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Chhattisgarh : वन विभाग के कार्यो में घोर अनियमितता मामले में वन अधिकारी निलंबित, बिना कार्य कराए साढे 42 लाख रुपए का भुगतान





News Credit By navbharat/baloda bazar

बिना कार्य कराए साढे 42 लाख रुपए का भुगतान

कैंपा एवं विभागीय मद के कार्यों में लापरवाही व अनियमितता, वन परीक्षेत्र अधिकारी श्री संतोष कुमार चौहान हुए निलंबित



बलौदा बाजार । वन क्षेत्र में कार्यरत कुछ अधिकारियों द्वारा विभागीय एवं कैंपा मद के कार्यक्रम में जमकर अनियमितता बरतते हुए शासन को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है।  यही नहीं बिना कार्य कराए फर्जी बिल प्रस्तुत कर गोलमाल करने के अलावा उन कार्यों के एवज में भारी-भरकम राशि आहरित किया जा रहा है। 

ऐसा ही एक मामला बलौदा बाजार वन मंडल अंतर्गत अर्जुनी परीक्षेत्र में प्रकाश में आया है जहां पदस्थ वन क्षेत्रपाल परिक्षेत्र अधिकारी अर्जुनी संतोष कुमार चौहान द्वारा विभिन्न कार्यों में अनियमितता बरतते हुए मौके पर कार्य कराए बिना 42 51361 रूपये का प्रमाणक भुगतान हेतु प्रस्तुत कर वित्तिय अनियमितता बरते जाने के आरोप एवं मामले में मुख्य वन संरक्षक के द्वारा जांच उपरांत आरोपी क्षेत्र अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है । 

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विधानसभा सत्र के दौरान बवाल मचने की आशंका के चलते यह कार्यवाही विभाग द्वारा कितने गोपनीय रखी गई थी इसकी भनक भी स्थानीय मीडिया को नहीं लग सकी ।  संबंधित परीक्षेत्र अधिकारी के निलंबन की पुष्टि बलौदाबाजार वन मंडल अधिकारी मयंक अग्रवाल ने की प्राप्त जानकारी के अनुसार वन मंडल बलौदा बाजार के अर्जुनी परीक्षेत्र में वन क्षेत्रपाल परिक्षेत्र अधिकारी संतोष कुमार चौहान पर 31 दिसंबर 2020 से 16 फरवरी 2023 तक पदस्थ रहने के दौरान कैंपा एवं विभागीय मद अंतर्गत अर्जुनी परिक्षेत्र के WBM रोड निर्माण गिंडोला से कुकरीकोना , लम्बर नाला कंटूर स्टोन बड निर्माण कार्य ,  लम्बर नाला स्टाप डेम निर्माण एवं औषधि रोपण कार्य में गंभीर अनियमितता व कदाचार के आरोप लगे थे । 

जिसके पश्चात मुख्य वन संरक्षक श्रीमती शालिनी रैना को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था । जिनके द्वारा अर्जुनी वन परिक्षेत्र में उक्त परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा कराए गए कार्य का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा एपीओ वर्ष 2021-22 में स्वीकृत राशि 6040000 रूपये का कार्य 2022-23 में कराया गया । इस कार्य के एवज में उनके द्वारा 6040000 रूपये का प्रमाणक बनाकर वन मंडल कार्यालय में प्रस्तुत किया गया था । जिसका निरिक्षण श्रीमती रैना द्वारा करने पर मौके पर मिट्टी का कार्य नहीं होना पाया गया ।
 
वही WBM रोड में कैंपा मुख्यालय द्वारा गठित जांच समिति ने भी क्षेत्र में मिट्टी का कार्य होना नहीं पाया गया । डब्ल्यूबीएम कार्य कुल 1766804 रूपये का फर्जी प्रमाणक बनाकर परीक्षेत्र अधिकारी द्वारा प्रस्तुत किया गया था। जिसके एवज में 514903 रूपये का भुगतान विभाग द्वारा किया गया था ।  इसी प्रकार एपीओ वर्ष 2020-21 भाग 2 में प्राक्कलन राशि 1190377 रूपये के अनुसार कक्ष क्र. 366 में लम्बर नाला में नरवा विकास कार्य अंतर्गत 2465 मीटर स्टोन कार्य कराया जाना था। 4 जनवरी 2023 को श्रीमती रैना ने निरीक्षण में मौके पर 370 मीटर का होना पाया गया । 

जिसके पश्चात विस्तृत जांच 7 फरवरी को कैंपा द्वारा गठित दल के निरिक्षण में 890.50मीटर का कंटूर बंड स्टोन निर्माण कार्य स्थल में कराया जाना पाया गया।

जबकि जनवरी माह में निरीक्षण के दौरान संबंधित परीक्षेत्र अधिकारी को आगामी कार्य नहीं करने की चेतावनी दिया गया था। इसके बावजूद उन्होंने 520.50 मीटर कंटूर बंड का अतिरिक्त निर्माण करा दिया । कैंपा समिति के जांच में यह कार्य उपयुक्त नहीं पाया गया ।  370 मीटर का कार्य स्वीकृत प्राक्कलन के अनुरूप भी नहीं था । 

इस कार्य के एवज में श्री चौहान ने 1190381 रुपये फर्जी प्रमाणक तैयार कर राशि आहरण कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई। इसके अलावा अर्जुनी परीक्षेत्र अंतर्गत सीएसबी निर्माण कार्य 9373 रनिंग मीटर कक्ष क्रमांक 294, 368, 369, 353 एवं 349 लम्बर नाला में नरवा विकास कार्य अंतर्गत कराया जाना था । 4 जनवरी 2023 को निरीक्षण के दौरान केवल 4510 रनिंग मीटर कार्य  मौके पर होना पाया गया । 7 फरवरी 2023 को कैंपा  द्वारा जांच के दौरान यह कार्य 7337 मीटर होना प्रमाणित किया गया । 

श्री चौहान द्वारा प्रथम निरीक्षण उपरांत 1 माह के अंतराल में 4510 मीटर के बाद 7333 मीटर अर्थात 2823 मीटर 1382423 रुपए का कार्य कराते हुए 4863 मीटर का फर्जी प्रमाणक प्रस्तुत करने,  इस कार्य हेतु स्वीकृत राशि 4432821 रुपए में से 2478668 रूपये व्यय कर 1952996 रुपए का भुगतान हेतु फर्जी प्रमाणक तैयार कर विभाग के समक्ष प्रस्तुत करने के बाद भी जांच के दौरान सामने आई ।

अर्जुनी परी क्षेत्र के अंतर्गत एपीओ वर्ष 2020-21 भाग 2 में नरवा विकास योजना अंतर्गत लम्बर नाला में स्टॉप डेम निर्माण कार्य क्रमांक 3 हेतु 1381622 रुपए स्वीकृत हुए थे। अधिकारियों द्वारा मौके का निरीक्षण व मूल्यांकन पश्चात केवल 575209 रूपये का कार्य मौके पर होना पाया गया । यह कार्य भी तकनीकी रूप से त्रुटि पूर्ण कराया गया था । इस कार्य को बरसात के पहले समाप्त न कर मौके पर ही अधूरी संरचना निर्माण किया गया जिसमें साइड वाल एवं विंग वाल भी नहीं बनाया गया था । तकनीकी रूप से यह कार्य पूर्ण कराने योग्य भी नहीं है । जिसके चलते 575209 रूपये का कराया गया यह कार्य निरर्थक इसकार्यमें भी 999410 रूपये का फर्जी प्रमाणक तैयार कर श्री चौहान ने वन मंडल कार्यालय बलौदा बाजार में प्रस्तुत किया था । 
 
बेखौफ होकर किया जमकर फर्जीवाड़ा
एपीओ वर्ष 2020-21 भाग 2 में नरवा विकास योजना अंतर्गत लम्बर नाला में स्टॉप डेम क्रमांक 4 हेतु 1340313 रुपये स्वीकृत हुए थे मौका निरीक्षण व मूल्यांकन अनुसार यहां 735467 रूपये का कार्य किया गया जो अनुपयोगी साबित हुआ । इस कार्य की राशि 805300 का प्रमाणक बिल उनके द्वारा कार्यालय में प्रस्तुत किया गया । वन परिक्षेत्र अधिकारी श्री चौहान इतने बेखौफ थे कि उन्हें किसी प्रकार की कार्यवाही का भी भय नहीं था । जिनके द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर मर्जी के अनुरूप कार्य किया गया निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आई कि अर्जुनी परिक्षेत्र के क्षेत्र क्र. 355 व 56 में 100 हेक्टेयर क्षेत्र में वर्ष 2022-23 में औषधि रोपण कार्य स्वीकृत हुआ था। प्राक्कलन अनुसार 7004 रनिंग मीटर लंबाई का कार्य कराया जाना था । निरिक्षण के दौरान केवल 1200 आरआरसीसी पोल प्राप्त हुए।

बिना फेसिंग के वृक्षारोपण कार्य करा दिया
यही नहीं स्वेच्छाचारी बरतते हुए इस क्षेत्र में द्वितीय निंदाई कार्य भी नहीं कराया गया। जबकि बिना फेसिंग कार्य के वृक्ष रोपण करा दिए जाने के चलते लगाए गए पौधों को पशुओं एवं वन्य प्राणियों  द्वारा चर लिया गया। इस पूरे कार्य की जांच मुख्य वन संरक्षक द्वारा करने के पश्चात वन मंडल अधिकारी बलौदा बाजार द्वारा दिए गए प्रस्ताव में श्री चौहान द्वारा शासकीय कार्यों के संपादन में घोर लापरवाही एवं अनियमितता बरते हुए मौके पर कार्य कराए बिना 4251361 का प्रमाणक भुगतान हेतु प्रस्तुत करने का तथ्य प्रकाश में आया। जिसके पश्चात छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियम 1966 नियम 9 (1)  एवं अन्य नियमों के आधार पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन बल प्रमुख छत्तीसगढ़ रायपुर अटल नगर द्वारा श्री चौहान को 17 फरवरी 23 को एक आदेश जारी कर निलंबित कर दिया गया । 

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