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Chhattisgarh : पिथौरा शासकीय भूमि का एस डी एम ने किया मुआवजा वितरण, कमिश्नर ने दिये कलेक्टर को जांच के आदेश





Mahasamund : हमेशा से पिथौरा तहसील फर्जी वाड़ा मामले में सुर्खिया बटोरती रही है  पिछले कई दिनों से भू माफियाओ द्वारा शासकीय भूमि क्रय विक्रय एवं अवैध कब्जा करने की खबर लगातार प्रकाशित किया जा ही रहा था कि और एक नया फर्जी मुआवजा वितरण मामला सामने आया है बता दे  निर्माणाधिन लोवर जोंक बैराज योजना परसवानी  हेतु भुमि अधिग्रहण किया गया है जिसमें शासकीय भूमि का मुआवजा एस डी एम द्वारा 11 लाख 65 हजार 840 रुपये  का वितरण कर दिया गया है ।

मिलीजानकारी अनुसार ग्राम माटीदरहा तहसील-पिथौरास्थित भूमि ख.न.458 रकबा 1.29 हे. शासकीय काबिल काश्त भूमि रही है। उक्त भूमि का विधि विरूद्ध पट्टा बनाया गया था। जिसे न्यायालय कलेक्टर महासमुंद द्वारा रा.प्र.क्रमांक- 02अ/19 वर्ष 2012-13 में पारित आदेश दिनांक 31/03/2014 के अधीन निरस्त करते हुए 10 दिनों के भीतर अभिलेख दुरूस्त कराने का आदेश पारित किया गया था।

    उक्त शासकीय काबिल काश्त भूमि का लोवर जोंक बैराज योजना परसवानी के नहर निर्माण हेतु अर्जन किया गया है जिसमें 11,65,840/- रूपये का अवार्ड पारित करते हुए तेजकुमारी पति धरमदेव निवासी ग्राम- माटीदरहा को सम्पूर्ण राशि प्रदान कर दी गयी है। उक्त शासकीय भूमि का मुआवजा प्रदान करने में भु- अर्जन अधिकारी लिपिकतात्कालिन पटवारीतहसीलदार व जल संसाधन का संलग्न कर्मचारी पूर्णतः दोषी है जिन्होने जानबूझकर शासन को क्षति पहूंचाया है साथ ही राशि प्राप्तकर्ता के द्वारा यह जानते हूए भी कि पट्टा निरस्त होकर  भूमि शासकीय घोषित हो चुकी हैफिर भी जानबूझकर राशि प्राप्त की गयी है ।

शिकायतकर्ता रुपानंद सोई


उक्त संबंध में रुपानंद सोई के द्वारा कलेक्टर महासमुंद के समक्ष दिनांक 30/08/2018 को लिखित शिकायत प्रस्तुत किया गया था। उक्त शिकायत में भू- अर्जन अधिकारी लिपिकतात्कालिन पटवारीतहसीलदार व अन्य के विरूद्ध जांचकर कार्यवाही की मांग की थी जिसेमें कलेकटर महासमुंद द्वारा समय-सीमा (T.L) क्रमांक 58/18 के अधीन पंजीबद्ध कर जांच हेतु उसी पद स्तर के उसी कार्यालय के अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (रा.) पिथौरा से ही जांच कराया गया है, जांचकर्ता अधिकारी श्री बी.सी. एक्का ने अपने बराबर रेंक के अधिकारी श्री एस.के.टण्डन मातहत लिपिक श्री रमेश कुमार शहीसतहसीलदार श्री डी.सी.बंजारे एवं अन्य लोगों को बचाने हेतु गोल-मोल जांच प्रतिवेदन दिनांक 29/11/2018 को प्रेषित किया गया था। 



रुपानंद सोई ने दिनांक 15/03/2022 को  कमिश्नर रायपुर के समक्ष पुरे मामले का अवगत कराकर उच्च स्तरीय जांच कराकर जिम्मेदार दोषी अधिकारी कर्मचारी सहित गलत जांच प्रतिवेदन देने वाले तात्कालिन अनुविभागीय अधिकारी (रा.) पिथौरा के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करते हुए अपराध पंजीबद्ध कराने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया उक्त मामले को कमिश्नर के द्वारा गंभीरता से लेते हुए महासमुंद कलेक्टर को शीघ्र जांच एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया है ।  



      

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