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महासमुंद : पंचायत सचिव के द्वारा किये जा रहे रकबा सत्यापन (Digital Crop Survey) में खुल रही है पोल, पटवारीयों के द्वारा किये गये गिरदावरी में भारी गडबडी

रूपानंद सोई - 94242-43631 

महासमुंद : धान उपार्जन में किसी प्रकार की गडबडी न हो इस लिए एकीकृत किसान पोर्टल में खरीफ वर्ष 2024 के लिए किसान पंजीयन तथा पंजीकृत किसान द्वारा अपने भूमि पर लिए गये फसल का नाम तथा रकबा को अद्यतन करने की  कार्यवाही 31 अक्टूबर 2024 तक पूर्ण करने हेतु छत्तीसगढ सरकार का सख्त निर्देश है । 

किसान पोर्टल में पंजीकृत धान उत्पादन कृषकों से वर्तमान खरीफ विपणन वर्ष में फसल गिरदावरी के आधार पर भूईयां साफ्टवेयर में प्रविष्ट धान के रकबे के आधार पर खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान उपार्जन का कार्य किया जावेगा । फसल गिरदावरी का कार्य सही तरीके  से नहीं करने , भूईयां  साफ्टवेयर में धान फसल के रकबे की त्रुटीपूर्ण प्रविष्टि कर धान फसल की रकबा को बढाकर धान खरीदी किये जाने के संबंध में जिले भारी गडबडी की शिकायत है । इसलिए धान खरीदी में जिले में गडबडी न हो एक-एक खसरे की डिजिटल सर्वे कराई जा रही है । उक्त ड्जिटल सर्वे कार्य में पंचायत सचिवों की डियुटी लगाई गई है । पटवारी द्वारा किये गये गिरदावरी के अधार पर फसल धान के बोये रकबा का मिलान उसी खेत में जांकर पंचायत सचिव कर रहे हैं । जिसमें खेत में जाकर सचिवों के द्वारा मिलान करने पर वास्तविक स्थिति में भिन्नता पाया जा रहा है। पटवारीयों के द्वारा किये गये गिरदावरी में जिले के अनेक ग्रामीण एवं अधिकांश नगरीय क्षेत्रों में पडत भूमि को भी धनहा किया जाना पाया जा रहा है, जिसे पंचायत सचिवों के द्वारा मौके पर ऑनलाइन सुधार किया जा रहा है । 


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