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Chhattisgarh : 22 साल में दूसरी बार रात को खुला हाईकोर्ट

 


डेंटल में एडमिशन के लिए रविवार को होना था MOP-UP राउंड,13 अप्रैल तक बढ़ाई गई  

(News Credit bu Bhaskar News) 

Chhattisgarh High Court ने डेंटल कॉलेज में प्रवेश के लिए जारी MOP-UP राउंड को 13 अप्रैल तक बढ़ा दिया है। दरअसल, डेंटल कॉलेजों में एडमिशन के लिए 9 अप्रैल की रात सूची जारी की गई और 10 अप्रैल तक काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी करने का फरमान जारी किया गया था। इस आदेश के खिलाफ बिलासपुर के त्रिवेणी डेंटल कॉलेज ने याचिका दायर की, जिस पर हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस आरसीएस सामंत ने रविवार की रात सुनवाई करते हुए प्रवेश की प्रक्रिया को 13 अप्रैल तक बढ़ा दिया है।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 22 साल के इतिहास में सप्ताह भर में यह दूसरा मौका था, जब हाईकोर्ट में रात में सुनवाई की गई। इससे पहले मंगलवार की रात 9.30 बजे न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खुल गया था।

दरअसल, कानून में न्याय सबके लिए समान है। हालांकि, न्यायालय के कार्य करने और न्याय देने का एक दायरा है। न्यायपालिका में न्याय देने की एक अलग व्यवस्था है। लेकिन, कई बार कोर्ट को कायदे-कानून और प्रक्रियाओं से परे जाकर न्याय की व्यवस्था करनी पड़ती है। वैसे तो छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में रविवार अवकाश के साथ ही दिवाली पर्व पर कई जरूरी मामलों की सुनवाई करने का इतिहास रहा है। लेकिन, इसमें अब किसी जरूरी मामले में रात में भी सुनवाई करने का मामला भी दर्ज हो गया है। हाईकोर्ट में रविवार अवकाश के दिनों में अब कई जरूरी मामलों की सुनवाई हो चुकी है। इसमें बीते रविवार को मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए काउंसलिंग के मामले में छात्रा की याचिका पर सुनवाई की गई थी।


रामनवमी पर्व पर खुला न्याय का मंदिर
राज्य शासन के चिकित्सा संचालक ने बीते 9 अप्रैल की रात डेंटल कॉलेजों में रिक्त सीटों को भरने के लिए MOP-UP राउंड की काउंसलिंग के लिए 1137 स्टूडेंट्स की सूची जारी कर दी और इसे अपने वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। इसके साथ ही काउंसलिंग की प्रक्रिया रविवार 10 अप्रैल को ही पूरा करने के आदेश दिए गए। इस आदेश के खिलाफ बिलासपुर के त्रिवेणी डेंटल कॉलेज ने सीनियर एडवोकेट डॉ. निर्मल शुक्ला, एडवोकेट शैलेंद्र शुक्ला और अर्जित तिवारी के माध्यम से हाईकोर्ट में रविवार को ही रजिस्ट्रार जनरल से बात की और शीघ्र सुनवाई के लिए याचिका प्रस्तुत करने की अनुमति मांगी। इसमें प्रकरण की गंभीरता को भी बताया गया। रजिस्ट्रार जनरल ने चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी को इसकी जानकारी दी, तब उनके आदेश पर रविवार की देर शाम हाईकोर्ट खोलने का आदेश दिया गया।

जस्टिस भादुड़ी और सामंत की कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए हुई सुनवाई
सीनियर एडवोकेट डॉ. निर्मल शुक्ला ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा संचालक ने देश भर के 1137 बच्चों के काउंसलिंग के लिए यह आदेश जारी किया है, जिसे एक ही दिन में पूरा करना संभव नहीं है। रविवार अवकाश के साथ ही रामनवमी पर्व भी था, जिसमें देशवासी भगवान श्रीराम की जन्मोत्सव मना रहे थे। ऐसे में काउंसलिंग की प्रक्रिया में शामिल होना स्टूडेंट्स के लिए संभव नहीं था। इस स्थिति में डेंटल कॉलेजों में सीटें खाली रह जाएंगी और स्टूडेंट्स प्रवेश नहीं ले पाएंगे। इस मामले की प्रारंभिक सुनवाई करते हुए जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस आरसीएस सामंत ने काउंसलिंग की प्रक्रिया 13 अप्रैल तक बढ़ा दी है। अब इस मामले की सुनवाई एक सप्ताह बाद होगी।

रायपुर नगर निगम की कार्रवाई पर लगाई रोक
इससे पहले मंगलवार रात को हाईकोर्ट में सेुनवाई हुई थी। मंगलवार की रात हाईकोर्ट ने रायपुर के कैलाशपुरी में एक निर्माण ढहाने को लेकर नगर निगम की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। पीड़ितों की ओर से लगाई गई याचिका की हाईकोर्ट में मंगलवार की रात 9.30 बजे जस्टिस आरसीएस सामंत की बेंच में अर्जेंट सुनवाई हुई थी। अब मामले की अगली सुनवाई सात अप्रैल को होगी। दरअसल, वर्ष 2016 में नोटिस जारी किया गया था, तब हाईकोर्ट ने सीमांकन के बाद ही किसी तरह की कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। कोर्ट के इस आदेश के बाद भी नगर निगम का अमला मंगलवार की शाम कैलाशपुरी पहुंचा और मकान ढहाने की कार्रवाई शुरू कर दी। इस पर रोक लगाने के लिए मंगलवार की शाम अर्जी लगाई गई और शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया गया। चीफ जस्टिस अरूप कुमार गोस्वामी के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल ने इस मामले की विशेष सुनवाई के लिए जस्टिस आरसीएस सामंत की बेंच गठित की।

दुर्ग CMHO ने फिंकवा दिया था सामान, दिवाली के दिन दिव्यांग को मिला न्याय
दुर्ग जिले के CMHO ने जिला अस्पताल परिसर में संचालित दिव्यांग व्यक्ति के जनऔषधि केंद्र को जबरदस्ती बंद करा दिया। इसके साथ ही दुकान से उनका सामान भी फिंकवा दिया था। परेशान दिव्यांग ने हाईकोर्ट की शरण ली और शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया। उनकी याचिका पर 4 नवंबर 2021 को दिवाली अवकाश के दिन हाईकोर्ट खुला और जस्टिस आरसीएस सामंत ने दुर्ग CMHO के बेदखली कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।

रायपुर की महिला के याचिका पर रविवार को खुला हाईकोर्ट
राजधानी रायपुर की एक महिला ने NRDA की कार्रवाई के खिलाफ याचिका प्रस्तुत की थी, जिस पर बीते 27 फरवरी रविवार को हाईकोर्ट खुल गया था। दरअसल रायपुर के माना की रहने वाली महिला के घर को अवैध कब्जा बताते हुए NRDA ने तोड़फोड़ कर दिया था। मकान के बचे हुए आधे हिस्से को भी NRDA ने तोड़ने की योजना बना ली थी। इससे परेशान होकर महिला ने NRDA की कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर कर शीघ्र सुनवाई करने का आग्रह किया। जिस पर रविवार अवकाश के दिन हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए महिला के पक्ष में स्टे ऑर्डर जारी कर दिया।

बागबाहरा के सब्जी व्यापारियों की याचिका पर हुई थी सुनवाई
महासमुंद जिले के बागबहरा के जय माता थोक सब्जी विक्रेता कल्याण संघ की ओर से चार सितंबर 2021 की रात हाईकोर्ट में शीघ्र सुनवाई की मांग की गई थी। इसमें बताया गया कि कोरोना काल में सब्जी मंडी में सभी विक्रेताओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के नाम पर SDM ने तेन्दुकोना गांव में शिफ्ट कर दिया। वहां वे सब्जी बेचकर जैसे-तैसे परिवार को पाल रहे थे। अब वहां से भी उन्हें बेदखल किया जा रहा है। उनकी फरियाद सुनने रविवार को भी हाईकोर्ट खुल गया। जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की थी। साथ ही CMO के बेदखली आदेश पर रोक लगा दी थी।

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