बच्चे देश का भविष्य होते हैं यही बच्चे बड़े होकर जिम्मेदार नागरिक बनते हैं. ऐसे में यदि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड किया जाय तो उनसे हम अपेक्षाएं कैसे कर सकते हैं.
रूपानंद सोई 94242 - 43631
(झोल्टूराम) सरकार शिक्षा को अनिवार्य बनाकर सब पढ़े सब बढ़े का नारा देकर भले ही अपनी पीठ थपथपा ले, लेकिन क्षेत्र के एक निजी स्कूल में बदहाल हो चुकी शिक्षा व्यवस्था प्रदेश सरकार के दावों को खोखला साबित कर रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक स्कूल संचालक के द्वारा शासन से पहली कक्षा नर्सरी से कक्षा चौथी तक की मान्यता लेकर किसी दुसरे स्थान पर प्रायमरी और मिडील दोनों स्कूल संचालन किया जा रहा है तथा योग्य शिक्षक, पीने के पानी, शौचालय, बिजली ,फर्नीचर सहित अन्य मूलभूत सुविधा, तथा स्कूल भवन के बिना स्कूल संचालित किया जा रहा है। ऐसे में बच्चों को कैसे गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्राप्त होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
मिली जानकारी अनुसार पिथौरा विकास खण्ड अन्तर्गत ग्राम लोहरिनडोंगरी के नाम से शासन से कक्षा नर्सरी से कक्षा चौथी तक की किड्स एजुकेशनल इंग्लिश स्कूल के नाम से शासन से मान्यता लेकर ग्राम बिजेमाल में कक्षा पहली से कक्षा आठवीं तक स्कूल संचालन किया जा रहा है।
स्थानीय पत्रकारों ने किया खुलासा
स्थानीय पत्रकारगण परमितसिंग माटा (पत्रिका), विकाश शर्मा (खबर भारत), भुषण साहू (वंदे भारत), ताराचंद पटेल (साधना न्युज) के बताये अनुसार सबसे पहले इन्होंने दिनांक 07/09/2022 को उक्त स्कूल के बारे में खुलासा किया और पूरे मामले का जिला शिक्षा अधिकारी महासमुंद, पिथौरा SDM राकेश कुमार गोलछा एवं BEO के के ठाकुर पिथौरा को फोन से अवगत कराया उसके बाद SDM राकेश कुमार गोलछा के द्वारा तत्काल नायब तहसीलदार देवेन्द्र कुमार नेताम को उक्त स्कूल का जांच करने के लिए मौके पर भेजा गया । तहसीलदार देवेन्द्र कुमार नेताम ने उक्त स्कूल की जांच की, उक्त जांच में स्कूल संचालन शासन द्वारा तय मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाया गया । लेकिन शिक्षा विभाग के द्वारा उक्त स्कूल संचालक के विरूद्ध केवल औपचारिक कार्यवाही करते नजर आ रही है ।
जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण में अवैध स्कूल
आपको बता दें कि स्थानीय स्तर पर शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने हेतु विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी को जैसा की हम सब जानते है शासन ने मह्त्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है, समय-समय पर वे स्कूलों की निरिक्षण करते रहें ताकि शिक्षा गुणवत्ता में कमी न हो तथा उनके साथ एक बहूत बडी टीम कार्यरत है जिसमें विकास खण्ड में कूल 42 संकूल समन्वयक भी शामील हैं एक-एक संकूल समन्वयक को किसी को 8 स्कूल, किसी को 10 स्कूल की इसलिए जिम्मेदारी दी गई है कि स्कूलों में सतत निगरानी कर शिक्षा गुणवत्ता , बच्चों के बौद्धिक एवं शारीरिक विकास, शिक्षा गुणवत्ता के संबंध में कई तरह के बच्चों को एक्टीविटी कराने हेतु स्कूल शिक्षक को दिशा निर्देश देना और उस संंबंध में उच्चाधिकारी को अवगत कराते रहना, लेकिन इसके बाद भी ग्राम लोहरिनडोंगरी के नाम से मान्यता प्राप्त कर अन्य स्थान ग्राम बिजेमाल में नियम विरुद्ध स्कूल संचालित हो रहा है बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड हो रहा है शिक्षा विभाग को इस बात की जानकारी तक न होना । किसी पत्रकार के खुलासे पर जांच में पुष्टी होने के बाद भी शिक्षा विभाग के द्वारा कोई सख्त कार्यवाही न करना केवल कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति करना । दूसरी ओर हाल ही में बुंदेली स्कूल में वहां के पालकों ने शिक्षक की मांग को लेकर स्कूल गेट में ताला लगाने के कारण उक्त पालकों के विरूद्ध तत्काल थाना में रिपोर्ट दर्ज की गई लेकिन ग्राम बिजेमाल में संचालित स्कूल अवैध होने की पुष्टी होने के बाद भी संचालक के खिलाफ आजतक कोई कार्यवाही न करना शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों का कार्य प्रणाली संदेह के दायरे में आता है ।
जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा अबतक के की गई कार्यवाही
जिला शिक्षा अधिकारी महासमुंद के द्वारा दिनांक 29/09/2022 एवं दिनांक 10/11/2022 को उक्त स्कूल के प्रधान पाठक के नाम से नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है उक्त प्रधान पाठक के द्वारा कोई जवाब नहीं देने पर दिनांक 11/11/2022 को पुनः प्रधान पाठक के नाम से पत्र जारी कर बिजेमाल में तत्काल विद्यालय का संचालन बंद कर लोहरिनडोंगरी में संचालन कराने हेतु निर्देशित किया गया है साथ चेतावनी दी गई है की ऐसा नहीं करने पर स्कूल की मान्यता समाप्त कर दी जावेगी जिसकी समस्त जवाब देही आपकी होगी ।
क्या कहता है राइट टू एजूकेशन कानून
राइट टू एजूकेशन 2009 में प्रावधान है कि यदि किसी निजी स्कूल द्वारा एक्ट का उल्लंघन किया जा रहा है तो शिक्षा निदेशक उसकी मान्यता रद्द कर जुर्माना वसूल सकता है। अगर कोई निजी स्कूल बिना मान्यता के चलता पाया जाता है तो संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने एवं जुर्माना वसूलने की कार्यवाही का नियम है लेकिन ग्राम बिजेमाल में संचालित उक्त स्कूल में राइट टू एजूकेशन एक्ट का उल्लंघन किया जाना पुष्टी होने के बाद भी संचालक के विरूद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही होते नजर नहीं आ रहा है ।
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