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Chhattisgarh : मंडप में ऐन मौके पर ऐसा सबूत लेकर पहुंच गए शिक्षक कि युवक नहीं बन पाया दूल्हा


प्रतिकात्मक फोटो

Stop marriage : युवक की शादी की खबर लगते ही जिले के अधिकारी (Officers) पहुंचे उसके घर, मंडप सजा हुआ था और शादी की चल रही थी तैयारी, अधिकारियों ने समझाइश दी कि यदि शादी (Marriage) हुई तो सभी को जाना पड़ेगा जेल

(News Credit by Patrika)

Chhattisgarh : सूरजपुर Stop Marriage: सूरजपुर कलक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर जिला प्रशासन की टीम बाल विवाह रोकने के लिए सक्रिय है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच कर परिजनों को समझाइश देकर बाल विवाह रोकने की कार्यवाही लगातार जारी है। इसी बीच ग्रामीणों द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को सूचना मिली कि ग्राम खड़ौली दुहियापारा विकास खण्ड ओडग़ी में एक नाबालिक लडक़े का बाल विवाह कराया जा रहा है। सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची लेकिन लडक़े परिजन ने कहा कि उसकी शादी की उम्र हो चुकी है। फिर स्कूल के शिक्षक को युवक का प्रमाण पत्र (Certificate) लेकर मौके पर बुलाया गया। शिक्षक जब प्रमाण पत्र लेकर पहुंचे तो दस्तावेज देखकर उसके 21 वर्ष से कम होने की पुष्टि हो गई, इसके बाद उसकी शादी रोक दी गई।

सूरजपुर जिले के ओडग़ी विकासखंड अंतर्गत खड़ौली के दुहियापारा में बाल विवाह की सूचना के सत्यापन हेतु चाइल्ड लाइन ओडग़ी की टीम को मौंके पर भेजा गया। यहां परिजन द्वारा जानकारी दी गई कि उसके जन्म तिथि से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं है लेकिन लडक़े का उम्र हो जाने के कारण विवाह संपन्न कराने की बात कही गई।

इसकी जानकारी टीम द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी को दी गई। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी चन्द्रबेस सिंह सिसोदिया को बताया कि ग्रामीण बालक के उम्र कम होने की बात कह रहे है और उसके परिजन उम्र पूरा होने की बात कर रहे है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने निर्देश दिया कि जांच करें और समझाइश देकर विवाह को रोकें। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने तत्संबंध में पुलिस चौंकी चेन्द्रा से सम्पर्क किया गया। 

शिक्षक लेकर पहुंचे सबूत
जब युवक के स्कूल टीचर से सम्पर्क किया गया तो वे दस्तावेज लेकर वहां पहुंचे। दस्तावेज परीक्षण पर पता चला कि लडक़ा अभी 19 वर्ष 6 माह का है। स्कूल से प्रमाण पत्र लेकर विवाह स्थल पर पूरी टीम के साथ जिला बाल संरक्षण अधिकारी गये जहां पर मण्डप काट कर उसकी पूजा बैगा द्वारा कराई जा रही थी। इसके बाद सभी को समझाइश दी गई कि यदि विवाह होता है तो सभी को जेल जाना पड़ सकता है।
21 वर्ष पूरा होने पर शादी करने की दी गई समझाइश
उन्हें बताया गया कि बालक की उम्र 19 वर्ष 06 माह हुआ है। 21 वर्ष होने पर ही विवाह हो पाएगा। बहुत समझाने पर ग्रामवासी विवाह नहीं करने को राजी हुए। मौके पर ग्राम पंचायत खड़ौली के सरपंच महेन्द्र पण्डो सचिव, आंगनाड़ी कार्यकर्ता मौजूद थे।
संयुक्त टीम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, जेजी वर्मा, जनार्दन यादव, अन्नपूर्णा पाटिल, चौकी चेन्द्रा के एएसआई हरिशंकर तिवारी, आरक्षक सुुशील कुमार मिश्रा उपस्थित थे।

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