Ad Code

Responsive Advertisement

रूस-यूक्रेन के बीच वॉर, युद्ध में फंसे MP-CG के सैकड़ों छात्र, कोई बंकर छिपा तो कोई बॉर्डर पर फंसा


(News Credit by IBC 24)
ब्यूरो रिपोर्ट, रायपुर: यूक्रेन पर हमले का शनिवार को तीसरा दिन रहा और इस बीच छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के यूक्रेन में फंसे छात्रों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। दोनों प्रदेश के सैकड़ों छात्र दिल्ली हेल्प डेस्क से संपर्क कर वहां से निकालने की गुहार लगाई है। कोशिश जारी है समय बीतने के साथ उनका डर और उनकी परेशानी भी बढ़ती जा रही है। क्या है वहां के हालात। किस परेशानी से जूझ रहे हैं यहां के लोग और क्या कुछ कोशिश की जा रही है इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से वहां फंसे भारतीय छात्र और उनके परिजन बेहद परेशान हैं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से सैकड़ों छात्र अभी भी यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में फंसे हुए हैं।रूस की लगातार बमबारी के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को एयरलिफ्ट करने की जद्दोजहद जारी है।लेकिन अभी भी कई छात्र फंसे हुए हैं।कोई बंकर में छिपकर अपनी जान बचाने को मजबूर है ।तो कोई घर वापसी के लिए बॉर्डर पर इंतजार कर रहा है।.ऐसे कुछ बच्चों ने वीडियो भेजकर मदद की गुहार लगाई है।

मध्यप्रदेश के भी कई स्टूडेंट यूक्रेन में दहशत के साये में जी रहे हैं। खरगोन के बड़वाह की छात्रा जान्हवी यादव ने एक वीडियो भेजा है। जिसमें यूनिवर्सिटी हॉस्टल से कुछ दूर अंडरग्राउंड भूमिगत मेट्रो स्टेशन में है।जहां लोग छिपे हुए हैं। थोड़ी-थोड़ी देर में बम की आवाज आती है। वहीं गंजबासौदा की छात्रा श्रृष्टि सोनी ने भी मदद की गुहार लगाता एक वीडियो भेजा है। मध्यप्रदेश के बालाघाट, बड़वानी, हटा, रीवा समेत कई जिलों के बच्चे जो यूक्रेन में फंसे हुए हैं। वीडियो भेजकर मदद की गुहार लगाई है।

मध्यप्रदेश के सैकडों छात्र यूक्रेन MBBS की पढ़ाई करने गए हैं।.लेकिन अब उनकी जान पर बन आई है।जिसे लेकर छात्रों के परिजन बेहद परेशान हैं।और वो सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।


मध्यप्रदेश सरकार ने यूक्रेन में फंसे विद्यार्थियों को लाने के लिए प्रयास तेज किए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गृह विभाग को हर दिन केंद्र से इस मामले में सम्पर्क कर यूक्रेन के भारतीय दूतावास से अपडेट जानने के निर्देश दिए हैं।

यूक्रेन में मध्य प्रदेश के 122 छात्रों के होने की सूचना सीएम हेल्पलाइन पर सरकार को मिली हैं।गृह विभाग के मुताबिक़ सीएम हेल्पलाइन पर लगातार मध्य प्रदेश के व्यक्तियों के यूक्रेन में होने की सूचनाएं मिल रही हैं, सभी सुरक्षित हैं।

मध्यप्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ के भी 135 लोगों के फंसे होने की खबर सामने आ चुकी है। इनमें से अधिकतर स्टूडेंट्स है। हर बीतते दिन के साथ उनकी तकलीफ भी बढ़ती जा रही है, क्योंकि बाजार में खाने पीने की सामान नहीं मिल रहा है। ग्रॉसरी स्टोर बंद है। एटीएम से पैसे निकल नहीं रहे है। लोग घर या हॉस्टल को छोड़ ज्यादातर समय बंद बंकर में बिता रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से दिल्ली में तैयार हेल्पडेस्क पर लोग लगातार संपर्क कर उन्हें निकलवाने की गुहार लगा रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी विदेश मंत्री से बात कर जल्द यहां के लोगों के रेस्क्यू करने की मांग कर चुके है।


दिल्ली हेल्प डेस्क के नोडल अधिकारी गणेश मिश्र बताते हैं कि फिलहाल उन्हीं लोगों का रेस्क्यू हो पा रहा है, जो लोग यूक्रेन से निकलकर रोमानिया, स्लोवाक जैसे पड़ोसी देशों की सीमा तक पहुंच रहे हैं। यहां पर मौजूद भारतीय दूतावास अधिकारी सभी इंडियन की पहचान कर उन्हें सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा रहे हैं. इसमें एक और संकट जुड़ गया है.पड़ोसी देशों की सीमा पर जहां पर यूक्रेन की पुलिस लोगों को रोक रही है. वहां टेंपरेचर भी माइनस 10 के करीब है। सबसे ज्यादा मुश्किल कीव और आसपास के शहरों में रहने वालों को हो रही। जहां लगातार बमबारी हो रही है। इन शहरों से निकलकर बॉर्डर तक पहुंचने में हमेशा जान का खतरा बना हुआ है। अगर कोई इस जोखिम को लेना भी चाहे तो टैक्सी का ख़र्च इतना ज्यादा ही कि लोग वहन नही कर पा रहे है। भारत सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है कि लोग समूह में एक साथ बाहर निकले और अपनी गाड़ी पर भारत का राष्ट्र ध्वज तिरंगा जरूर लगाकर रखें।


अब तक की जानकारी के मुताबिक जितने लोगों को रोमानिया और दूसरे देशों के माध्यम से बाहर निकाला गया है। हेल्प डेस्क के नोडल अधिकारी का कहना है कि जो भी लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं वो बस उन्हें आश्वासन दे पा रहे हैं, क्योंकि उन तक मदद पहुंचाने का फिलहाल कोई चैनल उपलब्ध नहीं है। अगर युद्ध विराम होता है या फिर लोग निकलकर बॉर्डर तक पहुंच जाते हैं तभी उनका रेस्क्यू अभी संभव है।


Ad code

1 / 7
2 / 7
3 / 7
4 / 7
5 / 7
6 / 7
7 / 7

ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer

Ad Code

Responsive Advertisement