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Chhattisgarh Minister News : छत्तीसगढ के केबिनेट मंत्री के घर एक ही चूल्हे में पकता है 21 सदस्यों का भोजन

 


Credit naidunia

Korba Minister News : चार भाइयों का संयुक्त परिवार, साथ लेकर चलने की कला

राजकुमारी ने बताया कि किसी भी जरूरतमंद को देखते हैं तो उसकी मदद के लिए आगे आ जाते हैं। कई बार तो वे आधी रात को वे फोन उठा लेते हैं और समस्या के निदान का प्रयास करते हैं।

एक ही चूल्हे में पकता है 21 सदस्यों का भोजन
संगठन को भी एकजुट करने का लखन रखते हैं माद्दा
टिकट की दावेदारी कर रहे भापजा के नेता भी उनके साथ हो लिए ।

कोरबा : केबिनेट मंत्री बने लखनलाल देवांगन अपने चार भाइयों के परिवार में सबसे बड़े हैं। संयुक्त परिवार में विश्वास रखने वाले देवांगन के घर में 21 सदस्यों का भोजन एक ही चूल्हे में पकता है। परिवार चलाने की इस कला का राजनीति में भी उनका प्रभाव नजर आता है। शायद यही वजह कि भापजा संगठन के पदाधिकारी चुनाव के दौरान उनके साथ कदमताल किए, बल्कि टिकट की दावेदारी कर रहे भापजा के नेता भी उनके साथ हो लिए।

विघटित होते परिवार के दौर में केबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन का साझा परिवार नई पीढ़ी के लोगों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बना हुआ है। मंत्री लखन सहित उनके अन्य भाइयों में कौशल, जयमंगल, भावगत व नरेन्द्र सभी की शादी हो चुकी है और आज भी सभी एक साथ रहते हैं। मंत्री पद के लिए उनका नाम आते ही गृह निवास कोहड़िया में गुरूवार की रात को दीपावली जैसा माहौल रहा। उनकी पत्नी राजकुमारी देवांगन ने नईदुनिया से चर्चा करते हुए बताया कि उनके पति सरल और मृदुभाषी स्वाभाव के हैं। उनके ही प्रेरणा से हम आज भी संयुक्त परिवार में एक साथ रहते हैं। उन्होने बताया कि राजनैतिक व्यस्तताओं के बीच जब कभी मौका मिलता है तो परिवार के लिए वे समय निकाल लेते हैं। उनकी दो अच्छाइयां पूछे जाने पर राजकुमारी ने बताया कि वे सनातनी होने के साथ धार्मिक प्रवृत्ति के हैं। उन्होेने बताया कि पति के प्रेरणा से ही हमारा परिवार संयुक्त परिवार है। व्यस्तता के बावजूद लखनलाल बागवानी के लिए समय निकाल लेते हैं। रामकुमारी का कहना है कि स्वयं को सौभाग्यशाली मानती हैं कि उनके पति जनसेवा से जुड़े हैं। राजकुमारी ने बताया कि किसी भी जरूरतमंद को देखते हैं तो उसकी मदद के लिए आगे आ जाते हैं। कई बार तो वे आधी रात को वे फोन उठा लेते हैं और समस्या के निदान का प्रयास करते हैं।

प्रबल इच्छाशक्ति ने बढ़ाया शिक्षा का स्तर
लखनलाल की बचपन में शिक्षा-दीक्षा कम रही पर अपनी प्रबल इच्छाशक्ति की वजह से वे बीए प्रथम वर्ष तक शिक्षा प्राप्त कर लिए हैं। राजनैतिक व्यस्तता के बाद भी शिक्षा के लिए उन्होने समय निकाला। स्वजनों का कहना है कि एक बार वे जो ठान लेते हैं उसे वे करके रहते हैं। फिर उनका व्यक्तिगत मामला हो या राजनैतिक चुनौतियां हों। परिवार के ज्यादातर सदस्य वर्तमान में कारोबारी हैं और लखन लाल की अभी भी खेती किसानी में रूचि है।


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