रुपानंद सोई 94242 - 43631
Mahasamund : पिथौरा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बोईरलामी के सचिव वृन्दावन विश्वकर्मा की कार्यप्रणाली पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय है। मनमानी और व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते जहां ग्रामीण लगातार शिकायतें करते आ रहे हैं वहीं अधिकारियों से सांठगांठ के चलते सचिव वृन्दावन विश्वकर्मा हमेशा बचते रहा है। जिसके चलते उक्त सचिव के द्वारा लगातार जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, जनपद के अधिकारियों के साथ जबरदस्त ताल-मेल जमा कर विगत 15 सालों से ग्राम पंचायत बोईरलामी में पदस्थ है और जनपद के जिम्मेदार अधिकारी उसको लगातार संरक्षण देते आ रहे हैं। जिसकी वजह भी जाहिर है कि उक्त सचिव अपने बचाव के लिए तमाम जिम्मेदारों की जेबें भरता चला आ रहा है और बिकाऊ अमला मौन बना हुआ है ऐसा लोगों का कहना है।
मिली जानकारी अनुसार पंचायत सचिव वृन्दावन विश्वकर्मा के खिलाफ मनमानी और घोर भ्रष्टाचार के चलते ग्राम पंचायत बोईरलामी के ग्रामीणों ने दिनांक 30/07/2016 को कलेक्टर महासमुंद का पिथौरा प्रवास के समय शिकायत किये थे । उक्त शिकायत के तहत दिनांक 05/09/2016 को जिला पंचायत के द्वारा निलंबित कर, अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु जांच टीम गठित किया जा कर जांच कराई गई।
उक्त जांच में सचिव वृन्दावन विश्वकर्मा को पेंशन राशि आहरण कर प्रभक्षण करना पाया गया फिर भी उक्त दोषी सचिव के विरुद्ध विभागीय जांच आज-तक संस्थित नहीं कि गई ।
जिसके चलते उक्त सचिव आज भी बेखौफ भ्रष्टाचार को अंजाम देते आ रहा है। जनपद के जिम्मेदार अधिकारी लगातार उसे संरक्षण देते आ रहें हैं।जिसकी वजह भी जाहीर है उक्त सचिव अपने बचाव के लिए तमाम जिम्मेदारों का जेबें भरता चला आ रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि जिस पंचायत से सचिव वृन्दावन विश्वकर्मा को निलंबित किया गया था, निलंबन के ठिक 6 माह बाद उसी पंचायत में पदस्थ कर दिया गया , सचिव वृन्दावन विश्वकर्मा ग्राम पंचायत बोईरलामी से अपने स्वयं के नाम से कई लाख रूपये आहरण कर शासन की राशि को यु ही हडप रहा है । साथ ही अपने सगे भतीजा के नाम से भी लाखों रुपये आहरण किया जा चुका है जबकी उसके भतीजा का कोई फर्म संचालित नहींं है, और न ही उसने ग्राम पंचायत बोईरलामी में कोई कार्य किया है।
और आज भी मुख्यालय में नहीं रहता , सांकरा में निवास करता है। इसी तरह सचिव वृन्दावन विश्वकर्मा के हौंसले बुलंद है और शासन प्रशासन को ठेंगा दिखा रहा है , विगत 15 सालों से एक ही पंचायत में पद्स्थ होकर मनमानी फर्जीवाडा कर शासन से प्राप्त राशि का बंदरबाट किया जा रहा है ।
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