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पिथौरा : एक पंचायत में लटका रहता है ताला, वही सचिव को मिला दुसरे पंचायत का अतिरिक्त प्रभार


पिथौरा : ग्रामीण स्तर पर पंचायत राज व्यवस्था को बल प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा सभी पंचायतों में पंचायत भवन बनाया गया है लेकिन उक्त पंचायत भवन को खोले बिना ही पंचायतीराज का संचालन किया जा रहा है । अधिकारी भी किसी ढाबे या हॉटल में बैठे-बैठे निरिक्षण एवं सत्यापन पंजी की खाना पूर्ती कर देते हैं । सरपंच सचिव के द्वारा किसी पंच के माध्यम से गांव में घर-घर दस्तक देकर ग्राम सभा या पंचायत बैठक की उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करा कर पंचायत बैठक की कार्यवाही पूरी कर ली जाती है । इसी तरह पंचायत में विकास की गंगा कागज में तेजी से बह रहा है , जमीनी स्तर पर कहीं नजर ही नहीं आता है ।

मिली जानकारी अनुसार पिथौरा विकास खण्ड अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थित एक ग्राम पंचायत में पदस्थ पंचायत सचिव के द्वारा महिने में एक या दो दिन पंचायत भवन को खोला जाता है वो भी केवल 15 से 20 मिनट के लिए, फिर कई-कई दिन तक सचिव नजर ही नहीं आता है । जिससे ग्रामीण पेंशन राशि, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, पीएम आवास योजना से संबंधित, अन्य योजना हेतु आवेदन देने, सफाई सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए ग्रामीण महिने -महिने भटकने को मजबुर हैं । पंचायत का पूरा संचालन सचिव अपने घर से करता है । योजनाओं का समुचित लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है । सचिव के स्वेच्छाचारिता से परेशान ग्रामीणों ने उक्त समस्या से विधायक तक को अवगत करा चुके हैं लेकिन अधिकारियों के द्वारा उक्त सचिव के खिलाफ कार्यवाही करने के बजाय उसे उपहार स्वरूप एक और अन्य पंचायत की अतिरिक्त प्रभार देे दी गई है जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है ।  

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