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महासमुंद : समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर ने दिये अधिकारियों को जवाबदेही के साथ कार्य करने के निर्देश




पूरा अप्रैल माह महत्वपूर्ण कार्यां से भरा सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ करें : कलेक्टर

महासमुंद(झोल्टूराम) : जिले में 1 अप्रैल से सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण, बेरोजगारी भत्ता, मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के काम करने हैं। पूरा अप्रैल महीने महत्वपूर्ण कार्य किए जाने हैं। इसलिए सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। ये बाते कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर ने आज समय-सीमा की बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण के लिए तकनीकी जानकारी रखने वाले शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों को दायित्व दिया गया है। इसके साथ ही मास्टर ट्रेनर भी नियुक्त कर दिए है। जिन्हें प्रशिक्षण दिया गया है। सभी सावधानी बरतते हुए काम करें। बैठक कलेक्टर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित हुई। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री एस. आलोक, वनमंडलाधिकारी श्री पंकज राजपूत, अपर कलेक्टर श्री दुर्गेश वर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.आर. बंजारे सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने कहा कि ये कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता के हैं। अतः पूरी जवाबदेही के साथ सम्पन्न करें। उन्होंने सर्वेक्षण कार्य की मुख्य बातें बताते हुए कहा कि यह कार्य महत्वपूर्ण है, यह पूरे महीने तक चलेगा। पहले मकानों की अच्छे पेंट से नंबरिंग कर लें। उन्होंने कहा कि मकान का फोटो खींचे तो उसमें मकान का नम्बर और मुखिया का तस्वीर स्पष्ट दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी तारीख से बेरोजगारी भत्ता के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी किए जाने हैं। इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन कौशल विकास तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग द्वारा ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है। इसमें आवेदन की अभी कोई अंतिम सीमा नहीं है। यह पोर्टल 24 घंटे काम करेगा। बेरोजगारी भत्ता के लिए युवाओं को इधर-उधर घूमने की जरूरत नहीं ऑनलाइन प्रविष्टि कर सकते हैं।

कलेक्टर ने मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना में कहा कि जिले के बड़े किसानों को इसकी जानकारी देते हुए उन्हें जमीन पर पेड़ लगाने कहा जाए और इस योजना के लाभ के बारे में भी बताया जाए। वनमंडलाधिकारी श्री पंकज राजपूत ने बताया कि जिले में ढाई हजार हेक्टेयर लक्ष्य निर्धारित है। इस योजना में पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र में पौध रोपण के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान शासन द्वारा हितग्राही को प्रदान किया जाता है। इससे ग्रामीण किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं। सीईओ जिला पंचायत श्री एस. आलोक ने बैठक में अवगत कराया कि नरेगा में दिए गए लक्ष्य 55 लाख 27 हजार मानव दिवस के विरूद्ध अब तक 54 लाख 16 हजार मानव दिवस रोजगार सृजित किए गए है। वित्तीय वर्ष समाप्ति तक दिए गए लक्ष्य पूरा हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में अमृत सरोवर 58 पूर्ण हो गए हैं। इसमें कृषि विभाग का पूरा सहयोग मिला है। शेष अमृत सरोवर का सौंदर्यीकरण कार्य भी किया जा रहा है।

उप संचालक रोजगार ने बैठक में जानकारी देते हुए बताया कि आवेदक का छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिए। आवेदन की जाने वाले वित्तीय वर्ष के लिए 1 अप्रैल को आवेदक की आयु 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक मान्यता प्राप्त बोर्ड से न्यूनतम हायर सेकेंडरी (12वीं) उत्तीर्ण होना चाहिए। उसका जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र में पंजीकृत हो एवं आवेदन के वर्ष के 1 अप्रैल को हायर सेकेण्डरी अथवा उससे अधिक के योग्यता में उसका रोजगार पंजीयन 2 वर्ष पुराना हो। इसके अलावा आवेदक के आय का कोई स्त्रोत न हो एवं आवेदक के परिवार के समस्त स्रोतों से आय ढाई लाख वार्षिक से अधिक न हो वे पात्र होंगे। कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने बारी-बारी से निलंबित प्रकरणों और उनके निराकरण की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अविवादित भूमि प्रकरणों का निराकरण समय पर करें। जन चौपाल के आवेदनों को भी समय-सीमा में निराकृत करें।

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