रूपानंद सोई 94242 - 43631
पिथौरा(झोल्टूराम)। एक ही रकबे में दो किसानो द्वारा धान बेचे जाने का मामला प्रकाश में आया है बता दें शासन द्वारा धान खरीदी पर नजर रखने के लिए कई अधिकारियों की दल गठन किया जाता है, जो अवैध धान, और बिचौलियों पर नजर रखकर उनपर कार्रवाई कर सके उसके बाद भी पटवारी एवं धान खरीदी केंद्र प्रभारी के साथ मिलीभगत कर दो किसानों ने दो साल तक एक ही रकबे की भूमि पर धान बेचकर फर्जीवाडा को अंजाम दिया गया है । जिसकी शिकायत पर जांच पूरा होने के तीन साल बाद भी दोषी एवं जिम्मेदारों पर कार्यवाही करने से अधिकारी बचते नजर आ रहे है । पिथौरा क्षेत्र के धान खरीदी केन्द्रो में बोगस धान खरीदी के मामले में हमेशा सुर्खियों में रहा है ।
हाईलाइट्सएक ही रकबा में दो किसानों ने बेची धान ।
पटवारी एवं धान खरीदी केंद्र प्रभारी के लाफरवाही से बेचा गया धान ।
जांच पूरा होने के तीन साल बाद भी दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं ।
मिली जानकारी अनुसार पिथौरा तहसील अंतर्गत पिरदा क्षेत्र के ग्राम तिलकपुर में एक ही खसरा न. 455 में दो किसानों के द्वारा वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में धान बेचा गया है । जबकी उसमें से एक किसान का ग्राम तिलकपुर में भूमि ही नहीं है ।
ग्राम राजपुर निवासी सचिदानंद के द्वारा वर्ष 2016-17 में धान बेचने के बाद अपनी भूमि खसरा न. 455 रकबा 0.44 हे. को बिलास कुमार चौधरी के पास बेच दिया गया । सचिदानंद के द्वारा भूमि विक्रय के बाद भी वर्ष 2017-18 में उसी खसरा न. 455 एवं रकबा 0.44 हें में 29600 रूपये एवं 2018-19 में 40000 रूपये का धान बेचा गया है ।
वर्ष 2016-17 में सचिदानंद से बिलास कुमार ने उक्त भूमि क्रय करने के बाद नामांतरण पश्चात अपने भूमि का रकबा बढाने हेतु तहसीलदार पिथौरा के समक्ष प्रस्तुत आवेदन पर पटवारी रुपधर नायक का हस्ताक्षर है । उसी पटवारी के द्वारा वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 में एक ही रकबा पर उक्त दोनो किसानो का धान विक्रय हेतु पंजीयन कर दिया गया । जबकी सचिदानंद के नाम से ग्राम तिलकपुर में भूमि ही नहीं है ।
पूरे मामले का शिकायत तिलकपुर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता लव कुमार पटेल के द्वारा रायपुर कमिश्नर के पास किये जाने के बाद पल्लवी मेश्राम सहकारिता विस्तार अधिकारी , उप पंजीयक सहकारी संस्थाऐं महासमुंद एवं पटवारी तीरथराज दीवान के द्वारा संयुक्तरूप से जांच कर दिनांक 17/09/2021 को एस डी एम पिथौरा के समक्ष जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत कर उक्त पुरे मामले में किसान सचिदानंद, पटवारी रुपधर नायक एवं धान खरीदी केंद्र प्रभारी हेमंत प्रधान के मिलिभगत से फर्जी रकबा में 69600 रूपये का धान बेचा जाना पाया गया है ।
उक्त मामले में जांच अधिकारीयों के द्वारा 17/09/2021 को एस डी एम पिथौरा के समक्ष जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के बाद लगभग तीन वर्ष बीतने के बाद भी आजतक दोषियों के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही न करना उक्त मामले में उच्चाधिकारियों की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में है ।
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