Chhattisgarh High Court News: हाईकोर्ट ने प्रदेश में डॉक्टरों की भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है।बिलासपुर. Chhattisgarh High Court News: हाईकोर्ट ने प्रदेश में डॉक्टरों की भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट के इस आदेश से राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
राज्य सरकार ने प्रदेश भर के अस्पतालों में 446 चिकित्सा अधिकारियों की नियमित भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके लिए निर्धारित योग्यता एमबीबीएस थी। साथ ही साक्षात्कार के माध्यम से नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जानी थी। शासन के इस निर्णय और जारी विज्ञापन को चुनौती देते हुए डॉ. कमल सिंह राजपूत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसमें बताया गया कि बिना लिखित परीक्षा के नियुक्ति करना नियमों के खिलाफ है। याचिकाकर्ता डॉक्टर की तरफ से कहा गया कि सिर्फ साक्षात्कार के आधार पर भर्ती किया जाना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत है।
पहली सुनवाई में लगाई थी रोक
इस मामले की पहली सुनवाई के दौरान ही हाईकोर्ट ने भर्ती पर रोक लगा दी थी। इसके चलते राज्य भर में डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई थी। अंतिम सुनवाई के दौरान सिंगल बेंच में राज्य सरकार की तरफ से तर्क रखा गया कि नियम में सीधे साक्षात्कार के आधार पर नियुक्ति करने का प्रावधान है और डॉक्टरों की प्रदेश में बहुत जरूरत है। भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए राज्य ने शैक्षणिक योग्यता, अनुभव और अन्य मेडिकल कार्य के अनुभव के नंबर अलग अलग रखे हैं।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में हैं डॉक्टरों की जरूरत
मामले की सुनवाई के दौरान शासन का पक्ष रखते हुए बताया गया कि छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की बहुत जरूरत है। राज्य शासन ने कोरोना काल में ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए डॉक्टरों की भर्ती करने का निर्णय लिया था। शुरुआत में शासन से त्रुटि हुई थी, जिसे संशोधित कर दूसरा विज्ञापन जारी किया गया है। ऐसे में अब भर्ती प्रक्रिया को निरस्त करना उचित नहीं है।
इसलिए खारिज की याचिका
शासन ने अपने तर्क में यह भी कहा कि भर्ती प्रक्रिया में नियमों का पालन किया जा रहा है। नियुक्ति के लिए पांच कालम हैं, जिसमें रिटर्न एग्जाम या फिर साक्षात्कार की प्रक्रिया अपनाने का उल्लेख है। इसके साथ ही मेरिट अंक में 50 फीसद अंक के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के अनुभव, शासकीय अस्पताल में संविदा नियुक्ति में अनुभव अंक देने का प्रावधान रखा गया है। साक्षात्कार में सिर्फ 5 फीसद अंक है, जो एक्सपर्ट कमेटी को तय करना है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर 25 हजार रुपए का कास्ट भी लगाया है।
(News Credit by Patrika)
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