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CG Election 2023 : प्रधान मंत्री मोदी क्यों डॉ रमन सिंह का नाम तक नहीं लेते

 


News Credit By Bhaskar, Alok Putul 

क्यों रमन सिंह का नाम तक नहीं लेते मोदी : शराबबंदी और गांव में हर साल 4 सिलेंडर देने की घोषणा पर चुप कांग्रेस

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले कुछ दिनों में सातवीं बार चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए छत्तीसगढ़ पहुंचे और उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ताबड़तोड़ हमला बोला और उनके सहयोगियों पर भी। इस विधानसभा चुनाव के लिए अपनी अंतिम सभा में उन्होंने कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार को गिनाया। मुंगेली की अपनी सभा में उन्होंने पिछले 70 सालों की सारी असफलताएं गिनाईं और उसके लिए कांग्रेस को ज़िम्मेवार ठहराया।

प्रधानमंत्री ने कहा-आजादी के इतने दशकों के बाद आज देश में कोई भी गरीब है तो उसके लिए अगर गुनहगार कोई है तो सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस है। आज यदि छत्तीसगढ़ से मेरे युवा साथी पलायन करने को मजबूर है, तो इसका गुनहगार सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस है। आज यदि छत्तीसगढ़ का किसान परेशान है तो उसकी गुनहगार कांग्रेस है। आज यदि डॉक्टरों की कमी है और मरीज परेशान है तो उसकी गुनहगार कांग्रेस है। आजादी के इतने साल बाद भी मेरे आदिवासी भाई-बहनों की बदहाली की गुनहगार ये कांग्रेस है कांग्रेस।

चुनाव के समय आम तौर पर इसी तरह के भाषण दिए जाते हैं। विपक्ष पर हमला बोल कर ही वोट बटोरने की कोशिश होती है। प्रधानमंत्री लौट-लौट कर 70 साल पर पहुंच जाते हैं। लेकिन यह चकित करने वाली बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में, आवास योजना को छोड़कर 15 साल की भाजपा की रमन सिंह की सरकार का उल्लेख तक नहीं हुआ। उन्होंने एक बार भी, 15 साल की अपनी भाजपा सरकार की योजनाओं का ज़िक्र तक नहीं किया। रमन सिंह का नाम तक लेने की उन्होंने जहमत नहीं उठाई।



समझना मुश्किल नहीं है कि भाजपा ने मोदी की गारंटी वाला घोषणापत्र जारी किया है और छत्तीसगढ़ में नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही यह चुनाव लड़ा जा रहा है। ऐसे में राज्य में हार या जीत का सेहरा, या ठीकरा भी अंततः नरेंद्र मोदी के सिर पर ही बंधेगा या फूटेगा।



खैर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस गारंटी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायगढ़ की अपनी सभा में सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिस भाजपा सरकार ने किसानों को धान की 2100 रुपये की क़ीमत नहीं दी, वो धान की 31 सौ रुपये क़ीमत देने की गारंटी दे रहे हैं। 

उन्होंने कर्ज़ माफी, धान खरीदी और गोबर खरीदी की अपनी योजनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि हम दुनिया में धान की सबसे अधिक क़ीमत देने वाले हैं। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं की अपनी योजना का भी जिक्र किया। 2018 में धान और किसान के कारण छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आई थी। इस बार कर्नाटक की सफलता से सीख लेते हुए कांग्रेस ने महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया है। 

महिला स्वसहायता समूहों की कर्ज़ माफ़ी से लेकर, हर साल महिलाओं को 15000 रुपये देने की घोषणा कांग्रेस ने की है। 

हालांकि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने शराबबंदी की भी घोषणा की थी और महिलाओं को हर महीने 500 रुपये देने की भी घोषणा की थी। हर ग्रामीण परिवार को साल में चार गैस सिलेंडर देने का वाता भी किया गया था। लेकिन ये घोषणाएं महज़ घोषणापत्र का हिस्सा बन कर रह गईं। शराबबंदी का तो कांग्रेस पार्टी भूल कर भी, कहीं भी ज़िक्र नहीं करती। लेकिन चुनाव के दौर में राजनीतिक दलों के तरकश में, महज घोषणाओं के तीर ही तो हैं। तीर निशाने पर लगा तो बस, काम हो गया।

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