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पिथौरा : बुजुर्गों के हाथ में लाठी, झुकी हूई कमर , पेंशन और राशन के लिए काट रहे हैं जनपद का चक्कर

बासुदेव पण्डा निवासी ग्राम बिंधंनखोल


पेंशन में लेटलतीफी से जिले के बुजुर्गों का जीवन हो रहा प्रभावित

वहीं राशन नहीं मिलने से दर-दर भटकने को लाचार है वृद्ध महिला

रूपानंद सोई 94242 - 43631 

महासमुंद : विकास खण्ड पिथौरा में वृद्धों को पेंशन योजना का लाभ समय पर नहीं मिल रहा है। सालो से पेंशन राशि के लिए भटक रहा है तो कोई छह माह से। वृद्धों को परिवार के सदस्य का सहारा नहीं मिल रहा है। वे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। शासन एक ओर पेंशन राशि के माध्यम से वृद्धों को सहायता देने का दावे तो कर रहा लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ और ही दिख रही है। जिले में वृद्धों को हर माह पेंशन दिए जाने के दावे गलत साबित हो रहे हैं। निराश्रित व वृद्धापेंशन के लिए वृद्ध वर्ग भटक रहे हैं। आये दिन वृद्ध अपनी समस्याओं को जनपद एवं कलेक्टर को अवगत करा रहे हैं।

झोल्टूराम डॉट काम ने पड़ताल की तो वास्तविक स्थिति सामने आई। प्रतिदिन जनपद पंचायत पिथौरा में वृद्ध, पेंशन राशि की मांग को लेकर जनपद के चक्कर काट रहे हैं। कोई वृद्ध एक साल से पेंशन राशि के लिए भटक रहे हैं तो किसी को छह माह से राशि का इंतजार हैं। पेंशन राशि नहीं मिलने से वृद्ध परेशान हैं। बुजुर्गो ने बताया कि शासकीय वृद्धावस्था योजना के तहत पेंशन दिए जाने का प्रावधान है लेकिन इसका लाभ नहीं मिल रहा है। वृद्धावस्था और निराश्रित पेंशन योजना के तहत पंचायत के माध्यम से बुजुर्गो को हर माह 500 रुपए दिया जाना है ताकि जीविकोपार्जन करने में कोई परेशानी ना हो लेकिन प्रशासकीय लेटलतीफी की वजह से समय पर बुजुर्गो को पेंशन राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। पंचायत प्रशासन भी सार्थक पहल नहीं कर पा रहे है। नतीजतन आज भी बुजुर्ग वर्ग पेंशन राशि के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

लगभग जिले के सभी गांवों में यह समस्या
जिले में 545 ग्राम पंचायत संचालित हो रहे है। जिसके अंतर्गत 1102 आबाद गांव आते हैं। जिले के सभी गांवों में लाखों की संख्या में वृद्ध निवासरत है। जिसकाे शासकीय याेजना के तहत पेंशन राशि दी जाती है। लेकिन निर्धारित समय पर पेंशन राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। बुजुर्ग राशि के लिए विभागीय अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है तो कभी पंचायत की। लंबी चक्कर लगाने के बाद एक-दो माह का राशि नसीब हो पाता है।

जनपद पंचायत पिथौरा के सामने एक पेड के नीचे जमीन पर बैठे एक बुजुर्ग हाथ में लाठी लिए , कमर झुकी हूई, नंगे पांव, न ठिक से दिखाई देता है और न ही सूनाई जब हमने हाल चाल जानने की कोशिश की तो अपना नाम बासुदेव पण्डा उम्र 92 वर्ष ग्राम बिंधनखोल ग्राम पंचायत खैरखुटा का निवासी बताया और उन्हे 6 माह से पेंशन राशि नहीं मिल रहा है । कभी न कभी पेंशन राशि जरूर मिलेगी इस उम्मीद से 92 वर्षीय बासुदेव पण्डा कभी बैंक का तो कभी जनपद पंचायत पिथौरा का चक्कर लगा रहे हैं ।

ग्राम पंचायत चरौदा निवासी कपुरा बाई

70 साल की बुजुर्ग महिला को नहीं मिल रहा है नियमित राशन
इसी तरह पिथौरा ब्लाक के ग्राम पंचायत चरौदा निवासी कपुरा बाई को पेंशन तो मिल रहा है लेकिन नियमित राशन नहीं मिल रहा है उन्होने बताया कि राशन वितरण मशीन जिसे पौष (POS) मशीन कहा जाता है उक्त मशीन में कपुरा बाई का फिंगर प्रिंट नहीं आ रहा है उसके हाथ में लकीर नहीं है चिकना हो गया है।

बुजुर्ग महिला कपुरा बाई की गलती बस इतनी है कि वह बुजुर्ग है, साथ ही असहाय भी है। उसकी हाथों की अंगुलियों के छाप नहीं आ रहे हैं, जिसकी वजह से राशन दुकान वाले उसे खाली हाथ लौटा रहे हैं। कपुरा बाई जैसे तैसे कर अपना गुजारा चला रही है ।

खाद्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार POS मशीन पर फिगंर प्रिंट नहीं आने से हितग्राही के निकटतम रिश्तेदार के नाम से एक नामिनी फार्म के द्वारा और दुसरा हितग्राही के आधार कार्ड में लिंक मोबाईल नम्बर में OTP भेजकर आसानी से राशन वितरण किया जा सकता है ।

इसी तरह पिथौरा ब्लाक के ग्राम पंचायत चरौदा में हेमकुमारी विगत 10 साल से  अपने एक पुत्र के साथ रहती है । चरौदा हेमकुमारी का मायका गांव है कुछ कारणवश हेमकुमारी अपने ससुराल छोडकर चरौदा में रह रही है । हेमकुमारी अपने 10 साल के पुत्र के साथ रहकर रोजी मजदुरी कर अपने जीवन यापन कर रही है । ग्राम पंचायत चरौदा में हेमकुमारी ने राशन कार्ड के लिए आवेदन की थी । उक्त पंचायत द्वारा हेमकुमारी के नाम से APL (सामान्य परिवार वाले) राशन कार्ड जारी किया गया है । अब उस APL राशन कार्ड को BPL (गरीबी रेखा के नीचे) कार्ड बनाने हेतु जनपद पंचायत पिथौरा का कई चक्कर लगा चुकी है लेकिन आजतक हेमकुमारी को कोई लाभ नहीं मिल सका है ।    

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