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पिथौरा : छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ग्रामीण तबका की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को पंचायत स्तर पर क्रियान्वित कर रही है, पर इसे क्रियान्वयन करने वाले सचिव लापरवाही बरतने से बाज नही आ रहे हैं।
पिथौरा वि.ख. अंतर्गत ग्राम पंचायत पिपरौद में भी सचिव की लापरवाही से पंचायत भवन में ताला लटका हुआ है। सचिव श्रीमती हेमलता साहू महिने में एक दिन पंचायत भवन खोलकर अपने कार्यों की इतिश्री कर लेती हैं। जब पंचायत भवन के पास ही रहने वाले ग्रामीणों से जानकारी लेनी चाही तो उनका कहना था कि आज तक हम लोग सचिव को पहचाने तक नहीं हैं । महिने में एकात बार पंचायत भवन को खुलते देखा जाता है, बाकी दिन ग्रामीण अपने कार्यों के लिए सचिव के आने एवं पंचायत भवन के खुलने का इंतजार करते हैं।
पिपरौद में पंचायत भवन राजीव गांधी सेवा केन्द्र में संचालित किया जाता है। एक ओर जहां सचिव पंचायती राज की धज्जियां उड़ाकर शासन की योजनाओं को बेकार करने में लगी हुई है, तो वही ग्राम पंचायत पिपरौद का सचिव श्रीमती हेमलता साहू छत्तीसगढ शासन को भी धूमिल कर रही है।
मुख्यालय में नहीं रहती है सचिव
सचिव महीने के 29-30 दिन पिथौरा में छुट्टियां बिताती है। ऐसे में कार्यालयीन दिवस के दौरान पंचायत भवन में ताला लटकते आसानी से देखा जा सकता है। सचिव पंचायत के कार्यों में लापरवाही बरतने से कही भी बाज नही आ रही है। यही कारण है कि ग्राम पंचायत पिपरौद में हर तरफ अव्यवस्था का आलम है। ग्रामीणों के अनुसार पंचायती राज के कार्य एवं गांव में फैली अव्यवस्था के संबंध में सचिव को लाख बार बताने के बाद भी ध्यान नहीं देती, जिससे ग्राम पंचायत पिपरौद में पंचायती राज के काम पूरी तरह प्रभावित है।
ग्रा.पं.पिपरौद का अधुरा पडा है गौठान निर्माण कार्य |
पिपरौद ग्राम पंचायत के पंच दुर्योधन भोई ने बताया की छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, गुरुवा अउ बाड़ी के तहत गौठान निर्माण कार्य हेतु राशि आहरण के बाद भी अधुरा है, अधिकारियों की लापरवाही से भ्रष्टाचार की भेंट चढ रहा है गौठान ।
अधिकारियों का सचिव पर नहीं है कोई नियंत्रण
पंचायती राज को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए जितना सचिव जिम्मेदार है, उतना ही उन पर नियंत्रण करने के लिए विभाग के अधिकारी भी जिम्मेदारी के दायरे में आते हैं, पर सचिवों की लापरवाही देखने के बाद पता चलता है कि जनपद के अधिकारियों का सचिवों की कार्यशैली पर से नियंत्रण पूरी तरह हट चुका है। यही कारण है कि सचिव अपनी कार्यशैली से शासन प्रशासन का नाम धूमिल करने से कही भी बाज नहीं आ रहे हैं। ग्राम पंचायत पिपरौद में इन दिनों जिसका जीता जागता उदाहरण बना हुआ है।
क्रमश: -
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