Ad Code

Responsive Advertisement

Chhattisgarh : दबंगों ने आदिवासी युवक की जमीन कब्जा की, फिर उसे जेल भिजवा दी ; हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, रिहाई के दिये आदेश



Chhattisgarh : दबंगों ने रायगढ में एक आदिवासी युवक की जमीन पर कब्जा कर लिया। फिर उसे ही झूठे केस में फंसाकर जेल भेज दिया। युवक की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई। साथ ही जेल में बंद आदिवासी युवक को अंतरिम जमानत देते हुए तत्काल रिहा करने के आदेश दिए हैं। मामले की सुनवाई जस्टिस संजय के. अग्रवाल और जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की डिवीजन बेंच में हुई। 

दरअसल, रायगढ़ निवासी मकशीरो ने पिता पीला राम की मौत के बाद जमीन नामांतरण के लिए तहसील में आवेदन किया। इसके बाद जमीन मकशीरो और उसकी बहन के नाम ट्रांसफर हो गई। इसके बाद मकशीरो ने तहसील में फिर आवेदन किया और कहा कि ऋण पुस्तिका गुम हो गई है। ऐसे में उसे डुप्लीकेट उपलब्ध कराई जाए। इस पर दो आपत्तियां आ गईं और जमीन पर उन्होंने दावा कर दिया। 

स्थानीय निवासी अजीत मेहता ने कहा कि, पीला राम ने जमीन उसके नाम कर दी है। वहीं उसके बेटे अर्पित मेहता की ओर से बताया गया कि पीला राम ने उन्हें जमीन लीज पर दी है और ओरिजनल ऋण पुस्तिका उनके पास है। सुनवाई के दौरान तहसीलदार ने सवाल उठाया कि एक आदिवासी की जमीन की वसीयत गैर आदिवासी कैसे करा सकता है। तहसीलदार ने मेहता पिता-पुत्र की आपत्ति को खारिज कर दिया।
तहसीलदार ने निर्देश दिया कि अजीत मेहता से ओरिजनल ऋण पुस्तिका जप्त कर तहसील में जमा करें। इसके खिलाफ मेहता पिता-पुत्र ने एसडीओ के सामने अपील की तो वहां भी खारिज कर दी गई। आरोप है कि इस पर पिता-पुत्र ने कोतवाली पुलिस के साथ मिलकर आदिवासी युवक मकशीरो के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई और उसे जेल भिजवा दिया। जिला कोर्ट से मकशीरो की याचिका खारिज हुई तो उसने हाईकोर्ट में अपील कर दी। हाईकोर्ट ने जेल में बंद आदिवासी युवक को अंतरिम जमानत देते हुए तत्काल रिहा करने के आदेश दिए हैं।

Ad code

1 / 7
2 / 7
3 / 7
4 / 7
5 / 7
6 / 7
7 / 7

Ad Code

Responsive Advertisement