फर्जी अंत्योदय राशनकार्ड से करोडपति महिला ले रही है राशन , प्रतिदिन आमदनी लाखों में , महिनों तक विदेश भ्रमण, फिर भी महिला अत्यंत गरीब
बसना : फूड सिक्योरिटी एक्ट में यूं तो फर्जी राशन कार्ड बनवाने पर पांच साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन फर्जीवाड़ा करने वालों को इसकी कोई परवाह नहीं। दरअसल, न तो एक्ट के प्रावधानों का कहीं पालन किया जा रहा है और न ही मॉनिटरिंग हो रही है। महासमुंद जिले में राशन कार्ड की गड़बडिय़ों के पीछे बड़ी वजह विभागीय मिलीभगत और मनमानी है। ऐसे ही एक मामला है एक परिवार करोडों रूपये के आसामी है लेकिन शासन के आंख में धुल झोक कर अंत्योदय राशन कार्ड का लाभ लिया जा रहा है ।
मिली जानकारी अनुसार नगर पंचायत बसना में एक महिला के नाम से अंत्योदय राशन कार्ड जारी है जिसका राशनकार्ड क्रमांक 223852827XXX है । उक्त कार्ड से नियमित राशन प्राप्त किया जा रहा है । कार्डधारी महिला की उम्र 47 वर्ष , पति की उम्र 49 वर्ष के अलावा दो पुत्र जिसमें बडे पुत्र की उम्र 27 वर्ष एवं छोटे पुत्र की उम्र 23 वर्ष दर्ज है । राजस्व रिकार्ड के अनुसार उक्त महिला के नाम से बेस किमती दो आवासीय भुखण्ड है जिसमें से एक निवास है और दुसरा व्यवसायिक परिसर है । उक्त व्यवसायिक परिसर में पिता एवं दोनों पुत्र मिलकर वाहन की खरीदी-बिक्री का व्यवसाय करते हैं । इस व्यवसाय से प्रतिदिन लाखों रूपये की आमदानी अर्जित करते हैं ।
उक्त अंत्योदय राशन कार्डधारी महिला एवं उसके पति इसी साल माह जून - जुलाई में 46 दिन तक विदेश भ्रमण में थे । इसी तरह उक्त परिवार एक सम्पन्न परिवार है, अंत्योदय राशन कार्ड हेतु पूर्णतः अपात्र है फिर भी जानबुझकर शासन को झुठा जानकारी देकर अंत्योदय राशन कार्ड का लाभ लेकर गरीबों के हक की राशन पर डाका डाला जा रहा है । जो कि इस तरह के कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है । उक्त मामले में होगी उच्चस्तरीय शिकायत ।
अंत्योदय परिवार हेतु शासन द्वारा जारी मापदण्ड -
1. विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के समस्त परिवार ।
2. समस्त परिवार जिसके मुखिया विधवा अथवा एकाकी/परित्यक्ता महिला हैं ।
3. समस्त परिवार जिसके मुखिया लाईलाज बीमारी से पिडित है ।
4. समस्त परिवार जिसके मुखिया निःशक्त व्यक्ति है ।
5. समस्त परिवार जिसके मुखिया साठ वर्ष या इससे अधिक आयु के हैं , जिनके पास आजिविका के सुनिश्चित साधन या सामाजिक साधन नहीं हैं ।
6. समस्त परिवार जिसके मुखिया विमुक्त बंधुवा मजदूर हैं ।
7. समस्त परिवार जिसके मुखिया आवासहीन है , तथा समस्त परिवार जो पण्डो एवं भूंजिया जनजाति के हैं ।
8. परिवारों का अन्य समूह , जैसा विहित किया जाय ।
जिले में बन रहे जमकर फर्जी राशनकार्ड
छत्तीसगढ में विधानसभा चुनाव हेतु लगे आचार संहिता से पहले से लेकर अबतक फर्जी राशन कार्ड बनाने के मामले में महासमुंद ने बाकी जिलों को पीछे छोड़ दिया है। लगभग 12 लाख की आबादी में 3 लाख से अधिक परिवारों के पास राशन कार्ड हैं। झूठे शपथ-पत्र देकर एक-एक परिवार ने दो से तीन फर्जी राशन कार्ड बनवा लिए, जबकि जरूरतमंद आज भी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। राशन कार्ड में बढ़ते फर्जीवाड़े पर रोक लगाने और जरूरतमंदों को योजना का लाभ देने के लिए फूड सिक्योरिटी बिल पास किया गया। एक्ट में साफ है कि जो भी व्यक्ति गलत जानकारी या गलत दस्तावेजों के आधार पर फर्जी राशन कार्ड बनवाएगा, उसे पांच साल तक की जेल हो सकती है। रुपए लेकर कार्ड बनाने वालों के साथ भी कानून ऐसा ही सलूक करेगा।
कानून में ये प्रावधान
गलत दस्तावेजों के आधार पर राशन कार्ड लेना आवश्यक वस्तु अधिनियम 1995 की धारा 9 के तहत दंडनीय अपराध है। उल्लंघन करने पर पांच साल तक की कैद का प्रावधान है। कार्ड बनाने के नाम पर रिश्वत लेना अपराध है और भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13(1) डी के तहत एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। दोष सिद्ध होने पर जेल जाना पड़ेगा।
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