Ad Code

Responsive Advertisement

CG Crime News: अस्पताल प्रशासन में मची हडकंप , लाखों का घोटाला करने वाला कैशियर गिरफ्तार, अन्य अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में




CG Crime News : अस्पताल के वित्त एवं लेखा विभाग में लाखों का गडबडी करने वाले कनिष्ठ लेखा अधिकारी को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है।

रायपुर CG Crime News: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायपुर (AIIMS) में बिना नोटिस दिए डॉक्टरों या अन्य स्टाटाफ के द्वारा नौकरी छोड़ने के बदले में जमा की जाने वाली राशि में घोटाला करने वाले कनिष्ठ लेखा अधिकारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामले में अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों के भी मिलीभगत होने की जानकारी मिली है। पुलिस इसकी जांच में जुटी हूई है।

मिली जानकारी अनुसार एम्स अस्पताल रायपुर के वित्त एवं लेखा विभाग के कनिष्ठ लेखा अधिकारी योगेंद्र पटेल को हिरासत में लिया गया है। एम्स में नौकरी छोड़ने से पहले डॉक्टरों या अन्य स्टाफ को नोटिस देना होता है। बिना नोटिस दिए छोड़ने वालों को कुछ राशि जमा करनी होती है। यह राशि वित्त एवं लेखा शाखा से एम्स प्रबंधन के खाते में जमा होती है, लेकिन ऐसे 20 मामले सामने आए हैं, जिनकी राशि का घोटाला हुआ है। लेखा शाखा से एम्स प्रबंधन को 27 लाख 89 हजार 400 रुपए नहीं मिला है। नोटिस दिए बिना नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों-डाॅक्टरों के मामले में पैसा लेकर नोड्यूज दिया जा रहा था। मामले की जांच में इसका खुलासा हुआ है। इसमें योगेंद्र पटेल के अलावा अन्य अधिकारियों-कर्मचारियों की भी भूमिका संदेह के दायरे में है। पुलिस ने योगेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। आमानाका रायपुर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420, 409, 467, 468, 471 के तहत अपराध दर्ज किया है।

एम्स (AIIMS) अस्पताल रायपुर प्रशासन की ओर से यहां के सुरक्षा अधिकारी विपिन कुमार सिंह कुशवाहा के द्वरा आमानाका पुलिस थाना रायपुर में दर्ज कराई गई FIR इस प्रकार है ‌-

मैं एम्स रायपुर में सहायक सुरक्षा अधिकारी के पद पर पदस्थ हूं। एम्स अस्पताल टाटीबंध रायपुर के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी व्ही सीता रामू के द्वारा एम्स रायपुर में कार्यरत योगेन्द्र पटेल कनिष्ठ लेखा अधिकारी वित्त एवं लेखा विभाग के अधि ./ कर्म. द्वारा की गयी वित्तीय अनियमिताओ में प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करने हेतू आवेदन दिये है। जिसे पेश कर रहा हूं प्रेषित आवेदन पर सदर धारा 409, 420, 467, 468, 471 भादवि का अपराध पाये जाने से पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। आवेदन नकल जैल है - प्रति, थाना प्रभारी थाना आमानाका रायपुर विषय:- एम्स रायपुर में कार्यरत श्री योगेंन्द्र पटेल कनिष्ठ लेखा अधिकारी और वित्त एवं लेखा विभाग के अज्ञात अधिकारी / कर्मचारियो द्वारा की गई वित्तीय अनियमितताओ में प्रकरण दर्ज कर कानूनी कार्यवाही करने बाबत्। 

विषयांर्गत लेख है कि - 
01. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर मे कार्यरत श्री नितिन रामभाऊ वंजारी, कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, कुल सचिव कार्यालय द्वारातत्कालीन कुल सचिव प्रो. नितिन आर. गायवाड़ को एक शिकायत दिनांक 06.07.2022 को प्रेषित की गई थी जिसे तत्कालीन कुल सचिव द्वारा निदेशक एम्स रायपुर को प्रेषित किया गया ।

02. इस शिकायत में श्री नितिन वंजारी का आरोप था कि कुलसचिव कार्यालय में एक पीजी जे आर ड. अनिरूद्ध स्वप्र मेश्राम द्वारा नो ड्यूज के साथ दिए गए अभिलेखो मे जो रसीद प्राप्त हुई वह इसमें पूर्व प्राप्त रसीद संख्या से अलग थी। शक होने पर श्री वंजारी ने ड. मेश्राम से इसे लेखा विभाग से सत्यापित कराने को कहा। आरोपी कर्मचारी योगेंद्र पटेल, कनिष्ठ लेखा अधिकारी, लेखा विभाग ने इस प्रकरण में श्री नितिन वंजारी को फोन कर नो ड्यूज करने के लिए कहा और उन्हें ऐसा करने के लिए बीस हजार रूपये देने की पेशकश की आरोपी कर्मचारी योगेंद्र पटेल ने ड. मेश्राम से पचास हजार रूपये देने की बात भी स्वीकार की ।

03. इस शिकायत के आधार पर एम्स प्रशासन द्वारा कार्यालय आदेश संख्या 24/03/2022-23 / प्रशा. / 676, दिनांक 19.07.2022 व 24/03/2022-23 / admin. /801, दिनांक 04.08.2022 द्वारा इसे पूरे प्रकरण मे की जांच के लिए एक जांच कमेटी गठित की गई जिसमें प्रो. विनय आरपंडित विभागाध्यक्ष, एसोसिएट डीन (एकेडमिक्स) शिव शंकर शर्मा, जनसंपर्क अधिकारी और श्री विनोद जी, एफसीएओ सदस्य बनाए गए। (प्रतिलिपी संलग्र पत्र दिनांक 17.10.2023 में) 

04. जांच कमेटी ने पत्र संख्या Aiims Raipur / Committee / Complant on financial irregularities/ 19 दिनांक 07.06.2023 के माध्यम से जांच रिपोर्ट निदेशक एम्स रायपुर को प्रेषित की। जांच रिपोर्ट की मूल प्रति मांगी गयी आवेदन पत्र कळं आमानाका/राय/1217/ 2023 दिनांक 16.10.2023 के बिन्दु कमांक 02 के अनुसार मूल दस्तावेज ( पेज17) है, मूल दस्तावेज पत्र दिनांक 17.10.2023 मे संलग्न है ।

इस जांच रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु निम्न है :-
क. कमेटी ने विस्तृत जांच में पाया गया कि वित्त एवं लेखा विभाग मे कार्यरत कनिष्ठ लेखा अधिकारी योगेंद्र पटेल ने 20 कर्मचारियो / छात्रो को नो ड्यूज दिया इनमें प्रमुख रूप से वह कर्मचारी / छात्र शामिल थे जो पद / कोर्स छोड़ने से पूर्व दिए जाने वाले नोटिस समय को पूरा करने की बजाय उसकी एवज में धनराशि जमा कराकर एम्स में नौकरी / कोर्स छोड़ रहे थे। आरोपी योगेंद्र ने इन सभी को एक ऐसी रसीद बुक से काटकर दी जो उस समय प्रचलित नही थी। इसकी एवज में जो धनराशि या डिमाण्ड ड्राफ्ट संबंधित कर्मचारी / छात्रा ने दिया उसकी एवज में राशि एम्स के खाते में जमा नही हुई।

ख.  इस प्रकार के 20 प्रकरण में जिसमे कुल राशि 27,89,400.00 (सत्ताईस लाख नवासी हजार चार सौ रूपये) कोई विवरण एकाउंट्स विभाग में नहीं मिला। इनके नो ड्यूज या रसीद पर आरोपी कर्मचारी योगेंद्र पटेल के हस्ताक्षर पाए गए ( प्रतिलिपी संलग्न पत्र दिनांक 17.10.2023 में) 

ग.  13 कर्मचारियों का 10,82,754 (दस लाख ब्यासी हजार सात सौ चौवन ) रूपये का विवरण प्राप्त नहीं हो सका क्योकि इससे संबंधित पूर्ण जानकारी कमेटी को नही मिल पाई।

घ. 76 नर्सिंग अधिकारियों के नौकरी छोड़ने के मामलो में से छह नर्सिंग अधिकारियों के नौकरी को छोड़ने के बाद जमा कि गई धनराशि की भी कोई जानकारी नही मिल पाई (संलग्न -03)

ड. जांच कमेटी के समक्ष दिए गए बयान में आरोपी योगेंद्र पटेल का बयान था कि इस संबंध में केवल उससे ही नहीं बल्कि वित्त एवं लेखा विभाग के अन्य अधिकारियो और कर्मचारी से भी पूछताछ की जानी चाहिए उन्होने ही मुझे हस्ताक्षर करने के लिए निर्देशित किया था। 

च. इस पूरे प्रकरण में आरोपी कर्मचारी योगेंद्र पटेल के अतिरिक्त नौकरी / कोर्स छोडने वाले कर्मचारी / छात्र भी शामिल हो सकते है। इसके अतिरिक्त जो डिमांड ड्राफ्ट एम्स में जमा किए गए उनका भुगतान किस प्रकार हुआ, इसकी जानकारी भी संबंधित बैंको से प्राप्त करनी होगी क्योकि इन मामलो में रिकार्ड में डीडी दिखाने के बाद भी इसकी राशि एम्स के एकाउंट में जमा नही हुई। कई अंशधारको से जानकारी जुटाने के कारण जांच समिति द्वारा इसे पूरे प्रकरण की जांच किसी वाहा जांच एजेंसी से कराने की अनुशंसा की गई।

05. अतः जांच समिति की अनुशंसा के तारतम्य मे एम्स रायपुर स्थापना के बाद से अब तक इस प्रकार के सभी प्रकरणों की जांच के लिए आपसे अनुरोध करता है जिससे इस प्रकार की वित्तीय अनियमितताओं के आरोपियों को चिन्हित किया जा सके।

06. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान विभाग रायपुर की ओर से अनुशंसा की जाती है कि उक्त प्रकरण में श्री योगेंद्र पटेल, कनिष्ठ लेखा अधिकारी, लेखा विभाग और मामले में संलिप्त अन्य अज्ञात अधिकारियो/ कर्मचारियो के विरूद्ध संबंधित धाराओ में प्रकरण दर्ज कर एम्स की स्थापना से अब तक इस प्रकार के सभी प्रकरणों की जांच की जाए और दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के विरूद्ध आवश्यक कानूनी कार्यवाही प्रारंभ की जाए। 

Ad code

1 / 7
2 / 7
3 / 7
4 / 7
5 / 7
6 / 7
7 / 7

ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer

Ad Code

Responsive Advertisement