई है। जबकी उक्त फर्म ग्राम चानाट में संंचालित ही नहीं है ।

डस्टबिन का अता-पता नहीं, सभी जगह मिल जायेगा कचरा   
ग्रामीणों ने कहा कि अधिकांश पंचायतों में डस्टबिन का अता-पता नहीं है लेकिन कचरा आपको सभी जगह आसानी से मिल जायेगा ।  

सरपंच सचिव को भी नहीं मिला कमीशन
इस बारे में नाम की उजागर न करने की शर्त पर पिथौरा ब्लाॅक के कई पंचायत सचिवों एवं पूर्व सरपंचों ने कहा है कि जनपद पंचायत पिथौरा के द्वारा डस्टबिन खरीदी काे लेकर पंचायत प्रस्ताव मांगा गया था। पूर्व जनपद सदस्य एवं स्थानीय नेताओं के द्वारा जिस फर्म को पेमेंट करने के निर्देश दिया गया हमने उसके नाम पर चेक काट कर भुगतान कर दिया और कमीशन देने की बात कही गई थी लेकिन आजतक एक रूपया नहीं मिला ।  

डस्टबिन क्रय में नहीं हुआ नियम का पालन
डस्टबिन क्रय हेतु स्वीकृति आदेश के तहत जारी योजना क्रियान्वयन की शर्तों के अनुसार छत्तीसगढ भण्डार क्रय नियम तथा 15वें वित्त योजना के तहत जारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना आवश्यक है अन्यथा किसी तरह की गडबडी पाये जाने की स्थिति में पंचायत संचालनालय छत्तीसगढ से दिनांक 09/12/2020 को जारी पत्रानुसार जनपद एवं जिला सीईओ व्यक्तिगत रूप से जिम्मेवार होंगे । जबकी उक्त डस्टबिन क्रय में किसी भी पंचायत के द्वारा नियम का पालन नहीं किया गया है । एक सचिव ने बताया की कोटेशन भी उन्ही लोगों के द्वारा पंचायत में लाकर दी गई है जिसमें फर्म संचालक का हस्ताक्षर तक नहीं है । जबकी भण्डार क्रय के नियमानुसार निविदा आंमत्रित कर डस्टबिन क्रय करना था लेकिन किसी भी पंचायत के द्वारा निविदा आंमत्रित नहीं की गई है और न ही गुणवत्ता की जांच की गई है फिर भी जनपद सीईओ के द्वारा पूरी राशि 1 करोड 3 लाख 52 हजार रूपये भूगतान किया जाकर गोलमाल किया गया है ।

मुख्यमंत्री से होगी शिकायत
RTI कार्यकर्ता रूपानंद सोई ने बताया कि उक्त डस्टबिन घोटाला की जानकारी जनपद पंचायत पिथौरा से RTI के तहत अपील के बाद उन्हें मिला है तथा उक्त मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से करने की तैयारी में हैं ।


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